क्या है, भारत में बांग्लादेशी अप्रवासियों के आव्रजन का कारण?

लखनऊ

 24-12-2019 10:55 AM
सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

विश्व भर में आज तमाम ऐसे देश हैं जिनमे अन्य देशों से आई हुई जनसँख्या का आंकड़ा बहुत ही बड़ा है। वर्तमान समय में भारत में कई देशों के अप्रवासी आकर निवास करते हैं इनमें से कई भारतीय नागरिकता लिए हुए हैं, कुछ कागजाद के साथ हैं और एक बड़ी आबादी अवैध रूप से निवास करती है। ऐसी जनसँख्या भारत में मुख्य रूप से पाकिस्तान, बंगलादेश, अफगानिस्तान आदि से हैं। इस लेख के माध्यम से हम बंगलादेशी प्रवासियों के बारे में चर्चा करेंगे। ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो बंगलादेश भारत का ही हिस्सा था लेकिन उपनिवेशिक काल के समय में ब्रितानी शासन (British Rule) के द्वारा एक बड़ी आबादी में लोग इस भूभाग से काम करने के लिए लाये गए थे। इनको लाने का मुख्य काम था विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर। उस काल में लाई गयी जनसंख्या के अलावा सबसे बड़े रूप से जिस जनसँख्या ने भारत में प्रवास किया वो बंगलादेश की आजादी के समय की है। उस समय एक तनाव पूर्ण माहौल जरूर बन गया था लेकिन इस प्रवास से दोनों देशों को आर्थिक लाभ जरूर मिला था। भारत में बांग्लादेशियों की संख्या का अनुमान व्यापक रूप से भिन्न है।

भारत सरकार द्वारा की गयी 2001 की जनगणना के समय में 3.1 मिलियन बांग्लादेशी आबादी निवास करती थी। वहीँ 2009 में एक आंकड़े के अनुसार भारत में बंगलादेशियों की संख्या 15 मिलियन की थी जिन्होंने यहाँ पर निवास किया था। 2012 में मुल्लापल्ली राम्चंद्रन, गृह राज्य मंत्री ने दावा किया कि अकेले भारत में 1.4 मिलियन लोग ने एक दशक में प्रवास किया। 2007 में भारत सरकार ने कहा कि गैर कानूनी रूप से भारत में 30,000 बंगलादेशी रह रहे हैं। अब उपरोक्त लिखित कथनों के अनुसार यह कहा जा सकता है कि भारत सरकार के पास अप्रवासी बांग्लादेशियों संख्या से सम्बंधित कोई ठोस आँकड़ा नहीं है । भारत में रहने वाली वैध, अवैध आदि प्रकार की जनसंख्या की भाषा मुख्य रूप से बांगला है। इसका एक महत्वपूर्ण कथन यह भी है कि बंगलादेश से भारत में आना एक अत्यंत ही सस्ता विकल्प है इसके लिए मात्र 2000 रूपए तक का खर्चा आता है। यह दोनों देश आपस में एकदम से सटे हुए हैं। कई बार जो कुछ जरूरी कागजात चाहिए वो भी मात्र 200 रूपए जैसी सस्ती राशि में बन जाते हैं। अतः एक बड़ी आबादी अवैध तरीके को वैध साबित कर के भारत में आ जाती है। बांग्लादेशी प्रवासियों का प्रभाव भारत में होने वाले चुनावों आदि में भी देखने को मिला है उसका जीता जागता उदाहरण आसाम है। वोटर आई डी कार्ड बनाना एक सरल उपाय है जिसका फायदा ये अप्रवासी लेते हैं। भारत में इनकी संख्या का कोई ठोस आंकड़ा न होने के कारण यह भी एक सरदर्द बना हुआ है कि इतनी बड़ी आबादी किस प्रकार से संभलेगी। भारत में नागरिकता क़ानून संविधान में लिखित वर्णनों के अनुसार चलता है। इस कानून में कई बार परिवर्तन किये गए हैं जिनमे सबसे ताजा उदाहरण अभी हाल ही में देखने को मिला है।

सन्दर्भ:-
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Bangladeshis_in_India
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Illegal_immigration_to_India
3. https://bit.ly/2Sb66jW
4. https://bit.ly/2sMP00S



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id