उपयोगी गुणों से भरपूर है कुमकुम का पेड़

वृक्ष, झाड़ियाँ और बेलें
23-12-2019 12:05 PM
उपयोगी गुणों से भरपूर है कुमकुम का पेड़

भारत में पेड़-पौधों की कई प्रजातियां पायी जाती है जिनमें से कुमकुम का पेड़ भी एक है। कुमकुम का वैज्ञानिक नाम मलोटस फिलिपेंसिस (Mallotus philippensis) जोकि यूफोर्बिएसी (Euphorbiaceae) परिवार से सम्बंधित है। इसमें फलों को ढकने के लिए एक आवरण पाया जाता है जिससे लाल डाई (Dye) बनायी जाती है। इस कारण ही इसे कुमकुम, कमला कमेला आदि नामों से जाना जाता है। पेड़ के संदर्भ में कई आध्यात्मिक या कलात्मक अवधारणाएं मौजूद हैं। मलोटस फिलिपेंसिस को कई अन्य स्थानीय नामों से भी जाना जाता है जो मुख्य रूप से मध्यम से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों अर्ताथ मानसून के जंगलों या वर्षावनों में पाया जाता है।

कुमकुम दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, साथ ही साथ अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में पाया जाता है। यदि इसके आकार की बात करें तो यह एक छोटा या मध्यम आकार का पेड़ है जिसकी ऊंचाई 25 मीटर तथा तने का व्यास 40 सेमी तक हो सकता है। तने का आधार अनियमित होता है तथा इसकी छाल चिकनी होती है। छोटी शाखाएं भूरे रंग की होती हैं, जिनमें छोटे-छोटे बाल लगे होते हैं। तने पर पत्तियां विपरीत दिशा में लगी होती हैं जोकि आकार में गोलाकार या दीर्घाकार हो सकती हैं। रेसाइम (racemes) पर पीले-भूरे रंग के फूल लगे होते हैं तथा नर और मादा फूल अलग-अलग पेड़ों पर उगते हैं।

मलोटस फिलिपेंसिस का उपयोग लाल डाई और हर्बल उपचार के लिए किया जाता है। यह रोटलेरिन (rottlerin) का भी उत्पादन करता है। कमेला पाउडर से लाल डाई बनायी जाती है जो फलों की ग्रंथियों के बालों से प्राप्त की जाती है। यह घी के लिए एंटी-ऑक्सीडेंट (anti- oxidant) के रूप में भी कार्य करता है। कमेला मुख्य रूप से टैपवार्म (Tapeworm) को नष्ट करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। इसका सेवन दूध के साथ किया जाता है तथा यह कई त्वचा रोगों के उपचार में भी लाभकारी है।

महिलाओं द्वारा लगाया जाने वाला सिंदूर कमला पाऊडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके बीजों से वसायुक्त तेल प्राप्त किया जाता है जिसे पेंट (paints) और वार्निश (varnishes) में मिलाया जाता है। पत्तियों का इस्तेमाल चारे के लिए जबकि लकड़ी का इस्तेमाल राफ्टर्स (rafters), टूल हैंडल (tool handles), मैच बॉक्स (match boxes) आदि बनाने के लिए किया जाता है। इसके छाल में टैनिन उपस्थित होता है जिसका उपयोग कई अन्य स्थानों में किया जाता है।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Mallotus_philippensis
2. https://greencleanguide.com/economic-importance-of-mallotus-philippensis/
3. https://bit.ly/35RrhLN