अत्यधिक शोषण के कारण उभर रही है हाथियों की दंत रहित (tusksless) प्रजाति

लखनऊ

 20-12-2019 01:47 PM
स्तनधारी

भारत दुनिया के 17 मेगाडाइवर्स (Megadivers) देशों में से एक है जहां दुनिया की 7-8 प्रतिशत दर्ज प्रजातियां पायी जाती हैं। इन प्रजातियों में एशियाई शेर, एक सींग वाले राइनो (Rhino), बंगाल के बाघ इत्यादि शामिल हैं। ये सभी जीव न केवल भारत के पर्यावरण इतिहास का अभिन्न अंग हैं, बल्कि कई क्षेत्रीय संस्कृतियों को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। वर्तमान समय में अर्थव्यवस्था के विकास के लिए इन जीवों का तेजी से बलिदान होता चला जा रहा है। एशियाई हाथियों की वर्तमान स्थिति से इस बलिदान या बदलाव को समझा जा सकता है। प्राचीन काल से ही हाथियों ने भारत की संस्कृति और परंपरा में एक विशेष स्थान प्राप्त किया है। उन्हें राजघरानों द्वारा परिवहन और युद्ध में साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इसके अतिरिक्त भगवान गणेश के रूप में भी हाथी को हिंदू धर्म में पूजा जाता है।

देश के 70 प्रतिशत से भी अधिक लोगों के लिए, हाथी धार्मिक महत्व रखते हैं। किंतु यह जानना निराशाजनक है कि आज भारत में लगभग 27,000 जंगली हाथी रह गए हैं। एक दशक पहले यह संख्या एक लाख से भी अधिक थी जो आज केवल 27,000 रह गयी है। जंगली हाथियों की इस आबादी में 98 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गयी है। भारत को दुनिया में एशियाई हाथियों की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी के लिए जाना जाता है। हालाँकि, वर्तमान समय में उनकी स्थिति विकट है, क्योंकि उनके सामने कई तरह के खतरे मौजूद हैं जैसे कि उनकी वन श्रृंखलाओं का सिकुड़ना, निवास स्थान का विखंडन, शरीर के अंगों के लिए अवैध शिकार, बंदी बनाया जाना और मानवजनित दबाव आदि। 1995 में स्थापित वन्यजीव एसओएस (SOS) ने भारत में प्रजातियों को बचाने के लिए 2010 में हाथियों के संरक्षण के लिए काम करना शुरू किया।

परियोजना के प्रारंभिक प्रयासों में भारत भर में बंदी हाथियों को बचाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था। बंदी हाथियों से अत्यधिक परिश्रम करवाया जाता है और जब वह बीमार होने लगते हैं तो उनका निपटान कर दिया जाता है। इस प्रकार विभिन्न कारकों के कारण हाथियों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। लखनऊ के चिडियाघर में भी हाथी को देखा जा सकता है। कुछ वर्षों पहले यहां के दो हाथियों को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा अन्य राष्ट्रीय उद्यान या अभयारण्य में भेजा गया। उनका कहना था कि हाथियों को घूमने के लिए बहुत अधिक जगह की आवश्यकता होती है क्योंकि वे शाकाहारी होते हैं और चिड़ियाघर की स्थिति उनके अस्तित्व को बनाए नहीं रख सकती है।

एक अनुमान के अनुसार, मार्च 2009 तक, पूरे देश में 26 चिड़ियाघरों और 16 सर्कसों में कुल 140 हाथी हैं। हाथियों का एक विशिष्ट लक्षण है और वो है इसका हाथी दांत जिसे टस्क (tusks) भी कहा जाता है। हाथी दांत बहुत अधिक उपयोगी होता है और इसलिए इसकी मांग बहुत अधिक है जिस कारण इन पर अवैध दबाव डाला जाता है। इन अवैध दबावों के चलते हाथियों का यह लक्षण गायब होने लगा है और वे बिना टस्क के ही पैदा हो रहे हैं। इसका उदाहरण अफ्रीका के मोज़ाम्बिक में गोरोंगोसा राष्ट्रीय उद्यान से लिया जा सकता है। शोधकर्ता बिना टस्क के पैदा हुए हाथियों के आनुवांशिकी और लक्षण के परिणामों को समझने का प्रयास कर रहे हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान में कार्य करने वाले एक शोधकर्ता का कहना है कि यह प्राकृतिक चयन नहीं बल्कि कृत्रिम चयन है जो दशकों से हाथियों के अवैध शिकार और दबाव के कारण हो रहा है।

हाथी के टस्क आमतौर पर आवश्यक हैं, विशेष रूप से नर हाथियों के लिए। नर अपने दांत का उपयोग लड़ाई के लिए और प्रजनन प्रक्रिया के लिए करते हैं। किंतु अत्यधिक दबाव और शोषण से खुद को बचाने के लिए इन्होंने यह लक्षण विकसित कर लिया है। सन 2000 में एडो हाथी राष्ट्रीय उद्यान (Addo Elephant National Park) में भी 174 में से 98 प्रतिशत हाथी मादाएं दंत रहित पायी गयी थी।

संदर्भ:-
1.
https://www.dnaindia.com/india/report-two-elephants-at-lucknow-zoo-to-go-to-wilds-1314135
2. https://on.natgeo.com/2Q3HU07
3. https://cbsn.ws/2rTujk5
4. https://bit.ly/374edmH



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id