क्यों है हमारी सड़कों की ऐसी दशा?

लखनऊ

 13-12-2019 11:49 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

वर्तमान काल में पूरी दुनिया भर में सड़कों आदि का निर्माण किया जा रहा है जो कि एक विकासशील देश या विकसित देश की एक बड़ी ज़रूरत है। भारत एक विकासशील देश है जहाँ बड़े पैमाने पर आज सड़कों आदि का निर्माण किया जा रहा है जो कि एक शोध का विषय है। भारत में सड़कें तो बन रही हैं लेकिन इनके निर्माण में कई खामियां हैं और गुणवत्ता की कमी है जिसके कारण यहाँ पर अधिकतर सड़कों की हालत खस्ता है। कई स्थानों पर ऐसा हो जाता है कि नयी बनी सड़कें भी गड्ढों से परिपूर्ण हो जाती हैं। कई ऐसे मार्ग हैं जिनमें सड़कों पर गड्ढे इतने अधिक हैं कि वे नए खतरों को जन्म दे रहे हैं। ऐसे में यह एक गंभीर प्रश्न है कि आखिर भारत में सड़कें अपने मानकों पर सटीक क्यों नहीं हैं और इनमें गुणवत्ता का अभाव क्यों रहता है?

भारत के शुरूआती दिनों में अर्थात आज़ादी के बाद से सड़कों के आधुनिकीकरण पर ध्यान कम था परन्तु सन 1995 के बाद इनके निर्माण के बुनियादी ढांचे में बदलाव देखा गया। भारत समय के साथ एक अत्यंत ही विशाल रोड निर्माता बन गया, लेकिन इसकी गुणवत्ता ने इसे हमेशा से परेशानी में डाला है। सड़क परिवहन का निर्माण करना अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है लेकिन इनका गुणवत्ता विहीन होना एक मज़ाक ही प्रतीत होता है। भारत दुनिया में आज दूसरा सबसे बड़ा सड़क तंत्र है परन्तु आज भी गुणवत्ता ना होने के कारण ये सड़कें उस प्रकार की सुरक्षा नहीं प्रदान कर पाती जिस प्रकार की सुरक्षा एक सड़क तंत्र से चाहिए रहती है। गर्मियों में कई स्थानों से ये भी खबर आती है कि सड़कें पिघल रही हैं जिसका सीधा मतलब है कि सड़क के निर्माण में गिट्टी का नाम मात्र का प्रयोग किया गया है और उसकी गुणवत्ता में भी कमी है।

यहाँ की सड़कों को नुकसान पहुँचाने वाले प्रमुख कारणों में से एक है ओवरलोडिंग (Overloading)। ओवरलोडिंग की समस्या सीधे जनसंख्या से जुड़ी हुयी होती है। जिस प्रकार से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, उसी प्रकार से गाड़ियों आदि की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में सड़क पर ज़्यादा दबाव आदि के पड़ने के कारण भी सड़कें खराब हो रही हैं। अब जब जनसँख्या का आंकड़ा और गाड़ियों की संख्या जिस प्रकार से बढ़ रही है, सड़क के मानकों को भी उसी प्रकार से बनाने की आवश्यकता है। वैश्विक स्तर पर सड़क निर्माण की तकनीकें आदि समय के साथ आगे बढ़ रही हैं अतः भारतीय जलवायु, मृदा परिक्षण, वर्षा आदि के मद्देनज़र सड़क बनाना एक बेहतर विकल्प है। भारत के अधिकतर महामार्ग आज भी संकरे हैं जो कि गति को धीमा तो करते ही हैं पर साथ में ये खतरनाक भी सिद्ध होते हैं।

वीआईपी (VIP) प्रवृत्ति जो कि भारत में मौजूद है, यह भी सड़कों पर दबाव बढ़ाने का कार्य करती है जिसमें सड़कों पर कई स्थानों पर दबाव बढ़ जाता है। इस वाकिये को समझने के लिए बिल क्लिंटन की आगरा यात्रा पढ़ना आवश्यक है। सड़कों का निर्माण जिस प्रकार से हो रहा है और पुरानी सड़क को यथास्थिति छोड़ उसके ऊपर नयी सड़कें बनाने से पारिस्थितिकी तंत्र पर भी प्रभाव पड़ता है। अब जैसे-जैसे सड़कों का स्तर बढ़ता है वैसे-वैसे उसके आस पास के आवासीय क्षेत्र नीचे होते जा रहे हैं। सड़कों और आवासीय इलाकों को एक समतल करने के लिए मिट्टी का भराव करना पड़ता है जो कि पारिस्थितिकी तंत्र पर खतरा है, कारण कि वास्तविक प्राकृतिक मिट्टी नयी मिट्टी के अन्दर दब जाएगी।

संदर्भ:
1.
https://www.thebetterindia.com/152644/pothole-free-roads-safety-india/
2. https://bit.ly/34ikUzz
3. https://aceupdate.com/2015/08/19/roads-in-india-a-quality-check/
4. http://tsunamionroads.org/Download/Chapter/10.pdf



RECENT POST

  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM


  • आइए, आज देखें, अब तक के कुछ बेहतरीन बॉलीवुड गीतों के चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     05-01-2025 09:27 AM


  • आइए चलते हैं, दृष्टिहीनता को चुनौती दे रहे ब्रेल संगीत की प्रेरणादायक यात्रा पर
    संचार एवं संचार यन्त्र

     04-01-2025 09:32 AM


  • आइए जानें, कैसे ज़ाग्रोस क्षेत्र के लोग, कृषि को भारत लेकर आए
    जन- 40000 ईसापूर्व से 10000 ईसापूर्व तक

     03-01-2025 09:26 AM


  • परंपराओं का जीता जागता उदाहरण है, लखनऊ का आंतरिक डिज़ाइन
    घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ

     02-01-2025 09:39 AM


  • कई विधियों के माध्यम से, प्रजनन करते हैं पौधे
    शारीरिक

     01-01-2025 09:27 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id