क्या है मधुमेह टाइप 1 और टाइप 2

लखनऊ

 14-11-2019 12:03 PM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

मधुमेह एक ऐसी बिमारी है जिसमे व्यक्ति की शारीरिक स्थिति में कई बदलाव देखने को मिलते हैं जैसे की शरीर का या फिर अत्यधिक पतला हो जाना या अत्यधिक मोटा हो जाना। 14 नवम्बर अर्थात आज का दिन विश्व मधुमेह जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह मधुमेह मिलिटस जागरूकता अभियान एक वैश्विक स्तर पर किया जाने वाला अभियान है जिसमे प्रत्येक वर्ष किसी न किसी विषय के आधार पर चर्चा की जाती है।

भारत मधुमेह की बिमारी पर विश्व में पहले पायदान पर खड़ा है और यहाँ पर कुल करीब 73 मिलियन के करीब के लोग इस रोग के शिकार हैं। यह बिमारी विभिन्न उम्र के लोगों को हो सकती है और इसके परिणाम बड़े ही जटिल हो सकते हैं तो आइये बात करते हैं बच्चों में मधुमेह की समस्या के बारे में औr यह भी जानने की कोशिश करते हैं की आखिर यह बिमारी बढ़ क्यूँ रही है। अब आंकड़ों की ओर अगर जाएँ तो विभिन्न बातें सामने आती हैं जैसे की भारत में टाइप 1 मधुमेह मेलिटस ग्रस्त बच्चों की कुल संख्या लगभग 97,700 है जो की एक ऐसी संख्या है जिससे हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है।

1992 में आयोजित एक कार्यक्रम के अनुसार जिसमे की 30 मधुमेह से ग्रसित बच्चों का इन्सुलिन आदि के आधार पर टेस्ट किया गया था जिससे कई बाते सामने आई थीं की यह करीब 0.26/1000 का आंकड़ा होगा। ध्यान रखने वाली बात यह है की ये बच्चे 15 वर्ष से कम उम्र के थे। एशियाई देशों से प्राप्त आंकड़े वास्तव में हिला के रख देने वाले है क्यूंकि यहाँ पर एक बड़ी आबादी के बच्चों को मधुमेह की गहरी सिकायत है। मधुमेह जीवन के किसी भी काल में हो सकता है यह एक अत्यंत ही प्राचीन और लाइलाज बिमारी है और यह बिमारी तब होती है जब मनुष्य के शरीर से पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इस बिमारी के बाद रक्तप्रवाह में बड़ी संख्या में शर्करा या शक्कर का निर्माण होता है जो की मूत्र के रास्ते से उत्सर्जित होता है। अन्तोगत्वा यह रोग एक लाइलाज रोग में परिवर्तित हो जाता है।

जैसा की ऊपर के पंक्तियों में भारत में बढ़ रहे बाल मधुमेह की शिकायत का आंकड़ा देख रहे हैं वह अत्यंत ही चिंतनीय विषय है। इन्सुलिन का शरीर में श्राव या उसकी कमी दोनों ही मधुमेह मेलिटस के कारण बनते हैं और दुनिया भर में इसकी स्थिति बढ़ रही है। इस मधुमेह के समस्या को टाइप 1 मधुमेह या जुवेनाइल (किशोर) मधुमेह कहा जाता है। यह बिमारी 0-14 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है। मधुमेह की बिमारी के लक्षण कुछ इस प्रकार से है जैसे- यह बिमारी होने पर खाने की ओर ज्यादा झुकाव, शरीर में मोटापा आदि का होना, मूत्र त्याग ज्यादा करना और अत्यधिक प्यासा महसूस करना। शरीर में खुजली होना, मुह का सूखा रहना और धुंधली आँखों की रौशनी आदि इस बिमारी के संकेत हैं। इसी के आधार पर टाइप 2 मधुमेह के भी कई कारक हैं।

सन्दर्भ:
1.
https://mayocl.in/2rICsr3
2. https://www.webmd.com/diabetes/guide/understanding-diabetes-symptoms#1
3. http://medind.nic.in/icd/t15/i7/icdt15i7p34.htm
4. https://www.outlookindia.com/website/story/juvenile-diabetes-on-the-rise/320052
5. https://www.healthline.com/health/difference-between-type-1-and-type-2-diabetes



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id