देश और दुनिया में वायु प्रदूषण की स्थिति है चिंता जनक

लखनऊ

 07-11-2019 12:02 PM
जलवायु व ऋतु

प्राकृतिक संसाधनों की बढती मांगों और इनका अत्यधिक दोहन करने या क्षति पहुंचाने के कारण प्रदूषण निरंतर बढता जा रहा है। प्रदूषण विभिन्न प्रकार के हैं, जिनमें वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। इसके दुष्प्रभाव से हर प्राणी वर्ग प्रभावित होता है जिस कारण यह सभी के लिए भारी चिंता का विषय है। वायु प्रदूषण वह अवस्था है जब हवा में मौजूद कोई भी पदार्थ मनुष्यों, जानवरों और वनस्पतियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने लगता है या नुकसान पहुंचाता है। ये प्रदूषक विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न होते हैं जो अपनी संरचना, स्रोत और स्थितियों के आधार पर अलग-अलग प्रभाव उत्पन्न करते हैं। औद्योगिक या परिवहन स्रोतों से निकलने वाली हानिकारक गैसों जैसे सल्फर डाइऑक्साइड (Sulfur dioxide-SO2), नाइट्रिक ऑक्साइड (nitrogen dioxide) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (nitrogen-oxide), प्रतिक्रियाशील हाइड्रोकार्बन (hydrocarbons) और कार्बन मोनोऑक्साइड (carbon monoxide-CO) आदि को "प्राथमिक प्रदूषक" की श्रेणी में रखा गया है जो वातावरण की शुद्ध वायु को बहुत बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। प्राथमिक प्रदूषकों से उत्पन्न होने वाले हानिकारक पदार्थों और गैसों को द्वितीयक प्रदूषकों की श्रेणी में रखा गया है। उदाहरण के लिए, O3 वायुमंडल में नाइट्रोजन ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन से बनता है तथा सल्फ्यूरिक एसिड (sulphuric acid) वायुमंडलीय सल्फर से उत्पन्न होता है जिस कारण इन्हें द्वितीयक प्रदूषकों की श्रेणी में रखा गया है।

ये गैसे जीवों को विभिन्न प्रकार से प्रभावित करती हैं। गैसों द्वारा मानव ऊतकों को नुकसान ऊतकों की जल में विलेयता, ऑक्सीकृत होने की क्षमता और प्रभावित व्यक्ति की संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। SO2 पानी में अत्यधिक घुलनशील है, जो हमारे वायुमार्ग और त्वचा को नुकसान पहुंचाती है जबकि NO2 और O3 कम घुलनशील हैं और इसलिए यह हमारे फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं। CO अत्यधिक घुलनशील और गैर-उत्तेजक होता है जोकि आसानी से रक्तप्रवाह में से होकर गुजरता है। यह हीमोग्लोबिन में उपस्थित ऑक्सीजन को प्रभावित कर विषाक्त प्रभाव उत्पन्न करता है जिसके परिणामस्वरूप ऊतक हाइपोक्सिया (Hypoxia) की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसी प्रकार अन्य गैसों के तत्व भी शरीर में उपस्थित जैविक तत्वों से क्रिया करके अपना हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करते हैं।

प्रदूषक पदार्थों को आमतौर प्रदूषक कण (PM) के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है। ये कण ठोस या गैस किसी भी रूप के हो सकते हैं। इन कणों का वर्गीकरण आकार या वायुगतिकीय व्यास के आधार पर किया जाता है। कुछ कणों को हम सरलता से देख सकते हैं जबकि कुछ को देखने के लिए हमें सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता होती है। PM10 कण, 10 माइक्रो मीटर या उससे कम व्यास के कण होते हैं जबकि PM2.5 कण, 2.5 या उससे कम व्यास वाले कण होते हैं। इस प्रकार ये कण विभिन्न प्रकार के हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करते हैं। PM10 हृदय और संवहनी रोगों के साथ जुड़ा हुआ है। PM10 और PM2.5 कण हमारे फेफडों को प्रभावित कर हमारे रक्त प्रवाह को भी प्रभावित करते हैं, जिससे दिल के दौरे जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। बड़े कण श्लेष्म झिल्ली और ऊपरी वायुमार्ग को प्रभावित करते हैं, जिससे खांसी या अन्य श्वसन सम्बंधी समस्या हो सकती है।

दैनिक वायु गुणवत्ता को मापने के लिए वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air quality index -AQI) का उपयोग किया जाता है। यह एक सूचकांक है जो यह बताता है कि आपकी हवा कितनी साफ या प्रदूषित है और इससे जुड़े स्वास्थ्य प्रभाव आपके लिए चिंता का विषय हो सकते हैं या नहीं। कुछ घंटे या दिन प्रदूषित वायु में सांस लेने के कारण स्वास्थ्य पर पडने वाले प्रभावों पर भी AQI ध्यान केंद्रित करता है। AQI का स्तर जितना अधिक होगा, वायु प्रदूषण का स्तर भी उतना ही अधिक होगा और स्वास्थ्य की चिंता भी उतनी ही अधिक होगी। उदाहरण के लिए, यदि AQI, 50 है तो यह अच्छी वायु गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व करता है जबकि यदि AQI, 300 से अधिक है तो यह खतरनाक तथा हानिकारक वायु गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व करता है।

रामपुर में AQI, 155 आंका गया है जो अस्वास्थ्यकर स्थिति है। किंतु यदि पूरे उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश का AQI 400 के आसपास है जिसे बहुत खतरनाक स्थिति या आपातकालीन स्थिति माना जाता है। इस प्रकार पूरे उत्तर प्रदेश की औसत तुलना में रामपुर की वायु गुणवत्ता अच्छी तथा ताजी सांस लेने के लिए उपयुक्त है।

वायु प्रदूषण के परिणामस्वरूप व्यक्ति निम्नलिखित प्रभावों से प्रभावित हो सकते हैं:
अधिकांश प्रदूषित क्षेत्रों में, विशेष रूप से NO2 और PM.28 में वृद्धि के साथ नींद की कार्यक्षमता कम हो जाती है।
वायु प्रदूषण का विशेष प्रभाव बच्चों पर सर्वाधिक होता है। क्योंकि बच्चे औरों की अपेक्षा अधिक सांस लेते हैं और इस प्रकार वातावरण के प्रदूषक कण उनके शरीर में आसानी से चले जाते हैं। छोटे बच्चे मुख्य रूप से भीतर होने वाले प्रदूषकों से प्रभावित होते हैं जो उनके प्रतिरक्षा तंत्र और फेफडों को नुकसान पहुंचाता है।
वायु प्रदूषण मातृ-भ्रूण स्वास्थ्य और प्रजनन स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। गर्भावस्था के दौरान वायु प्रदूषण का संपर्क गर्भावस्था के प्रतिकूल परिणामों और कम भ्रूण के विकास से जुड़ा हुआ है।
कई अध्ययनों में पाया गया है कि वायु प्रदूषण प्रजनन दर में कमी और गर्भपात के खतरे से जुड़ा हुआ है।
यद्यपि वायु प्रदूषण सभी क्षेत्रों, उम्र और सामाजिक और आर्थिक समूहों के लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन इससे कुछ व्यक्तियों में स्वास्थ्य के खराब होने और मृत्यु की संभावना अधिक होती है। उदाहरण के लिए अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व में रहने वाले लोग दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में औसतन प्रदूषकों के उच्च स्तर के बीच सांस ले रहे हैं जिससे इनमें अधिक स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं देखने को मिलती हैं।

सन्दर्भ:
1.
https://journal.chestnet.org/article/S0012-3692(18)32723-5/fulltext
2. https://bit.ly/33fMTA6
3. https://airnow.gov/index.cfm?action=aqibasics.aqi



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id