प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि बाढ़, सूखा, बवंडर और भूकंप आदि जहां कहीं भी आते हैं वहाँ काफी व्यापक रूप से क्षति पहुंचाते हैं। वहीं प्राकृतिक आपदाओं को आने से ना कोई एकदम से रोक सकता है और ना ही इनके आने का कोई सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। भारत में भी लगभग सभी आपदाओं और उनसे होने वाले नुकसान से आम लोग अच्छी तरह से परिचित हैं, लेकिन भारत में बवंडर काफी कम आते हैं तो उनसे होने वाली हानि का अधिकांश लोगों को नहीं पता होगा।
उत्तर भारत में 2018 के विनाशकारी धूल के तूफान के मौसम के दौरान, कई प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि उन्होंने सबसे तीव्र धूल के तूफान के दौरान बवंडर जैसे तूफान को देखा था। इस तूफान ने राजस्थान के कुम्हेर शहर के पास एक तेल की मिल को भी नष्ट कर दिया था। अब आप इस से अनुमान लगा सकते हैं कि ये बवंडर कितना भयावी होता है। 2010 में भारत के पूर्वी हिस्सों में आए एक बवंडर ने 130 लोगों की जान ले ली थी और 1 लाख घरों को नष्ट कर दिया था। ज़ाहिर सी बात है कि अब आपके मन में ये सवाल ज़रूर आया होगा कि इतनी क्षति पहुंचाने वाले ये बवंडर बनते कैसे होंगे? बवंडर को सक्षम करने वाले चार प्रमुख कारण निम्न हैं:
1) वायुमंडल के निचले से मध्य स्तर तक नमी का होना।
2) अस्थिर हवा, यानी वो हवा जो ज़मीन से एक बार उठने के बाद लगातार उठती रहें।
3) एक हवा को उठाने के लिए कुछ बल की आवश्यकता ज़रूर होती है। हवा को उठाने वाला सबसे आम बल ज़मीन के पास हवा का गरम होना होता है। हवा के गर्म होते ही वह हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है।
4) अमेरिका में बवंडर शायद इसलिए बनते हैं क्योंकि वहाँ मौजूद बड़े, समतल मैदान बवंडरों के बनने की गुंजाइश को बढ़ा देते हैं। भारत में इतने ज्यादा बवंडर इसलिए भी नहीं आते हैं क्योंकि भारत अमेरिका से लगभग 1/3 आकार का है और यहाँ की जलवायु बहुत उष्णकटिबंधीय है। साथ ही भारत में भूमध्य रेखा से आने वाली गर्म हवा और ध्रुवों से आने वाली ठंडी हवा एक साथ नहीं टकराती हैं।
कुछ वैज्ञानिकों का मानना था कि बवंडर तूफान के बादलों में चिमनी (Chimney) जैसी हवा प्रणालियों के रूप में उत्पन्न होता है और आसपास से हवा को एकत्रित करते हुए पृथ्वी में नीचे की ओर अपना रास्ता बनाता है। यह एक शंक्वाकार रचना होती है जो अपने आस पास की सभी चीजों को अपने अंदर समा लेती है। लेकिन अब एक नए अध्ययन से पता चलता है कि इस वैज्ञानिक विश्वास को एक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। एक अध्ययन में कहा गया है कि बवंडर का निर्माण ज़मीन से होते हुए आसपास की हवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करते हुए ऊपर की ओर होता है। वैज्ञानिकों ने बवंडर की उत्पत्ति को मापने वाले एक उपकरण को ज़मीन के स्तर से थोड़ा ऊपर कि ओर रखा और उनके अवलोकनों से यह स्पष्ट हो गया कि बवंडर बादलों से नहीं बल्कि ज़मीन पर बनते हैं।
आम तौर पर अधिकांश लोग बवंडर, चक्रवात और तूफ़ान को एक ही समझते हैं। वैसे तो इनमें कुछ ज्यादा अंतर नहीं है परंतु इनमें केवल एकमात्र यह अंतर है कि ये उष्णकटिबंधीय तूफान की उत्पत्ति के क्षेत्र पर आधारित होते हैं। तूफ़ान, चक्रवात और आंधी ये सभी एक जैसे ही मौसम से उत्पन्न होते हैं बस अलग-अलग स्थानों में इनके लिए अलग-अलग नामों का उपयोग किया जाता है। लेकिन बवंडर पूरी तरह से अलग चीज़ है, इसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात के साथ भ्रमित न करें। इनमें केवल एक ही समानता है कि इन दोनों में मज़बूत घूमने वाली हवाएं होती हैं जो बड़ी मात्रा में नुकसान का कारण बनती हैं। लेकिन चक्रवात के विपरीत ये केवल भूमि पर ही उत्पन्न होते हैं।
बवंडर के दौरान सुरक्षित रहने के लिए, एक योजना और एक आपातकालीन सामग्री तैयार करें, ख़राब मौसम की स्थिति से अवगत रहें, घर के अंदर और बाहर दोनों ही जगह में सुरक्षित स्थान देखें, और हमेशा अपने सिर की सुरक्षा करें। कई बवंडर इतने कमज़ोर होते हैं कि यदि आप सुरक्षा सावधानियों का पालन करते हैं तो आप उन बवंडरों से बच सकते हैं। निम्न आपको सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं :-
• बवंडर के दौरान सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा तरीका है कि आपके पास बैटरी संचालित टीवी (TV), रेडियो (Radio), या इंटरनेट-सक्षम डिवाइस (Internet Enabled Device जो नवीनतम आपातकालीन मौसम की जानकारी दे सकें) हों।
• आप एक बवंडर आपातकालीन योजना बना सकते हैं जिसमें अपने लिए और विशेष ज़रूरतों वाले लोगों के लिए "सुरक्षित आश्रय" तक पहुंच शामिल हो।
• साथ ही एक आपातकालीन साम्रगी (पानी, खराब न होने वाला भोजन और दवा सहित); तथा टेलीफोन नंबर (Telephone Numbers) सहित महत्वपूर्ण जानकारी की एक सूची पहले से ही मौजूद रखें।
• बवंडर में अधिकतर मृत्यु और चोटें तूफान में उड़ने और ज़मीन पर गिरने वाले मलबे के कारण होती हैं। हालांकि एक बवंडर के दौरान पूरी तरह से सुरक्षित जगह कोई नहीं होती है लेकिन कुछ स्थान दूसरों की तुलना में अधिक सुरक्षित हो सकते हैं, जैसे कि बिना खिड़कियों वाले सबसे निचली मंजिल में या कमरे में आश्रय ले सकते हैं। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए किसी अधिक मज़बूत चीज (एक भारी टेबल) के नीचे बैठ जाएं। अपने शरीर को कंबल, या गद्दे से ढक लें या सिर को किसी भी उपलब्ध चीज़ से सुरक्षित रखें।
सुनिश्चित करें कि घर के बड़े अपने बच्चों को बवंडर के बारे में संपूर्ण जानकारी दे कर रखें जैसे कि बवंडर क्या है? बवंडर कैसा दिखता है और सुरक्षित आश्रयों के बारे में भी बताएं। ध्यान रहे कि बवंडर की ताकत का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता है तो इसलिए मौसम खराब होने पर उसकी तत्कालीन जानकारी से अवगत रहें और किसी सुरक्षित स्थान में जाने का प्रयास करें।
संदर्भ:
1. https://www.quora.com/Why-don-t-tornadoes-occur-in-India
2. https://wxch.nl/34n6RJl
3. https://bit.ly/2qdEQoT
4. https://www.cdc.gov/features/tornadosafety/index.html
चित्र सन्दर्भ:
1. https://pxhere.com/en/photo/718730
2. https://www.flickr.com/photos/fireboatks/27247195301
3. https://www.pexels.com/photo/tornado-on-body-of-water-during-golden-hour-1119974/
4. https://pixabay.com/images/search/tornado/
5. https://pixabay.com/photos/plane-wreckage-storm-tornado-3719406/
6. https://www.maxpixel.net/Sky-Weather-Storm-Cloud-Thunderstorm-Tornado-Rain-3263218
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