क्या मनुष्य शरीर का कोई अंग हो सकता है पुनः उत्पन्न?

लखनऊ

 01-11-2019 11:47 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

यदि आप एक सैलामैंडर (Salamander) का पैर काटते हैं, तो उसका पैर वापस उग जाता है, छिपकली की पूँछ के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है। लेकिन ऐसे ही मानव शरीर के पास किसी अंग को पुनः उत्पन्न करने की क्षमता क्यों नहीं होती है? वास्तव में मनुष्यों सहित सभी जीवों के शरीर में किसी न किसी अंग को पुन: उत्पन्न करने की क्षमता होती है। लेकिन यह प्रक्रिया निचले जीवों में बहुत अधिक विकसित हो चुकी है जैसे पौधों; एक कोशिकीय जीवों जैसे कि बैक्टीरिया (Bacteria), शैवाल और कवक और कई अकशेरुकी जंतु जैसे केंचुआ और स्टारफिश (Starfish)। घायल होने पर ये जीव नए सिर, पूंछ और शरीर के अन्य अंग विकसित कर सकते हैं।

वहीं वैज्ञानिक इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि स्तनधारियों में नए अंग विकसित करने की समान क्षमता क्यों नहीं होती है। परंतु उन्हें लगता है कि यह इसलिए होता है क्योंकि स्तनधारियों में अधिक जटिल जैविक संरचनाएं होती हैं; अंग पुनर्जनन को सुनिश्चित करने के लिए परिष्कृत नियंत्रण की आवश्यकता होगी ताकि अंग नियंत्रण से बाहर न जाएं। उदाहरण के लिए, मानव कोशिकाएं पहले से ही सुरक्षा तंत्र से लैस हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यक्तिगत कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विकसित न हों। वैसे अगर देखा जाए तो मानव शरीर द्वारा भी कई अंगों का पुनर्जनन किया जाता है, जैसे कि जब शरीर में कोई छोटा सा घाव लगता है तो त्वचा कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने वाली प्रक्रिया के कारण वह घाव बिना किसी निशान के ठीक हो जाता है।

वहीं यदि नाखूनों के नीचे की कोशिकाएं ठीक हों तो मानव शरीर के लिए उंगलियों के सिरे को फिर से बनाना संभव है। यदि उंगली के उस टूटे हुए हिस्से के टुकड़ों को फिर से एक साथ जोड़ा जाएं तो हड्डियां स्वयं एक साथ जुड़ जाती के सिरे हैं। साथ ही हम मनुष्यों का लीवर (Liver) किसी स्थान को भरने और क्षतिग्रस्त हुई कुछ संरचना के पुनर्निर्माण के लिए और अधिक बढ़ सकता है। निम्न शरीर के अंगों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जिन्हें वर्तमान समय तक प्रयोगशाला में बनाया गया :-

1. फैलोपियन ट्यूब (Fallopian Tubes)
बर्लिन में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इंफेक्शन बायोलॉजी (Max Planck Institute for Infection Biology) के वैज्ञानिकों द्वारा स्टेम (Stem) कोशिकाओं का उपयोग करके मानव फैलोपियन ट्यूब की सबसे भीतरी कोशीय परत को विकसित किया गया था। ये संरचनाएं एक महिला के शरीर के अंदर अंडाशय और गर्भाशय को जोड़ती हैं।

2. छोटा मस्तिष्क, छोटा दिल, छोटा गुर्दा, छोटे फेफड़े
ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी (Ohio State University) के वैज्ञानिकों द्वारा एक पेंसिल इरेज़र (Pencil Eraser) के आकार के मस्तिष्क को त्वचा कोशिकाओं से विकसित किया गया। यह छोटा मस्तिष्क संरचनात्मक और आनुवंशिक रूप से 5 सप्ताह के मानव भ्रूण के मस्तिष्क के समान है। वहीं ऐसे ही कई अन्य वैज्ञानिकों द्वारा छोटा दिल, छोटा गुर्दा, छोटे फेफड़े को विकसित किया गया है।

3. ईसोफेगस (Oesophagus)
रूस के क्रास्नोडार के कूबन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी (Kuban State Medical University) में, शोधकर्ताओं के एक अंतर्राष्ट्रीय समूह ने तीन सप्ताह के लिए स्टेम कोशिकाओं को बढ़ाकर एक ईसोफेगस का निर्माण किया।

संदर्भ:
1.
https://bit.ly/2pjV2VH
2. https://bit.ly/2NxO47h
3. https://bit.ly/36hK0AV



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