कैसे मापा जाता है पानी का बिल?

लखनऊ

 21-10-2019 12:18 PM
सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने पानी के बिल (Bill) का भुगतान करना पड़ता है। जो लोग कुशलता से पानी का उपयोग करते हैं उनका पानी का बिल अवश्य कम आता है, वहीं प्रचुर मात्रा में पानी का उपयोग करने वाले लोगों का मासिक बिल काफी अधिक आता है। यदि आप यह जानने में सफल रहते हैं कि आपका पानी का मीटर कैसे कार्य करता है तो अवश्य आपको अपने पानी के उपयोग पर अधिक नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी और आपका पानी का बिल भी अधिक नहीं आएगा।

पानी का बिल यह दर्शाता है कि पानी के मीटर (Meter) की रीडिंग (Reading) के आधार पर आप महीने के भीतर कितना पानी इस्तेमाल करते हैं। पानी का मीटर प्रत्येक महीने आपके घर में आने वाले पानी के प्रवाह को मापता है जबकि पानी का गणनाफलक उस पानी की मात्रा को मापता है जिसका उपयोग किया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि आप बर्तन धोने, स्नान या पेय के लिए कितने भी पानी का उपयोग करें, यह सब एक ही में मापा जाता है। अधिकांश लोगों को यह पता होगा कि हमारे घरों में लगे ये पानी के मीटर भी विभिन्न प्रकार के होते हैं। पानी के मीटर की शैली, उद्देश्य और आकार यह तय करता है कि मीटर कैसे काम करेगा, तो मीटर निम्न तीन अलग-अलग प्रकार में आते हैं :-
विद्युत चुम्बकीय मीटर : यह पानी के उपयोग का पता लगाने के लिए विद्युत वोल्टेज (Voltage) का उपयोग करता है। जब पाइप लाइन (Pipeline) के माध्यम से पानी आता है, तब चुंबकीय क्षेत्र और इलेक्ट्रोड (Electrode) पाइप के हिस्से को घेरते हैं, जिससे एक विद्युत वोल्टेज बनाता है। इलेक्ट्रोड द्वारा यह पता लगाया जाता है कि कितना पानी उत्पन्न हो रहा है और उससे वोल्टेज को मापा जाता है।

मैकेनिकल इंसर्ट मीटर (Mechanical insert meters) : यह एक अधिक परंपरागत प्रकार का मीटर है। इस मीटर में एक उत्तेजक होता है, यह उत्तेजक एक घूमने वाला उपकरण होता है जो पानी के बहने के माध्यम से घूमता है और इस उत्तेजक के नियमित आवर्तन को मापा जाता है। सही रीडिंग प्राप्त करने के लिए पानी के मीटर को पानी से भरा होना चाहिए।

अल्ट्रासोनिक मीटर (Ultrasonic meter) : यह पानी की गति को मापने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सेंसर का उपयोग करता है। यह गति को मापने के बाद उसे प्रवाह दर में परिवर्तित कर देता है। दो ट्रांसड्यूसर (Transducers) (एक उपकरण जो भिन्नता को एक भौतिक मात्रा में परिवर्तित करता है, जैसे कि पानी को एक विद्युत संकेत में) पाइप पर स्थित होते हैं, और यह गति की गणना करते हैं।

वहीं यदि आपका पानी का बिल उच्च आता है, तो आप निम्न उपायों को अपना सकते हैं:
1)
कृपया सुनिश्चित करें कि प्रारंभिक और अंतिम मीटर रीडिंग संख्या प्रत्येक बिल पर उल्लेखित हो और वे पिछले बिलों के अनुरूप हो। क्योंकि कभी-कभी संख्याओं को छोड़ दिया जाता है और फिर बिल को अनौपचारिक आधार पर भेजा जाता है।
2) आप अपने भवन के अंदर और बाहर की पानी की लाइनों की जाँच कर सकते हैं। नगर निगम कार्यालय में मामूली शुल्क का भुगतान करके बाहरी लाइनों और आपके पानी के मीटर का पुन: परीक्षण किया जा सकता है।
3) पुन: परीक्षण के बाद, आपको नियमित रूप से अपने दैनिक मीटर रीडिंग की निगरानी करने की आवश्यकता है। यदि आपका बिल आपके दैनिक रिकॉर्ड (Record) किए गए मूल्यों से अधिक होता है, तो आपको जांच करवाने की आवश्यकता है। बिल को कभी-कभी आपके पानी की मेनलाइन (Mainline) के आकार या भंडारण टैंक की क्षमता के आधार पर अनुमान लगा के अत्यधिक दिया जाता है, जो वर्तमान उपयोग से 2-3 गुना ज़्यादा हो सकती है।
4) यदि कोई आंतरिक भूमिगत पाइप रिसाव नहीं पाया जाता है, तो जांच लें कि क्या मीटर में कोई कमी हो सकती है। एक सटीक डिजिटल (Digital) वॉटर मीटर का इस्तेमाल करें। अपने पानी के बिल पर टिप्पणियों का निरीक्षण करें, जो निम्नलिखित में से एक कोड (Code) पर आधारित होती है:

भारतीय जल पदचिह्न 980 क्यूबिक मीटर प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति है और अंतर्राष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान की भविष्यवाणी है कि 2025 तक भारत में हर तीन में से एक व्यक्ति "अल्प जल" की स्थिति में रहेगा। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को जल का सही रूप से इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।

संदर्भ:
1.
https://www.hunker.com/13416502/how-does-a-water-meter-work
2.http://diehardindian.com/water-bills/



RECENT POST

  • आइए समझते हैं, कैसे एग्रोफ़ॉरेस्ट्री, किसानों की आय और पर्यावरण को बेहतर बनाती है
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:32 AM


  • आइए देंखे, मोटो जी पी से जुड़े कुछ हास्यपूर्ण और मनोरंजक क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:27 AM


  • लखनऊ के एक वैज्ञानिक थे, अब तक मिले सबसे पुराने डायनासौर के जीवाश्म के खोजकर्ता
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:35 AM


  • लखनऊ की नवाबी संस्कृति को परिभाषित करती, यहां की फ़िज़ाओं में घुली,फूलों व् इत्र की सुगंध
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:24 AM


  • रक्षा क्षेत्र में, पूरे देश को आत्मनिर्भर बना रहा है, उत्तर प्रदेश
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:28 AM


  • शारदा सहायक परियोजना की नहरों ने, लखनऊ क्षेत्र के कई किसानों की मदद की है
    नदियाँ

     18-12-2024 09:28 AM


  • पक्षी जीवन से भरा हुआ है लखनऊ का प्राकृतिक परिदृश्य
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:32 AM


  • क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ से बचाव करना, आज के समय है आवश्यक
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:36 AM


  • आइए, कुछ सबसे लोकप्रिय यूरोपीय क्रिसमस गीतों का आनंद लें
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:47 AM


  • राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर जानिए, लखनऊ के ग्रीन होम्स, कैसे कर रहे हैं, ऊर्जा की बचत
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id