वाहनों की गति को मापता रडार स्पीड गन

लखनऊ

 21-10-2019 12:01 PM
सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

वर्तमान में ऐसा कोई दिन नहीं है जिस दिन हम अखबारों में सड़क दुर्घटनाओं की खबरों को नहीं पढ़ते। साफ-सुथरी तथा लम्बी चौड़ी सड़कों पर भी दुर्घटनाओं का होना अब आम सा हो गया है। आंकड़ों के अनुसार 73% सड़क दुर्घटनाएं साफ-स्वच्छ मौसम में होती हैं जबकि खराब मौसम जैसे बारिश और कोहरे में ये दुर्घटनाएं क्रमशः 9.5% और 5.8% होती हैं। इन सभी दुर्घटनाओं की केवल एक वजह है और वो है तेज़ गति से वाहन चलाना। इन दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई तकनीकें और तरीके विकसित कर लिए हैं जिनके द्वारा तेज़ गति से वाहन चलाने पर रोक लगायी जा सकती है तथा दुर्घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है। इन तरीकों की मदद से अब ट्रैफ़िक (Traffic) पुलिस आसानी से तेज़ वाहन चला रहे चालक का चालान करती है ताकि तेज़ गति से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। वाहन की गति को मापने के सबसे आम तरीके पेसिंग (Pacing), रडार (Radar), एयर क्राफ्ट डिटेक्शन (Air craft detection), लेज़र (laser) और वस्कर (VASCAR) हैं।

पेसिंग:
इस तरीके में वाहन की गति को मापने के लिए आपका तब तक पीछा किया जाता है जब तक उसकी गति आपकी गति के बराबर नहीं हो जाती। फिर आपका पीछा करने वाला अधिकारी यह निर्धारित करता है कि आपकी गति और उसकी गति समान है। अधिकारी लगभग 2 मील तक आपका पीछा कर सकता है। इसके बाद वह अपने स्पीडोमीटर (Speedometer) को देखकर आपके वाहन की गति को निर्धारित करेगा।

एयर क्राफ़्ट डिटेक्टर (Air craft detector):
इसके माध्यम से भी वाहन की गति को मापा जा सकता है। हाईवे पर दो निशान बने होते हैं। एक हाईवे की शुरुआत में और एक हाईवे के अंत में। सबसे पहले उस वाहन को देखा जाता है जिसकी गति आस-पास के ट्रैफ़िक (Traffic) की गति से अधिक होती है। जब वह वाहन शुरुआती चिह्न को पार कर लेता है तो एक स्टॉपवॉच (Stopwatch) जैसे उपकरण से समय की माप की जाती है। जब वाहन अंतिम बिंदु तक पहुंच जाता है तो स्टॉपवॉच को रोक दिया जाता है। इन दोनों बिंदुओं के बीच की दूरी तय करने में जितना समय लगता है उसका मापन किया जाता है। इस प्रकार वाहन की एक सटीक गति भी उपलब्ध हो जाती है।

विज़ुअल एवरेज स्पीड कंप्यूटर एंड रिकॉर्डर (Visual Average Speed Computer and Recorder-VASCAR):
यह एक छोटा कंप्यूटर है जो किसी विशिष्ट दूरी की यात्रा करने में लगने वाले समय के आधार पर एक वाहन की गति की गणना करता है। यह आमतौर पर गश्ती कार के स्पीडोमीटर में लगा होता है जो अपने वाहन की गति के ज़रिए आपके वाहन की गति को माप लेता है।

वर्तमान में वाहन की गति को मापने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक उपकरण रडार स्पीड गन (Radar speed gun) भी है जिसे रडार गन और स्पीड गन भी कहा जाता है। यह एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग चलती वस्तुओं की गति को मापने के लिए किया जाता है। इसके उपयोग को अक्सर पेशेवर खेलों में भी देखा जा सकता है। जैसे क्रिकेट (Cricket), बेसबॉल (Baseball), टेनिस (Tennis) आदि में गेंद की गति को मापने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। यह किसी भी चलती वस्तु की गति की सटीक माप करता है। इसमें एक डॉपलर (Doppler) रडार होता है जो डॉपलर प्रभाव उत्पन्न करता है। यह माइक्रोवेव सिग्नल (Microwave signal) को चलती वस्तु पर फेंकता है और लौटे हुए सिग्नल का विश्लेषण करता है कि वस्तु से लौटे सिग्नल की आवृत्ति में क्या बदलाव आया।
डॉपलर प्रभाव के कारण ही चलती वस्तुओं की गति को मापा जा सकता है। अन्य रडार की भांति यह रेडियो ट्रांसमिटर (Radio transmitter) और रिसीवर (receiver) से मिलकर बना होता है जो एक संकीर्ण किरण-पुंज में एक रेडियो सिग्नल भेजते हैं और जब यह वस्तु तक पहुंचती है तो इसके बाद उसी सिग्नल को वापस प्राप्त करते हैं। डॉपलर प्रभाव के कारण, यदि वस्तु उपकरण से पास या दूर जा रही है तो वापस आने पर प्रतिबिंबित रेडियो तरंगों की आवृत्ति संचरित तरंगों से अलग होती है। जब वस्तु रडार के पास आ रही होती है, तो वापस आयी तरंगों की आवृत्ति संचरित तरंगों की तुलना में अधिक होती है और जब वस्तु दूर जा रही होती है तो आवृत्ति कम हो जाती है। इस अंतर से, रडार गन उस वस्तु की गति की गणना कर सकता है जिससे तरंगें होकर गुज़री हैं।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Radar_gun
2. https://bit.ly/2mfn7LI
3. https://bit.ly/35TzOhy
4. https://bit.ly/31yH1Av



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id