बिना सब्ज़ियों के खाना जैसे कि पूर्ण ही नहीं होता। खाने में यदि देखा जाए तो भारत में विभिन्न प्रकार की सब्ज़ियाँ खाई जाती हैं जिनमें गोभी, टमाटर, बंद गोभी, बैंगन, मटर, प्याज़ आदि प्रमुख हैं। ये सब्ज़ियाँ ऐसी हैं जिनकी मांग बड़े पैमाने पर बाज़ार में है। शाक सब्ज़ियों की भी बड़ी मांग बाज़ार में है जिनमें पालक, मेथी आदि प्रमुखता से आती हैं।
सब्ज़ियों का बाज़ार एक अत्यंत ही बड़ा बाज़ार माना जाता है जो कि पूरे साल भर चलता है। इनमें से सर्दियों के मौसम में कुछ ऐसी सब्ज़ियाँ हैं जो कि किसानों के लिए एक अच्छे विकल्प के रूप में निखर कर सामने आने योग्य हैं। लखनऊ शहर गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है और यहाँ की मिट्टी अत्यंत ही उपजाऊ है जो कि सब्ज़ियों के लिए अत्यंत ही उत्तम है। तो आइये जानते हैं इन मौसमी सब्ज़ियों के बारे में और इनके मंडी में पहुँचने के विकल्पों के बारे में।
सर्दियों में उगाई जाने वाली सब्ज़ियों में गोभी एक अत्यंत महत्वपूर्ण सब्ज़ी है। यह खेत में आसानी से लगाया जा सकता है। इसको लगाने के लिए पहले इसके बीज को मिटटी में गोद कर शुष्क स्थान पर रख दिया जाता है और कुछ ही दिनों में ये अंकुरित हो जाते हैं। अंकुरण के बाद और पत्ते आने के बाद इनको अन्य स्थान पर 30-35 दिनों के लिए लगाया जाता है जहाँ पर ये परिपक्व हो जाते हैं और फिर इनको खेतों में लगाया जाता है जहाँ पर करीब ये 85-90 दिनों में परिपक्व हो जाते हैं। इनको पकने के लिए शुष्क मौसम और सूर्य की किरणों की आवश्यकता पड़ती है। एक बार ये पक जाएँ तो मंडियों में जाने के लिए ये तैयार हो जाती हैं। पत्ता गोभी की भी इसी प्रकार की प्रक्रिया है।
शिमला मिर्च अगली सब्ज़ी है जो कि सर्दियों के मौसम में उगाई जा सकती है। यह जाली-घर में तैयार किया जा सकता है जहाँ पर इसको किसी प्रकार का कीट न पकड़े क्योंकि शिमला मिर्च के पौधे अत्यंत ही संवेदनशील होते हैं। इसकी फसल करीब 70-80 दिनों में तैयार हो जाती है। पालक भी ऐसी सब्ज़ी है जिसकी खेती आसानी से की जाती है और इसकी कटाई करीब 30 दिन में की जा सकती है। पालक के बाद गाजर अन्य फसल है जिसकी खेती बड़े पैमाने पर की जा सकती है।
सर्दियों के मौसम में गाजर और मूली दोनों की खेती अच्छी आमदनी का बड़ा श्रोत है। प्याज़ और मटर भी एक अत्यंत ही मांग वाली सब्ज़ियाँ हैं जो कि अच्छे मुनाफे के सौदे हैं। इनको तैयार कर के मंडी तक पहुंचाना एक अलग कार्य है। आखिर मंडी ही वह जगह है जहाँ से इनके अच्छे दाम मिल सकते हैं और इनकी बिक्री जल्द और आसानी से हो सकती है।
वैसे लखनऊ नवाबों का शहर है और यहाँ पर अनेकों किस्म के सामान मिलते हैं पर यहाँ के निशातगंज का सब्ज़ी बाज़ार अपने एक अन्य कारक से जाना जाता है। वैसे भी दुनिया भर में अनेकों सब्ज़ी बाज़ार हैं पर वहां पर सब्ज़ियों को आम भाषा में ही जाना जाता है परन्तु निशातगंज में सब्ज़ियों को संस्कृत में बोला जाता है जैसे कि आलू यहाँ पर आलू न होकर ‘आलूकम’ है और टमाटर तो ‘रक्तफलम’ नाम से जाना जाता है।
यहाँ पर सब्ज़ी खरीदने के साथ-साथ मुफ्त का संस्कृत ज्ञान भी मिल जाता है तो यह कहा जा सकता है कि यह सोने पर सुहागा है। यहाँ पर आस-पास के क्षेत्रों से सब्ज़ियाँ आती हैं तथा यहीं से एक बड़ी आबादी सब्ज़ी खरीदती है जिससे आस-पास के किसानों को अपनी फसल बेचने की सहूलियत मिल जाती है।
संदर्भ:
1. http://www.ugaoo.com/knowledge-center/vegetables-to-grow-in-winter/
2. https://www.healthline.com/nutrition/healthiest-winter-vegetables#section8
3. https://bit.ly/2MevHnh
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://www.needpix.com/search/
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