आभूषणों में सोने और चांदी के उपयोग का इतिहास

लखनऊ

 30-09-2019 10:57 AM
द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

लखनऊ अपनी चिकनकारी कढ़ाई के अलावा अपने आभूषणों और मुगल साम्राज्य के दौरान विकसित हुए कपड़ों के लिए भी जाना जाता है। लखनऊ में मुगल साम्राज्य के दौरान जूते तथा चांदी और सोने के उपयोग से की गई कढ़ाई काफी प्रसिद्ध थी। मुगल काल आभूषणों के सबसे भव्य युगों में से एक था, जिसे वृत्तांत और चित्रों के माध्यम से अच्छी तरह से प्रलेखित किया गया है। पहले के मुगल चित्रों से संकेत मिलता है कि अकबर के शासनकाल के दौरान, विदेशी डिज़ाइनों (Designs) की एक श्रृंखला को कला में एक नया जीवन मिला था।

मुगलों ने आभूषणों के विकास के लगभग सभी क्षेत्रों में अपना योगदान दिया था। गहनों का उपयोग जीवन शैली का एक अभिन्न अंग था, चाहे वह राजा हो, पुरुष या महिला या फिर राजा का घोड़ा ही क्यों ना हो। महिलाओं द्वारा गहने के 8 जोड़े पहने जाते थे और वहीं पगड़ी के गहने को सम्राट का विशेषाधिकार माना जाता था। उस समय यूरोप के प्रभावों में लगातार परिवर्तन को पगड़ी के गहनों के डिज़ाइन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

भारत में सोने और चांदी को न केवल एक कीमती धातु के रूप में देखा जाता है, बल्कि इसे पवित्र भी माना जाता है। यह एक कारण है कि अक्षय तृतीया और धनतेरस जैसे शुभ दिन पर भारतीय परिवारों द्वारा सोने या चांदी के आभूषण खरीदे जाते हैं क्योंकि इसे भाग्यशाली माना जाता है। वैदिक हिंदू परंपरा भी सोने को अमरता का प्रतीक मानती है।

भारत में आभूषणों का न केवल पारंपरिक और सौंदर्य मूल्य है, बल्कि वित्तीय संकट के समय में सुरक्षा के स्रोत के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। शुरुआती दौर में आभूषणों का विकास कला के रूप में हुआ था। भारतीय गहनों की सुंदरता और उनके जटिल डिज़ाइन का श्रेय कई प्रयासों में निहित है। भारतीय आभूषणों ने कुचिपुड़ी, कथक या भरतनाट्यम जैसे भारत के विभिन्न लोकप्रिय नृत्य रूपों की सुंदरता को उजागर करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विभिन्न नृत्य रूपों का प्रदर्शन करने वाले शास्त्रीय नर्तकों को शानदार भारतीय आभूषणों से अलंकृत किया जाता है।

भारत के विभिन्न हिस्सों में प्रसिद्ध आभूषणों के डिज़ाइन पारंपरिक और समकालीन दोनों शैलियों में भारतीय आभूषणों को एक विशाल विविधता प्रदान करते हैं। तमिलनाडु और केरल के सोने के आभूषणों के डिज़ाइन प्रकृति से प्रेरित होते हैं और कुंदन और मीनाकारी शैली के आभूषण मुगल राजवंश के डिज़ाइन से प्रेरित हैं। वहीं भारतीय दुल्हन के गहनों का प्रसंग और रंग इसे जटिल रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आभूषणों के आकर्षक तत्व को निखारने के लिए, हीरे और विभिन्न अन्य रत्नों का उपयोग सोने की आधार धातु पर किया जाता है।

प्राचीन काल से ही भारत के शाही वर्ग द्वारा गहनों की कला को संरक्षण दिया गया है। भारतीय गहनों में व्यापक विविधता की उपलब्धता मुख्य रूप से क्षेत्रीय आवश्यकताओं के आधार पर डिज़ाइनों में अंतर के कारण है जिसमें विभिन्न संस्कृतियों और उनकी जीवन शैली के लोगों के अलग-अलग स्वाद शामिल हैं। निस्संदेह, भारतीय गहनों की यात्रा बहुत लंबी रही है, लेकिन इस लंबी यात्रा ने इसके आकर्षण में वृद्धि ही की है।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Mughal_clothing
2. https://www.culturalindia.net/jewellery/history.html
3. https://bit.ly/2maHt9k



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id