दुनिया के तमाम देशों और लोगों के बीच शांति बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने साल 1981 में विश्व शांति दिवस मनाने की घोषणा की। जिसके बाद पहली बार 1982 में विश्व शांति दिवस मनाया गया जिसकी थीम 'राईट टू पीस ऑफ़ पीपल (Right to peace of people)' रखी गई। 1982 से लेकर 2001 तक सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस या विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता था, लेकिन सन 2002 से इसके लिए 21 सितंबर की तरीख निर्धारित कर दी गई। 2002 से यह दिवस हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता आ रहा है। सफेद कबूतर को शांति का दूत माना जाता है। विश्व शांति दिवस पर सफेद कबूतरों को उड़ाकर शांति का संदेश दिया जाता है।
इस चलचित्र में एक छोटी सी प्रेरणात्मक कहानी के माध्यम से मन की शांति कैसे प्राप्त कर सकते हैं, को बताया गया है। सिमरजीत ने मुल्ला नसरुद्दीन की इस खूबसूरत कहानी को हिंदी में वर्णित किया है। सिमरजीत ने इस चलचित्र के माध्यम से समझाने की कोशिश की है कि, स्थितियाँ चाहे जो भी हो, समय चाहें कितना भी कठोर हो, दौर चाहें कितना भी मुश्किल हो, आंतरिक शांति हर क्षण में प्राप्त की जा सकती है। हमें यह समझने की जरूरत है कि शांति हमारे ही भीतर है और हमें इसे अपने अन्दर खोजना शुरू करके, कहीं और खोजना बंद करना है।
सन्दर्भ:-
1. https://www.youtube.com/watch?v=dKDkF4QAoBs
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