लखनऊ अपने प्रतिष्ठित व्यंजनों और समृद्ध भोजन, जैसे कबाब और बिरयानी आदि के इतिहास के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इन व्यंजनों की खूशबू आते ही बीते कल की कई ऐसी घटनाएं या क्षण याद आने लगते हैं जो कभी हमारे जीवन में घटित हुए थे। ये यादें हमें फिर विभिन्न प्रकार के भावों से युक्त कर देती हैं। ऐसा नहीं है कि ये सिलसिला केवल भोजन की खूशबू से ही चलता है। इसके अतिरिक्त और भी कई ऐसी चीज़ें हैं जिनकी खूशबू हमें अतीत में ले जाती हैं तथा हम उस खूशबू से जुड़े पलों को याद करने लगते हैं। उदाहरण के लिए किसी नई किताब के पन्नों की खूशबू हमें हमारे बचपन में ले जाती है जब हमने उसका प्रयोग किया था। इसके अलावा पिकनिक (Picnic) वाले स्थान पर उन फूलों की खूशबू जिनकी सुगंध आते ही हम उस पिकनिक ट्रिप (Trip) को याद करने लगते हैं। हम में से कई लोगों ने यह अनुभव किया होगा कि एक निश्चित गंध चाहे वह किसी गैस (Gas), भोज्य पदार्थ, इत्र आदि की हो, हमारे मस्तिष्क को उस स्थान या घटना की यादों से भर देती है जो हमारे जीवन में घटित हो चुकी है और जिन्हें हम अपनी कुछ भावनाओं के साथ स्पष्ट रूप से जोड़ते हैं।
ऐसा हमारे मस्तिष्क की विशिष्ट संरचना के कारण होता है। हमारे मस्तिष्क का विशिष्ट भाग हमारी घ्राण ग्रंथि से जुड़ा होता है। घ्राण ग्रंथि हमारी नाक से शुरू होकर मस्तिष्क के भीतरी भाग तक जाती है। घ्राण बल्ब (Bulb) का दो मस्तिष्क क्षेत्रों, एमिग्डाला (Amygdala) और हिप्पोकैम्पस (Hippocampus), से सीधा संबंध होता है जो हमारी भावना और स्मृति को प्रबल करते हैं। मस्तिष्क में उपस्थित एमिग्डाला संवेदी जानकारी को संसाधित करता है जबकि हिप्पोकैम्पस इन्हें पुनः याद दिलाने के लिए संग्रहित करता है। दृश्य, श्रवण (ध्वनि), और स्पर्श की जानकारी इन मस्तिष्क क्षेत्रों से होकर नहीं गुज़रती है। यही कारण है कि घ्राण ग्रंथि और मस्तिष्क क्षेत्र की विशिष्ट संरचनाओं का सम्बंध जीवन में घटित घटनाओं और उनसे जुड़ी भावनाओं को उजागर करता है या याद दिलाता है।
किसी भी वस्तु की गंध शक्तिशाली उत्तेजक की भांति कार्य करती है क्योंकि यह हमारी भावनात्मक स्थिति को उत्तेजित कर सकती हैं। इससे व्यक्ति किसी विशिष्ट घटना को सीखने और उसे याद रखने में समर्थ हो सकता है। दशकों से किये गये शोधों से इस बात की पुष्टि हुई है कि तंत्रिका आधारित गंध-भावनात्मक स्मृति सम्बंध घ्राण मार्गों की संरचना में विशिष्टता के कारण होता है। अन्य संवेदी प्रणालियों के विपरीत किसी वस्तु की गंध थैलेमस (Thalamus) से होकर कॉर्टेक्स (Cortex) तक नहीं जाती है। इसकी जानकारी सीधे लिंबिक (Limbic) प्रणाली से संबंधित होती है जोकि एक मस्तिष्क क्षेत्र है। यह मस्तिष्क क्षेत्र हमारी स्मृति और भावनात्मक प्रक्रियाओं से जुड़ा होता है। घ्राण ग्रंथि व्यक्ति और प्रजातियों के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी सहायता से ही वह अपने शिकारियों, सामाजिक पदानुक्रम, भोजन आदि की पहचान कर सकते हैं। इसका सीधा सम्बंध हमारे व्यवहार से भी होता है क्योंकि हम महक के अनुसार ही अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। कुछ गंधों का अहसास हमें सुखद क्षणों की याद दिलाता है जिससे हम सुखद अनुभव की प्राप्ति करते हैं और हमारा व्यवहार भी उसी अनुरूप हो जाता है तो वहीं दूसरी ओर कुछ वस्तुओं की गंधों का अहसास हमें दुखद क्षणों की भी याद दिलाता है।
इसके साक्ष्य कई वैज्ञानिक अध्ययनों के माध्यम से देखे जा सकते हैं। इसका पहला अध्ययन 2004 में डॉ. रेचल हर्ट्ज़ के नेतृत्व में किया गया था। हर्ट्ज़ और उनके सहयोगियों ने पाया कि एक इत्र को सूँघने पर पाँच महिलाओं के एक समूह ने अधिक दिमागी गतिविधि दिखाई तथा इत्र की खूशबू को अपनी-अपनी सकारात्मक स्मृति से जोड़ा। दशकों बाद, शोधकर्ताओं ने यह परिकल्पना की, कि किसी वस्तु की खूशबू व्यक्ति की स्मृति क्षमता को विकसित करने में सहायक है जिसे प्राउस्ट (Proust) प्रभाव के रूप में जाना जाता है।
एक नए शोध से पता चला है कि स्पेशियोटेम्पोरल (Spatiotemporal) जानकारी मस्तिष्क क्षेत्र में एकीकृत होती है जिसे एंटीरियर घ्राण नाभिक (Anterior olfactory nucleus) के रूप में जाना जाता है तथा यह अल्ज़ाइमर (Alzheimer) रोग से सम्बंधित है। विकास की प्रक्रिया में भी घ्राण ग्रंथि ने प्रजातियों के अस्तित्व से संबंधित विभिन्न उद्देश्यों, जैसे संचार, को पूरा किया है। मनुष्यों और अन्य जानवरों के लिए संचार पहलू अभी भी काम कर रहे हैं।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2EVoRzB
2. https://www.ncbi।nlm।nih.gov/pmc/articles/PMC4330889/
3. https://www.scientificamerican.com/article/why-do-smells-trigger-memories/
4. https://www.medicalnewstoday.com/articles/322579।php
5. http://www.fifthsense.org।uk/psychology-and-smell/
6. https://en.wikipedia.org/wiki/Olfactory_memory
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.