जीन में फेरबदल कर बन सकते हैं डिज़ाइनर बच्चे

लखनऊ

 16-09-2019 01:31 PM
डीएनए

इन दिनों विश्व भर में इस बात पर काफ़ी बहस हो रही है कि क्या इंसानों के जीन (Gene) में फेरबदल द्वारा 'डिज़ाइनर (Deisgner) बच्चे' बनाए जाने चाहिए? यहाँ डिज़ाइनर का मतलब ये है कि आप अपने बच्चे में जो ख़ूबियां देखना चाहते हैं, उन्हें जीन में फेरबदल करके उनमें डलवा सकते हैं। जीन का इस फेरबदल के लिए सी.आर.आई.एस.पी.आर. (CRISPR - Clustered regularly interspaced short palindromic repeats) तकनीक एक सरल लेकिन शक्तिशाली उपकरण है। यह शोधकर्ताओं को डीएनए अनुक्रमों को आसानी से बदलने और जीन के कार्यों को संशोधित करने की अनुमति देता है। इसके उपयोग में आनुवांशिक दोषों को ठीक करना, इलाज करना और बीमारियों के प्रसार को रोकना और फसलों में सुधार करना शामिल है।

सी.आर.आई.एस.पी.आर. तकनीक को बैक्टीरिया (Bacteria) और आर्किया (Archaea - एकल-कोशिका वाले सूक्ष्मजीवों के डोमेन) के प्राकृतिक रक्षा तंत्र से अनुकूलित किया गया था। ये जीव वायरस (Virus) और अन्य बाह्य निकायों द्वारा किए गए हमलों को नाकाम करने के लिए सी.आर.आई.एस.पी.आर.-प्राप्त आरएनए (RNA) और कैस 9 (Cas 9) सहित विभिन्न कैस प्रोटीन (Protein) का उपयोग करते हैं। साथ ही यह एक बाह्य आक्रमणकारी के डीएनए को काटकर नष्ट कर देते हैं। जब इन घटकों को अन्य, अधिक जटिल, जीवों में स्थानांतरित किया जाता है, तो यह जीन में हेरफेर, या ‘संपादन’ के लिए अनुमति देता है।

विभिन्न जीवों के जीनोम (Genome) उनके डीएनए अनुक्रमों के भीतर संदेशों और निर्देशों की एक श्रृंखला को सांकेतिक शब्दों में बदलते हैं। जीनोम संपादन में उन अनुक्रमों को बदलना शामिल है, जिससे संदेश बदलते हैं। अलग-अलग समूहों द्वारा किए गए अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला है कि कैस 9 को डीएनए के किसी भी क्षेत्र को काटने के लिए निर्देशित किया जा सकता है। एक बार जब डीएनए कट जाता है, तो कोशिका की प्राकृतिक सुधार तंत्र अंदर आ जाती है और जीनोम में परिवर्तन या अन्य परिवर्तन को शुरू करने के लिए कार्य करने लगती है।

सी.आर.आई.एस.पी.आर. का इस्तेमाल हाल ही में चीन द्वारा दो जुड़वां बच्चियों में किया गया। 25 नवंबर, 2018 को शेनज़ेन में दक्षिणी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में ही जियानकुई के नेतृत्व में ‘द बॉम्बशैल’ (The bombshell) नामक टीम द्वारा पहले जीन-संपादित शिशुओं को बनाने की तैयारी शुरू की गई। उन्होंने बच्चे को एचआईवी, चेचक और हैजा के प्रतिरोधी बनाने के लिए CCR5 जीन को हटाने की योजना बनाई। उनके द्वारा सात भ्रूण को बदलने का दावा किया गया, जिसके परिणामस्वरूप केवल एक सफल जुड़वा लड़कियों का जन्म हुआ। इस बात के खुलासे के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई ने नाराज़गी जताई और कई वैज्ञानिकों ने, ही के इस कार्य की निंदा भी की। साथ ही चीनी अधिकारियों ने ही और उनके सहयोगियों की शोध गतिविधियों को निलंबित करने का आदेश दिया और उन पर चीनी कानूनों और विज्ञान नैतिकता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया। वहीं कुछ नए शोध से पता चलता है कि ही के द्वारा CCR5 जीन को हटाने का प्रयास अनजाने में लड़कियों के मस्तिष्क को बदल सकता था जो अनुभूति और स्मृति को प्रभावित करता।

सी.आर.आई.एस.पी.आर. तकनीक के कई संभावित अनुप्रयोग जीनोम के साथ छेड़छाड़ की नैतिक खूबियों और परिणामों के बारे में कुछ सवालों को उठाते हैं। 2014 के विज्ञान लेख में, ओए और सहकर्मी जीन ड्राइव (Gene Drive) के उपयोग करने से कुछ संभावित पारिस्थितिक प्रभाव को इंगित करते हैं। उनके अनुसार यदि कोई ऐसा जीव जिसका जीन बदला गया हो, वो आगे क्रॉसब्रीडिंग (Crossbreeding) करे, तो इससे यह बदलाव दूसरी प्रजातियों में भी फ़ैल सकता है। साथ ही जीन ड्राइव किसी जीव की आनुवंशिक विविधता को भी कम कर सकता है।

भले ही सी.आर.आई.एस.पी.आर. का उपयोग विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए मुख्य रूप से संशोधित जीवों का उत्पादन करने के लिए किया गया हो, लेकिन क्या होगा अगर ये कोई समस्या को हल करने के बजाय उसे और बढ़ा दे? एक अध्ययन से पता चला है कि सी.आर.आई.एस.पी.आर. डीएनए में अनपेक्षित म्यूटेशन (Mutations) का कारण बनता है, तथाकथित ऑफ-टारगेट (Off-target) प्रभाव, जो समस्या को और अधिक बढ़ा भी सकता है।

संदर्भ:
1.
https://www.livescience.com/58790-crispr-explained.html
2. https://www.technologyreview.com/s/613007/chinas-crispr-twins-a-timeline-of-news/
3. https://www.genome.gov/about-genomics/policy-issues/Genome-Editing/ethical-concerns
4. https://nuclineers.com/dark-side-of-crispr/



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