जे. सी. बोस का भारतीय अभियांत्रिकी और विज्ञान में अमूल्य योगदान

लखनऊ

 15-09-2019 02:14 PM
आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर जगदीश चंद्र बोस बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। जिन्होंने रेडियो और माइक्रोवेव ऑप्टिक्स के अविष्कार तथा पेड़−पौधों में जीवन सिद्धांत के प्रतिपादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रतिभा का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भौतिक वैज्ञानिक होने के साथ-साथ वो जीव वैज्ञानिक, वनस्पति वैज्ञानिक, पुरातत्वविद और लेखक भी थे।

जे सी बोस ऐसे समय पर कार्य कर रहे थे जब देश में विज्ञान शोध कार्य लगभग नहीं के बराबर थे। ऐसी परिस्थितियों में भी बहुमुखी प्रतिभा के धनी बोस ने विज्ञान के क्षेत्र में मौलिक योगदान दिया। रेडियो विज्ञान के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान और शोध को देखते हुए ‘इंस्टिट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर’ (आईईईई Institute Of Electrical And Electronics Engineering) ने उन्हें रेडियो विज्ञान का जनक में से एक माना। हालांकि रेडियो के अविष्कारक का श्रेय इतालवी (Italian) अविष्कारक मार्कोनी (Marconi) को चला गया, परन्तु बहुत से भौतिक शास्त्रियों का कहना है कि प्रोफेसर जगदीश चंद्र बोस ही रेडियो के असली अविष्कारक थे।

जेसी बोस के अनुसंधानों और कार्यों का उपयोग आधुनिक समय में किया गया। आज का रेडियो, टेलिविजन, भुतलीय संचार रिमोट सेन्सिग (Earth Communications Remote Sensing), रडार, माइक्रोवेव अवन (Microwave Oven) और इंटरनेट, जगदीश चन्द्र बोस के कृतज्ञ हैं।

सन्दर्भ:-
1.
https://bit.ly/2kgeoIB
2. https://www.youtube.com/watch?v=od0wR1kte3k



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