रामपुर के नज़दीक ही स्थित हैं रोहिल्ला राजाओं के प्रमुख स्थल

लखनऊ

 14-09-2019 10:30 AM
मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

1623 में बारेच जनजाति के दो पश्तून भाई, बहादुर शाह प्रथम और हुसैन खान ने रामपुर राज्य की स्थापना की, जिसमें उनके साथ कई अन्य पश्तून भी बसे थे। बहादुर शाह I के पोते अली मुहम्मद खान ने बाद में 1707 और 1720 के बीच रोहिल्लाओं को एकजुट किया, और बरेली को अपनी राजधानी बनाया। बाद में अली मुहम्मद खान के चाचा हाफिज़ रहमत खान बारेच ने उसे हराकर, उत्तर में अल्मोड़ा से दक्षिण-पश्चिम में इटावा तक अपने राज्य का विस्तार किया।

रोहिलखंड पर मराठाओं द्वारा आक्रमण किया गया था, हालांकि अवध के नवाबों ने मराठाओं से बदला लेने के लिए आक्रमण को दोहराने में रोहिल्लाओं की मदद करने का वादा करते हुए 40 लाख रूपए की शर्त पर एक संधि की। युद्ध के बाद नवाब शुजा-उद-दौला ने रोहिल्ला प्रमुख हाफिज़ रहमत खान से उनकी मदद के लिए भुगतान की मांग की। लेकिन मांग को अस्वीकार कर देने के बाद नवाब ने वारन हेस्टिंग्स (अंग्रेजों) के साथ मिलकर रोहिलखंड पर आक्रमण किया।

1768 में ब्रिगेडियर-जनरल (Brigadier-General) अलेक्जेंडर चैंपियन को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेवा में नियुक्त किया गया था। उसके बाद उन्हें जनवरी 1774 में भारत के कमांडर-इन-चीफ (Commander in chief) के पद पर नियुक्त किया गया। 23 अप्रैल 1774 को चैंपियन ने मीरनपुर कटरा में रोहिल्ला के राजा हाफिज़ रहमत खान को मार कर, रोहिल्ला युद्ध को समाप्त कर दिया।

वहीं कुछ चित्रकारों ने हाफिज़ रहमत खान से संबंधित चित्रों का निर्माण किया जिसमें से कुछ हैं, थॉमस (1749-1840) और विलियम डेनियल (1769-1837) डेनियल, द्वारा 22 मई 1789 में बरेली में हाफिज़ रहमत खान की कब्र की पेंसिल और वाटर कलर (Pencil & Water colour) से बनाया गया चित्र और दूसरा चित्र हाफिज़ रहमत खान के मकबरे का जिसे सीता राम द्वारा वाटर कलर पेंटिग के माध्यम से लॉर्ड मोइरा के लिए बनाया गया था।

रामपुर से कुछ ही दूरी पर रोहिल्ला के राजाओं के कुछ प्रमुख स्थल :- बरेली, शाहजहाँपुर, पीलीभीत और आंवला में भी मौजूद हैं। बरेली में हाफिज़ रहमत खां की कोठी आज भी मौजूद है, जिसमें आज उनकी 7वीं पीढ़ी रहती है, जिनका कहना है कि इस कोठी को ब्रिटिश द्वारा गोला बारी कर तहस-नहस कर दिया गया था और इसकी पुनः स्थापना की गई।

वहीं रामपुर से लगभग 110 किलोमीटर दूर स्थित, पीलीभीत को आज केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के निर्वाचन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। लेकिन नेपाल सीमा पर यूपी के किनारे पर बसा यह छोटा सा शहर, कभी शक्तिशाली रोहिल्ला संघ की राजधानी हुआ करता था।

संदर्भ:
1.
http://www.bl.uk/onlinegallery/onlineex/apac/other/019wdz000000187u00000000.html
2. https://bit.ly/2lUp7c0
3. http://www.bl.uk/onlinegallery/onlineex/apac/addorimss/t/019addor0004771u00000000.html
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Hafiz_Rahmat_Khan_Barech
5. https://www.livehistoryindia.com/cover-story/2019/01/27/pilibhit-a-forgotten-capital
6. https://en.wikipedia.org/wiki/Alexander_Champion_(East_India_Company_officer)



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