सर्गेई प्रोकुडिन गोर्स्की द्वारा रंगीन तस्वीर लिए जाने का इतिहास

लखनऊ

 11-09-2019 12:17 PM
द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना

जब कैमरों (Cameras) का आविष्कार नहीं हुआ था तब भी लोगों द्वारा अपने खूबसूरत पलों को चित्रकारी की सहायता से हमेशा के लिए जीवंत बना दिया जाता था और वो चित्र इतने सजीव जान पड़ते थे मानो किसी कैमरे में ही कैद किये गए हों। इसका उदाहरण हम रामपुर के सीताराम द्वारा चित्रित तस्वीरों में देख सकते हैं जिन्होंने भारत में हेस्टिंग्स की यात्राओं को अपने बनाये हुए दस एल्बम में सँजोया है। उनके चित्रों में छोटी से छोटी बारीकियों को आसानी से देखा जा सकता है जैसे किसी कैमरे के द्वारा ली गयी तस्वीर हो। मगर बदलते वक्त के साथ घटनाओं को जल्दी-जल्दी कैद करने की ज़रूरत पड़ी तो कैमरे नामक यंत्र का आविष्कार हुआ। आज के वर्तमान परिदृश्य में कैमरे की क्या महत्ता है उससे कोई भी सख्स अछूता नहीं है।

कैमरे का प्रयोग मानव के दैनिक क्रियाकलापों में शामिल हो चुका है। आज जिस फिल्मी दुनिया को हम देखते हैं या देश दुनिया में घटित हो रही तमाम हलचलों को जितनी आसानी से हम देख पा रहे हैं इसमें कोई शक नहीं है कि कैसे कैमरे ने संचार और मनोरंजन के क्षेत्र में एक क्रांति का काम किया है। 17वीं सदी की शुरुवात में johann zahn द्वारा जब पहले कैमरे का खाका तैयार किया गया तब किसी ने नही सोचा था कि आगे चलकर यह यंत्र सबसे क्रांतिकारी बनेगा। वक्त के साथ कैमरे में बदलाव होते रहे और कैमरे ब्लैक एंड वाइट (Black & White) से रंगीन बनने की ओर चल पड़े। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि वक्त के साथ लोग खुद को सादे में देख कर ऊब चुके थे। उनकी बाहर की दुनिया तो रंगीन थी मगर फ़ोटो वाली दुनिया अब भी काले-सफेद पर टिकी हुई थी।

मगर सर्गेई प्रोकोडिन गोर्स्की, एक रुसी व्यक्ति जो पेशे से केमिस्ट (Chemist) और फोटोग्राफर (Photographer) थे, उन्हें फ़ोटोग्राफ़ी के क्षेत्र को रंगीन बनाने के लिए विशेष तौर पर याद किया जाता है।

एक ओर 20वीं शताब्दी की शुरुआत में जहाँ नए-नए आविष्कारों को ढूंढा जा रहा था उन्हीं में गोर्स्की ने भी एक नई खोज को जन्म देकर फोटोग्राफी की ब्लैक एंड वाइट दुनिया को रंगीन में तब्दील कर दिया। गोर्स्की को लियो टॉलस्टॉय की एक उम्दा रंगीन फोटो खींचने के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है। यही नहीं, उन्होंने अपने जीवन काल में 10,000 से भी अधिक चित्रों को एकत्रित किया। साथ में उन्होंने अंग्रेज़ी समाचार व चित्रित जर्नल्स (Journals) भी प्रकशित किये।

साधन / इक्विपमेंट (Equipment)
प्रोकुडिन-गोर्स्की ने 1906 में फोटोग्राफ-लिबिटेल में इससे एक चित्र प्रकाशित किया। जिसमें उन्होंने सबसे आम मॉडल ने एक एकल आयताकार प्लेट का इस्तेमाल किया। जो 24 सेमी ऊंचा 9 सेमी चौड़ा, प्रोकुडिन-गोर्स्की नीले-हरे-लाल अनुक्रम में छवियों को खींचा। गोर्स्की ने एक्सपोज़र (Exposure) प्रकार के कैमरों के लिए एक ऑप्टिकल (Optical) प्रणाली का पेटेंट कराया और यह अक्सर दावा किया जाता है कि उन्होंने अपने रूसी एम्पायर प्रोजेक्ट (Empire Project) में इस्तेमाल किये गए कैमरे का आविष्कार किया था।

गोर्स्की ने अलीम खान नामक व्यक्ति के इस चित्र को रंगीन बनाने के लिए 3 तरह के फिल्टरों (Filters) का प्रयोग किया जिनमें नीला, लाल और हरा शामिल था और तीनों के मिश्रण ने एक नए रंगीन चित्र को रूप दिया। इसके अलावां गोर्स्की ने कैमरे की शटर स्पीड के समय और एक्सपोज़र के भी समय पर विशेष ध्यान दिया।

इस चित्र में टॉल्स्टोय के साथ बिताए हुए एक पल को दिखाया गया है। जिसमें धूप की उपलब्धता की वजह से इसे गोर्स्की की तस्वीरों में सबसे उम्दा माना गया है।

आज वर्तमान परिदृश्य में डिजिटल (Digital) कैमरे का प्रयोग बदलाव की सबसे बड़ी उपलब्धि है जिसमें हम बिना रील (Reel) के ही सेकण्डों में फ़ोटो प्राप्त कर लेते हैं। सन 2000 में जापान ने जब पहला कैमरा फ़ोन बनाया तब कैमरे की उपलब्धता हाथों हाथ होने लगी।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Sergey_Prokudin-Gorsky
2. https://bit.ly/2m49Vt1
3. https://bit.ly/2t6Lk79
4. https://rampur.prarang.in/posts/1812/postname
5. https://www.gktoyou.com/camera-ki-khoj-kisne-ki/



RECENT POST

  • आइए, आनंद लें, साइंस फ़िक्शन एक्शन फ़िल्म, ‘कोमा’ का
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     24-11-2024 09:20 AM


  • विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र व प्रादेशिक जल, देशों के विकास में होते हैं महत्वपूर्ण
    समुद्र

     23-11-2024 09:29 AM


  • क्या शादियों की रौनक बढ़ाने के लिए, हाथियों या घोड़ों का उपयोग सही है ?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:25 AM


  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id