दुनिया में मौजूद अधिकतर वस्तु जो कि मानव निर्मित हैं, कहीं न कहीं से प्रकृति के लिए किसी न किसी प्रकार के प्रदूषण के रूप में उपस्थित हैं। हम में से शायद ही किसी को यह ज्ञात होगा कि प्रकाश भी प्रदूषण की श्रेणी में आता है। प्रकाश सम्बन्धी प्रदूषण को फोटो पोलुशन (Photo Pollution) या लाइट पोलुशन (Light Pollution) के नाम से भी जाना जाता है। प्रकाश प्रदूषण की परिभाषा को अगर साधारण भाषा में समझें तो कृत्रिम प्रकाश का मानवों द्वारा अत्यधिक व अंधाधुंध प्रयोग अथवा प्रकाश की ऐसी चरम व्यवस्था जो रात के समय में आसमान के वास्तविक स्वरूप को पूर्णता से बदलने का दम रखती हो, जिस कारण पर्यावरण, वन्य जीवन और खगोल विज्ञान प्रभावित होता हो।
प्रकाश प्रदूषण के प्रभाव
प्रकाश प्रदूषण का प्रभाव सीधे-सीधे हमारे पर्यावरण, ऊर्जा के स्रोत, वन्यजीव व खगोलीय अनुसंधान पर पड़ता है। जिन वजहों से ये धीरे-धीरे आने वाले वर्षों में एक गंभीर समस्या को न्यौता दे रह है।
यह प्रदूषण मानवों के जीवन की गुणवत्ता के साथ-साथ उनकी सुरक्षा को भी कठघरे में खड़ा कर रहा है।
इसके प्रभाव निम्नलिखित हैं-
1. पर्यावरण
एक संस्था द्वारा प्राप्त की गयी सूचना के अनुसार एक साल में रात के समय प्रकाश के अत्यधिक कृत्रिम प्रयोग से 12 मिलियन टन से भी ज्यादा कार्बन डाई ऑक्साइड (Carbon Dioxide) नामक गैस का उत्सर्जन होता है जिसे सोखने के लिये लगभग 702 मिलियन पेड़ों की आवश्यकता पड़ेगी। इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ये अत्यधिक प्रयोग वायु गुणवत्ता को लेकर कितने खतरनाक होते जा रहे हैं।
2. ऊर्जा का क्षय
एक सर्वेक्षण के अनुसार सार्वजनिक रूप से प्रयोग हो रहे प्रकाश का 30 % व्यर्थ जाता है। एक साल में कुल व्यर्थ जा रही ऊर्जा का अनुमान 36 लाख टन कोयले के बराबर है।
3. वन्यजीव
ये प्रकाश वन्यजीवों के नींद, भोजन, प्रवास, संभोग आदि में खलल डालने का कार्य कर रहा है।
चमगादड़, हिरण, चूहे, उल्लू जैसे जीवों को रात के समय में अत्यंत प्रकाश की वजह से अपने भोजन और विचरण को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा। क्योंकि ये जीव रात के समय ही बाहर निकलते हैं, अधिक प्रकाश में आने से इनकी ओर खतरा बढ़ जाता है।
4. खगोल
प्रकाश प्रदूषण रात के समय आसमानों में फैल कर उनके वास्तविक रंग या प्रकाश को बदल देता है जिस कारण अक्सर दूरबीन की सहायता से भी आकाशीय पिंडों को देखना मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि प्रकाश प्रदूषण रात के समय में वस्तुओं का मूल स्वरूप बदल के रख देता है और हम वास्तविक चित्रों से अनजान रह जाते हैं।
5. मनुष्य
इन सबके साथ-साथ मनुष्य स्वयं भी प्रकाश के दुष्प्रभावों से अछूता नहीं है। वह स्वयं कई समस्याओं का शिकार हो रहा है जिनमें नींद की बीमारी, चिंता, अवसाद, हृदय रोग, मोटापा आदि शामिल हैं।
एस्ट्रोफोटोग्राफी (Astrophotography) विधि का उपयोग कर के स्मार्ट फोन (Smart Phone) से फोटो लेने की कला….
स्मार्टफ़ोन के बढ़ते प्रयोग ने मनुष्य के जीवन को काफी सुविधाजनक बना दिया है। उन्हें कई ज़रूरत की चीजों को खुद में समेटकर स्मार्टफ़ोन ने उनसे छुटकारा भी दिला दिया है। जिस तरीके से फ़ोटोग्राफ़ी के लिए स्मार्टफोन का प्रयोग किया जा रहा इसमें कोई शक नहीं कि डिजिटल कैमरे के बाज़ार को उसने मंदा कर दिया है।
निम्नलिखित तरीके से आप देखेंगे कि कैसे एक प्लास्टिक कप (Plastic Cup) का प्रयोग कर के मिल्की वे (Milky Way) की तस्वीर ले सकते हैं।
सबसे पहले फोन में इनमें से कोई एक एप्प डाउनलोड (App Download) कर लें:
* कैमरा प्रो (Camera Pro)
* VSCO कैम (VSCO Cam)
* मैनुअल कैमरा (Manual Camera)
* प्रो शॉट (Pro Shot)
ट्राइपॉड (Tripod)
कैमरे को 30 सेकंड स्थिर रखने के लिये एक ट्राइपॉड की ज़रूरत पड़ेगी। इसके लिए आप एक साधारण से प्लास्टिक कप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
सेटिंग (Setting)
ISO (2000-6400)
ISO को उच्च स्तर पर रखना होगा। ऐसा इसलिए ताकि कैमरा सेंसर (Sensor) प्रकाश के प्रति ज्यादा आकर्षित रहे।
शटर स्पीड (Shutter Speed)
इसे 30 सेकंड पे स्थित करें।
फ़ोकस (Focus)
हम उन वस्तुओं पे ध्यान केंद्रित करेंगे जो हमसे दूर हैं, अतः इसे इनफिनिटी (Infinity) पर रखेंगे।
अपर्चर (Aperture)
F जितना कम होगा उतने बेहतरीन अपर्चर ब्लेड (Blades) बनेंगे।
और अंत मे यह देखना जरूरी है कि आप प्रकाश प्रदूषण से कितना दूर हैं ताकि आपको एक अच्छी फ़ोटो मिल सके। प्रकाश प्रदूषण को जाँचने के लिए आपको निम्नलिखित साइट पे अपने शहर का नाम डालना होगा:
https://www.lightpollutionmap.info/
संदर्भ:
1. http://www.matthewreillyphotography.com/blog/
2. https://bit.ly/2kDpPKF
3. https://www.delmarfans.com/educate/basics/lighting-pollution/
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