फफूंद या कुकुरमुत्ता सामान्यतया दो प्रकार के होते हैं, एक तो खाने योग्य और दूसरे ज़हरीले। आइये जानते हैं कि कैसे हम पहचान सकते हैं कि कौन से फफूंद या फिर कुकुरमुत्ता खाने योग्य होते हैं तथा इनकी पहचान कैसे की जाए।
कुकुरमुत्ता संसार के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में एक अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा बहुत सहायक सिद्ध होता है। यह पृथ्वी के ज़्यादातर हिस्से में पाए जाते हैं तथा ये अँधेरे (घने जंगल), और नमीपूर्ण इलाकों में ज़्यादा पाए जाते हैं। ज़्यादातर कुकुरमुत्ते घने जंगलों में उगते हैं जहाँ पर अँधेरा होने के साथ-साथ इनके उगने के लिए महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त हो जाता है जैसे कि पेड़ के तने, पत्तियां और मरे हुए जानवरों के अवशेष से भरे क्षेत्र। ऐसे वातावरण में कुकुरमुत्ता बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान देता है।
यह ऊपर लिखी तमाम वस्तुओं के पुनर्चक्रण में तथा इन्हें पूरे तरीके से गलाने का और उनको मिटटी में मिलाने का कार्य करते हैं। पौधों और जानवरों के अवशेष के पूर्णरूप से मिट्टी में मिल जाने पर मिट्टी उर्वर हो जाती है। खाद्य का जाल तब तक पूर्ण नहीं होता जब तक कि इनमें कोई ऐसी जैव विविधितता न हो जो कि दूसरे जीवों को विघटित करता हो। वातावरण में नाइट्रोजन (Nitrogen) और फॉस्फोरस (Phosphorous) की मात्रा का पाया जाना महत्त्वपूर्ण होता है परन्तु इनकी इतनी अधिकता इस पर्यावरण में नहीं मौजूद है।
ये कुकुरमुत्ते ही विघटन प्रक्रिया के दौरान इन तत्वों का स्राव करने में सहायक होते हैं। इस प्रकार मानव जीवन के लिए कुकुरमुत्ते का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। यह जंगल और कृषि दोनों के लिए श्वास का कार्य करता है जो कि पूरी पृथ्वी पर वानस्पतिक जीवन के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। यदि फफूंद या कुकुरमुत्ता इस पृथ्वी से लोप कर गए तो मानव जीवन पर यह बड़े खतरे की घंटी होगी। अतः अब हम यह समझ सकते हैं कि कुकुरमुत्ते और फफूंद का कितना बड़ा योगदान है मानव जीवन के लिए।
जैसा कि लेख के शुरू में ही कहा गया है कि कुकुरमुत्ते मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, एक- खाने योग्य और दूसरे ज़हरीले और न खाने योग्य। अब महत्वपूर्ण यह है कि यह कैसे पता लगाया जा सकता है कि कौन से कुकुरमुत्ते खाने योग्य नहीं हैं या ज़हरीले हैं। दुनियाभर के कवक वैज्ञानिकों ने करीब 14,000 प्रकार के कुकुरमुत्तों के बारे में बताया है जिनको विभिन्न पीढ़ियों में विभाजित किया गया है। हर पीढ़ी के कुकुरमुत्तों को खाद्य और अखाद्य की सारणी में रखा गया है। इस सारणी में लिखे गए कुकुरमुत्तों में कई शारीरिक रूप से एक से लगते हैं।
एक कुकुरमुत्ता पेड़ों की तरह बढ़ता है परन्तु यह पेड़ नहीं है और यही नहीं, यह एक जीव की तरह व्यवहार करता है परन्तु यह जीव भी नहीं है, बल्कि इसको फफूंद की श्रेणी में रखा जाता है।
यदि आपको कुकुरमुत्ते की जानकारी नहीं है और आपने बिना जाने ज़हरीला कुकुरमुत्ता जैसे कि अमैनिटा (Amanita) खा लिया है तो मृत्यु की 60% सम्भावना है। ऐसे में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि इन कुकुरमुत्तों को कैसे पहचाना जाए। जिन कुकुरमुत्तों पर सफ़ेद गलफड़े की आकृति हो या उसकी तरह दिखते हों, तो वे ज़हरीले हैं।
इनके अलावा वे कुकुरमुत्ते भी ज़हरीले होते हैं जिनके तने पर छल्ले बने हों या उनकी जड़ के नज़दीक वोल्वा (Volva) नामक आकृति हो। वोल्वा अधिकतर ज़मीन के अन्दर बनी रहती है। इसे देखने के लिए कुकुरमुत्ते की सतह को खोद कर देखा जा सकता है। सबसे खतरनाक कुकुरमुत्ता लाल रंग वाला अमैनिटा मुस्कारिया (Amanita Muscaria) है। यदि खाने योग्य कुकुरमुत्ते की बात की जाए तो ये हैं हेन (Hen) और चिक (Chick) कुकुरमुत्ता।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2ST3dpo
2. http://www.countrysideinfo.co.uk/fungi/importce.htm
3. https://sciencing.com/identify-poisonous-mushrooms-2057768.html
4. https://bit.ly/2lYDQTz
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.