सरहद पर मुस्तैद सैनिक देश की रक्षा के लिए अपना जीवन लगा देते हैं और त्यौहारों पर अपने घरों से दूर रहकर देशवासियों की रक्षा करते हैं। कल के दिन जहां पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा, वहीं भाई-बहन के प्यार और सुरक्षा के पर्व रक्षाबंधन को भी बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस पवित्र त्यौहार पर भी हमारे देश के जवान हमें सुरक्षित जीवन देने के लिए सीमाओं पर तैनात रहेंगे। ऐसे में यह हमारा दायित्व है कि हम भी उनके लिए कुछ करें। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए 'राखी फॉर सोल्जर्स’ (Rakhi For Soldiers) नामक अभियान चलाया गया है, जिसके तहत भारत के विभिन्न राज्यों की छात्राओं ने हाथ से निर्मित राखियां बनाई हैं, जो सीमा पर तैनात जवानों को भेजी गयी हैं।
तमिलनाडु और उत्तराखंड के स्कूलों में ‘राखी फॉर सोल्जर्स’ अभियान के तहत स्कूली छात्राओं ने एक लाख से भी अधिक इको-फ्रेंडली (Eco Friendly) अर्थात पर्यावरण अनुकूलित राखियां बनायीं तथा भारतीय सशस्त्र बल सेना के प्रमुख को भेंट कीं। लाल, नीले, सुनहरे और केसरिया रंग की इन राखियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में भेजा गया, जहां भारतीय सशस्त्र बल के सैनिक तैनात हैं। इसके अतिरिक्त कोलकाता और गंगटोक की 20 महिलाओं ने भी हाथ से निर्मित राखियों को डोकलाम (चीन सीमा) भेजा। उन्होंने स्वयं भी सिक्किम में डोकलाम के निकट स्थित सैन्य ईकाई का दौरा किया तथा सैनिकों को राखी भी बाँधी। देहरादून की छात्राओं ने भी सेना के नौजवानों के लिए हस्तनिर्मित राखी बनाई तथा राखियों के साथ विशेष राखी ग्रीटिंग कार्ड (Greeting Card) भी बनाए, जिनमें अनोखे हस्तलिखित संदेश लिखे गये थे। जवानों को ये राखियां सियाचिन, जैसलमेर, नाथुला और अन्य सीमा चौकियों पर भेजी गयी हैं। छात्राओं का मानना है कि ऐसा करने से हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ेगा और सीमाओं पर उन्हें परिवार की कमी महसूस नहीं होगी।© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.