हमारी पृथ्वी असीम ब्रह्माण्ड का एक सूक्ष्म हिस्सा है, जो चारों ओर से महासागर, खूबसूरत प्राकृतिक वातावरण और अन्य विविधताओं से घिरी हुयी है। किंतु क्या यह पृथ्वी हमेशा से ही ऐसी थी या इसका भी एक क्रमिक विकास हुआ. चलिए एक नजर डालते हैं पृथ्वी के उद्भव और इसकी प्रारंभिक स्थिति पर। पृथ्वी का निर्माण लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व हो गया था।
अंतरिक्ष में घूमती हुयी अंतरतारकीय धूल तथा गैस (निहारिका) के बादल गुरूत्वाकर्षण के कारण आपस में जुड़ गए, जिससे सौर मण्डल का निर्माण हुआ, पृथ्वी भी सौर मण्डल का ही हिस्सा है, गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से संपीडित घने बादल केन्द्र से अत्यधिक गर्म और भारी हो गए, जिससे सूर्य बना। सौर मण्डल के केन्द्र में सूर्य के निर्माण के बाद बची हुई निहारिकाओं के कण सौर हवा के कारण सूर्य के चारों ओर एक चक्र के रूप में घूमने लगे। यह चक्र सूर्य के चारों ओर घूर्णन करने लगा, गुरूत्वाकर्षण के कारण इन तत्वों के छोटे-छोटे कण आपस में जुड़ गए, जिससे सौर ग्रहों का निमार्ण हुआ, जिनमें भौमिक ग्रह (बुध, शुक्र, पृथ्वी तथा मंगल) और गैसीय ग्रह शामिल थे।
पृथ्वी एक स्थलीय ग्रह थी, जो गर्म, बेजान, मजबूत चट्टान के रूप में थी. इसे लगभग आधे अरब वर्षों तक धूमकेतु और उल्कापिंडों द्वारा बुझाया गया। ज्वालामुखी घटनाओं तथा गैसों के विघटन से पृथ्वी में जल की मात्रा बढ़ी। पृथ्वी पर स्थित अधिकांश जल इससे टकराने वाले छोटे पुरातन-ग्रहों से आया। इन ग्रहों की टक्कर से भौमिक ग्रहों पर जल, कार्बन डाइआक्साइड, मीथेन, अमोनिया, नाइट्रोजन व अन्य वाष्पशील पदार्थों में वृद्धि हुई। पृथ्वी के ठंडे होने पर बादलों का निर्माण हुआ तथा वर्षा से महासागर बने।
पृथ्वी में जीवन की शुरूआत लगभग 3.8 अरब वर्ष पूर्व आर्कियन युग (Archean Age) के दौरान हुयी। किंतु इसके सटीक प्रमाण आज भी किसी के पास उपलब्ध नहीं हैं। पृथ्वी में जीवन की शुरूआत के प्रारंभिक चरणों के दौरान वातावरण में ओजोन परत और आवश्यक मात्रा में दबावयुक्त ऑक्सीजन की कमी थी। अभी भी बाह्य आवरण 1600 ° C पर तप रहा था। जिसने ग्रह की तरंगित भूगर्भीय गतिविधि में योगदान दिया। प्लेट टेक्टोनिक्स (plate tectonics) जैसी प्रक्रियाएं बहुत तीव्रता से हुईं। जिससे पृथ्वी की सतह को आकार मिला तथा महाद्वीपों का गठन हुआ। कहा जाता है कि सर्वप्रथम पृथ्वी पर एक विशालकाय महाद्वीप का गठन हुआ, जिस पर प्लेट टेक्टोनिक्स घटनाओं के कारण अनेक परिवर्तन हुए तथा जिससे अन्य महाद्वीपों का निर्माण हुआ। इन महाद्वीपों के निर्माण के पश्चात ही विशालकाय डायनासौर का जन्म हुआ, स्तनधारियों का उदय हुआ, होमो-सेपियन्स (homo-sapiens) का विकास हुआ तथा इसके परिणामस्वरूप सभ्यता प्रारंभ हुयी।
संदर्भ:
1. https://www.scienceabc.com/nature/universe/how-was-the-earth-formed.html
2. https://en.wikipedia.org/wiki/History_of_Earth
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://www.youtube.com/watch?v=uHUTbq-j0UU
2. https://www.pinterest.es
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