क्रिकेट (Cricket) एक ऐसा खेल है जो आज भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में खेला जाता है। यह खेल वर्तमान में युवाओं के दिलो-दिमाग में बस गया है। भारत इस खेल को लेकर अत्यंत ही सजग है और यदि देखा जाए तो यह खेल आज भारत के हर एक गाँव में खेला जाता है या यूँ कहें कि शायद ही कोई गाँव इस खेल से बचा होगा। अभी हाल ही में इस खेल का विश्व कप (World Cup) खेला गया जिसमें इंग्लैंड टीम विजयी हुयी। हमारे शहर लखनऊ में विश्वस्तरीय क्रिकेट स्टेडियम अटल बिहारी बाजपेयी क्रिकेट स्टेडियम, और के.डी. सिंह स्टेडियम हैं और साथ ही साथ गुरु गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, शहर को इस खेल में एक पहचान दे चुके हैं। आइये, इस खेल के इतिहास पर एक नज़र डालें।
अब जब यह खेल इतना प्रचलित हो चुका है तो इसके इतिहास पर एक नज़र डालना अत्यंत ही आवश्यक हो जाता है। क्रिकेट खेल के इतिहास में कई बातें अनसुलझी हैं तथा इसके इतिहास में कई बातें साफ़ नहीं हो पातीं। बहरहाल क्रिकेट खेल का प्राचीनतम उदाहरण 1300 सन के करीब का है जो कि किंग एडवर्ड के कार्यकाल का है। कथन के अनुसार क्रिकेट जैसा मिलता जुलता खेल केंट में खेला जाता था।
ऊपर दिया गया चित्र लखनऊ के के.डी. सिंह बाबु स्टेडियम को दर्शाता है।
वास्तविकता में कई सारे खेल विभिन्न स्थानों और नियमों के साथ खेले जाते थे। ऐसे ही पहले के समय में खेलों का विकास हुआ और वे आम लोगों के कौतूहल का साधन बने। तथ्यों के अनुसार एडवर्ड द्वितीय को बल्ला प्रयोग करते हुए बताया गया है और ऐसे भी साक्ष्य मिलते हैं कि ओलिवर क्रोम्वेल भी यह खेल खेलते थे। वैसे भी बैट (बल्ला) प्राचीन अंग्रेजी शब्द है जिसका मतलब है ‘डंडा’। शुरुवाती समय के बल्ले काफी कुछ हॉकी (Hockey) की तरह दिखाई देते थे। बैट की बनावट इस तथ्य पर भी ज़ोर देती है कि उस समय यह खेल कैसे खेला जाता रहा होगा। शुरूआती दौर में इस खेल में टप्पी वाली गेंद नहीं बल्कि ज़मीन पर रगड़ते हुए गेंद फेंकी जाती थी। यह 18वीं शताब्दी का दौर था जब बैट आज की तरह के बैटों की तरह विकसित हुए परन्तु उनका हत्था अलग लकड़ी नहीं बल्कि एक ही लकड़ी का बना होता था।
यदि प्रथम क्रिकेट खेल की बात करें तो यह केंट में सन 1646 में खेला गया था। करीब सन 1600 में गिरजाघर द्वारा कई लोगों को इस लिए दण्डित किया गया था क्यूंकि वे क्रिकेट के चक्कर में गिरजाघर नहीं जाते थे। सन 1700 में यह खेल इंग्लैंड में अत्यंत प्रचलित हुआ और सन 1706 में विलियम गोल्डविन ने इस खेल का पहला विवरण लिखा। यदि क्रिकेट की पहली लिखित नियमावली को देखा जाए तो वह करीब सन 1744 में बनायी गयी। वहीं से क्रिकेट के स्टंप (Stump) और मैदान आदि का विवरण हमें प्राप्त होता है। विश्व का पहला क्रिकेट क्लब सन 1760 में हेम्बलडॉन में बनाया गया था और 1787 में मेरिलबोन क्रिकेट क्लब की स्थापना की गयी थी जिसे आम भाषा में एम.सी.सी. भी कहते हैं। यही वह दौर था जब गेंद को हवा में फेंकने की परंपरा की शुरुआत हुयी जैसा कि आज भी कायम है। इस प्रकार से गेंदबाज़ों को और भी गति और घुमाव की प्राप्ति हुयी।
18वीं और 19वीं शताब्दी का दौर क्रिकेट के उद्भव के युग के रूप में जाना जाता है जब यह खेल इंगलैंड से बाहर निकल कर उनके द्वारा राज किये जाने वाले देशों में भी पंहुचा। क्रिकेट की लोकप्रियता विश्व कप के आ जाने से अत्यंत ही तीव्र गति से बढ़ी और आज विश्व भर के अनेक देश इस खेल को खेल रहे हैं। भारत इस खेल में 1983 में पहली बार विश्वविजेता बना था। तब से आज तक यह 3 बार विश्वविजयी का खिताब जीत चुका है जिसमें दो 50 ओवरों के खेल में और बाकि एक 20 ओवरों के खेल में। भारत कई बार विश्वपटल पर तमाम देशों में सर्वोत्तम स्थान पर काबिज हो चुका है। क्रिकेट खेल का नाम क्रिकेट बहुत बाद में पड़ा। पहले इस खेल के अन्य और कई नाम थे जैसे कि क्रेअग, क्रीकेट, विकेट, पिकेट, क्लब बाल आदि था।
संदर्भ:
1. https://en.wikisource.org/wiki/The_Cricket_Field/Chapter_1
2. https://www.athleticscholarships.net/history-of-cricket.htm
3. https://www.timeofsports.com/details/index/id/56
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://commons.wikimedia.org/wiki/File:K_D_Singh_Babu_Stadium.jpg
2. https://www.youtube.com/watch?v=C8WBx1jG36Y
3. https://in.pinterest.com/pin/562809284653815311/?lp=true
4. https://bit.ly/2Yzb8dL
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