क्या है भाषा का दर्शन?

लखनऊ

 13-07-2019 12:23 PM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

हमारे जीवन में शब्दों का महत्वपूर्ण स्थान हैं क्योंकि यही वो एक माध्यम है जिसके द्वारा हम अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं। वास्तव में एक या एक से अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को ‘शब्द’ कहा गया है। किंतु भाषा दर्शन में इसे भिन्न-भिन्न रूपों में देखा गया है। ‘शब्द’ की उत्पत्ति संस्कृत शब्द से हुई जिसे "भाषण ध्वनि" के लिये संदर्भित किया गया। संस्कृत व्याकरण में ‘शब्द’ भाषाई प्रदर्शन के अर्थ में एक उच्चारण को संदर्भित करता है।

भारतीय संस्कृति में शब्द को ब्रह्म अर्थात परमात्मा से जोड़ा गया है। शास्त्रीय भारतीय दर्शन में भाषाव्याकरणिक कात्यायन ने कहा कि ‘शब्द’ (वाक्-जो बोलने में प्रयुक्त होता है) शाश्वत अर्थात हमेशा रहने वाला है, इसका कभी अंत नहीं हो सकता। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म ने पहला शब्द पवित्र ‘ॐ’ को माना क्योंकि इन धर्मों के अनुसार किसी व्यक्ति के भीतर गूंजने वाली पहली कंपन ध्वनि यही ॐ है जो उसे परमात्मा से जोड़ती है। इस प्रकार शब्द संपूर्ण रूप से पूरे ब्रह्मांड को भी संदर्भित करता है।

भर्तृहरि जोकि एक महान संस्कृत कवि थे, ने ‘शब्द’ को अविभाज्य और अनुभूति माना। उनके अनुसार शब्द भाषाई प्रदर्शन की धारणाओं को एकजुट करता है और इसलिये यह ब्रह्म के समान है। हिंदू धर्म में इसे धार्मिक-दार्शनिक के रूप में इस्तेमाल किया गया था। तर्कशास्त्र के अंतर्गत आने वाले न्यायदर्शन के प्रमाणों में ‘शब्द’ मौखिक गवाही का उल्लेख करता है जो यथार्थ ज्ञान को प्राप्त करने के लिये अनिवार्य है। अगर सिख धर्म की बात की जाये तो गुरु ग्रंथ साहिब में कई रागों के अध्याय हैं। इन रागों में जो कुछ भी लिखा गया है उसे ‘शब्द’ या ‘शबद’ कहा जाता है। शबद के लिए प्रयुक्त लिपि को गुरुमुखी कहा गया है। ‘शब्द’ का प्रयोग अन्य सिख धर्मग्रंथों के भीतर भजनों को संदर्भित करने के लिए भी किया जाता है। भावनात्मक रूप से देखा जाये तो सभी निर्मित वस्तुओं में प्रवाहित होने वाली ध्वनि कम्पन ही ‘शब्द’ है जिसे आंतरिक कानों द्वारा भी सुना जा सकता है। भर्तृहरि के अनुसार शब्द भाषा और अनुभूति की पहचान कराते हैं। शब्द वह शक्ति है जिसके माध्यम से भगवान ब्रह्मांड में प्रकट होते हैं।

शब्द ‘स्फोट’ और ध्वनि के माध्यम से प्रकट होते हैं, और इनके प्रकट होने के लिये मुख्य रूप से स्फोट को उत्तरदायी माना जाता है। स्फोट भारतीय व्याकरण की परम्परा एवं पणिनि दर्शन का एक महत्वपूर्ण विषय है। कुछ लोग स्फोट (जिसे नित्य भी कहा जाता है) को संसार की उत्पत्ति का मूल स्रोत मानते हैं। स्फोट सिद्धांत भर्तृहरि द्वारा दिया गया एक विशेष योगदान है। यह शब्द संस्कृत मूल ‘स्फुट’ से लिया गया है जिसका अर्थ है फूटना या प्रस्फ़ुटन। भर्तृहरि का मानना था कि कोई भी शब्द वक्ता के दिमाग में स्फोट के रूप में मौजूद होता है। जब विचारों को एक रूप देने की प्रक्रिया शुरू होती है, यह एक क्रम में विभिन्न ध्वनियों की एक श्रृंखला का निर्माण करता है जो शब्द के अर्थ के रूप में प्रकट होते हैं। ऐसा लग सकता है कि उन शब्द-ध्वनियों को समय और स्थान में अलग किया गया है, लेकिन, वे वास्तव में एक ही इकाई का हिस्सा हैं जिसे स्फोट कहते हैं। यह एक श्रव्य शब्द के अमूर्त या वैचारिक रूप को भी संदर्भित कर सकता है।

इसके विपरीत ध्वनि को आत्मा की कविता के रूप में संदर्भित किया गया है। इसका उपयोग अथर्वेद में किया गया। पतंजलि के अनुसार शब्द का स्थायी पहलू स्फोट है जबकि ध्वनि शब्द के लिये अल्पकालिक है। स्फोट, ध्वनि की वैचारिक इकाई है जबकि इसके विपरीत ध्वनि शब्द का भौतिक रूप है।

संदर्भ:
1.http://www.mahavidya.ca/2008/06/21/sphota-theory-and-its-influence-on-mantra/
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Shabda
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Spho%E1%B9%ADa
4.https://www.thehindu.com/books/power-of-the-word/article3779772.ece
5.https://sreenivasaraos.com/tag/sabda-sphota/



RECENT POST

  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM


  • आइए, आज देखें, अब तक के कुछ बेहतरीन बॉलीवुड गीतों के चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     05-01-2025 09:27 AM


  • आइए चलते हैं, दृष्टिहीनता को चुनौती दे रहे ब्रेल संगीत की प्रेरणादायक यात्रा पर
    संचार एवं संचार यन्त्र

     04-01-2025 09:32 AM


  • आइए जानें, कैसे ज़ाग्रोस क्षेत्र के लोग, कृषि को भारत लेकर आए
    जन- 40000 ईसापूर्व से 10000 ईसापूर्व तक

     03-01-2025 09:26 AM


  • परंपराओं का जीता जागता उदाहरण है, लखनऊ का आंतरिक डिज़ाइन
    घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ

     02-01-2025 09:39 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id