लखनऊ के ला मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज (La Martiniere Girl’s College) के प्रांगण में स्थित बड़हल का वृक्ष, गर्मियों के मौसम में पक्षियों की चहचहाट से भरा रहता है। इसे बंदरों का फल भी कहा जाता है। यह भारत के शहरी क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक दुर्लभ वृक्ष है, जो शहरों में प्रायः विलुप्ति की कगार पर खड़ा है। किंतु इसे लखनऊ के कई क्षेत्रों में आज भी देखा जा सकता है। यह वृक्ष अपने बहुमुखी उपयोगों के लिए जाना जाता है।
बड़हल मोरेशिए (Moraceae) कुल का एक उष्णकटिबंधीय सदाबहार वृक्ष है। जो मुख्यतः दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में पाया जाता है। मध्यम से बड़े आकार के इस पर्णपाती वृक्ष की लंबाई लगभग 10-15 मीटर तक हो सकती है। यह वृक्ष तराई पहाड़ी जंगलों, खुले प्रदेशों और कभी-कभी गांवों में 300 मीटर की ऊँचाई पर पाए जाते हैं। सुअपवाहित और नमी को भलि-भांति अवशोषित करने वाली मृदा इसके लिए उपयुक्त है।
इसकी पत्तियां बड़ी और चौड़ी होती हैं तथा इसके फूल एकलिंगी होते हैं, जिसमें नर फूल पीले-नारंगी रंग के तथा मादा फूल लाल रंग के होते हैं। इसके फल हरे से धुंधले पीले रंग के होते हैं। जब यह पूर्णतः पक जाते हैं तो इनका रंग गुलाबी-भूरा-पीला हो जाता है। इसका गूदा स्वाद में खट्टा-मीठा होता है। इसमें बीजों की संख्या अनियमित होती है। बीटा-कैरोटीन (beta-carotene) और विटामिन सी (Vitamin C) के एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) गुणों से युक्त यह फल अत्यधिक पौष्टिक होता है। इसका एंटीऑक्सीडेंट मुख्यतः मानव स्वास्थ्य के रखरखाव में सहायता करता है तथा हृदय रोगों को भी रोकता है।
बड़हल के फूल और कच्चे फलों का उपयोग सब्ज़ी बनाने के लिए या विभिन्न प्रकार की सब्ज़ियों में किया जाता है। स्वाद में खट्टा होने के कारण कई स्थानों पर इसे इमली के स्थान पर एक विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है। पंजाब में इसे ‘धू’ के नाम से जाना जाता है, जिसका अचार (धू दा आचार) भी बनाया जाता है। पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में धू को सुखाकर कढ़ी में भी उपयोग किया जाता है। असम में इसकी छाल को सुपारी की तरह चबाया जाता है।
बड़हल के वृक्ष की लकड़ी मज़बूत होती है, जिसका उपयोग घर के निर्माण कार्य, मध्यम वज़न के फर्नीचर (Furniture) और नाव बनाने में किया जाता है। पूर्वोत्तर थाईलैंड में, इसकी लकड़ी का उपयोग स्थानीय पारंपरिक वाद्ययंत्र पोंग लैंग (Pong lang) बनाने के लिए किया जाता है। बड़हल के बीजों से नए वृक्षों का अंकुरण किया जा सकता है।
संदर्भ:
1. http://www.anandway.com/article/541/Badhal-Tree-in-Lucknow-India
2. https://www.healthbenefitstimes.com/monkey-fruit/
3. https://en.m.wikipedia.org/wiki/Artocarpus_lacucha
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.