भारत में विश्व का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क मौजूद है। जिसकी नींव औपनिवेशिक काल में ब्रिटिशों द्वारा रखी गयी तथा भारत की पहली रेलगाड़ी बम्बई से थाणे के बीच चली। आज भारतीय रेलवे मात्र विस्तार की दृष्टि से ही नहीं वरन् रोजगार देने की दृष्टि से भी विश्व के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है। विश्व आर्थिक मंच द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार इसे दुनिया के सबसे बड़े नियोक्ताओं की सूची में आठवें स्थान पर रखा गया है। इस सूची में अमेरिकी रक्षा विभाग दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता (32,00,000 कर्मचारी) है।
रेल भर्ती बोर्ड को प्रारंभ में 'रेल सेवा आयोग' के रूप में जाना जाता था, जिसे जनवरी, 1985 को रेल भर्ती बोर्ड नाम दिया गया। रेल विभाग में सरकारी सेवा के पदों को चार भागों (समूह- A, B, C, D) में विभाजित किया गया है। जिनके लिए भिन्न-भिन्न योग्यताऐं निर्धारित की गयी हैं। इनकी परीक्षा का आयोजन अलग-अलग विभाग द्वारा कराया जाता है।
समूह डी- इसके लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास है, जिसकी परीक्षा आर.आर.सी. (रेलवे भर्ती सेल) द्वारा आयोजित की जाती है। इसके अंतर्गत चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती कराई जाती है।
समूह सी- इसके लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक है और तकनीकी पद जैसे- जे.ई. और एस.एस.ई. के लिए आपको डिप्लोमा (Diploma) या डिग्री (Degree) की आवश्यकता होती है। इसकी परीक्षा का आयोजन RRB (रेलवे भर्ती बोर्ड) द्वारा कराया जाता है। भारत में अभी कुल 21 रेलवे भर्ती बोर्ड क्रमशः अहमदाबाद, अजमेर, इलाहाबाद, बैंगलोर, भोपाल, भुवनेश्वर, चेन्नई, गोरखपुर, गोवाहाटी, जम्मू, कोलकता, मालदा, मुंबई, मुज़फ्फरपुर, पटना, रांची, सिकंदराबाद, त्रिवेंदृम, बिलासपुर, सिलीगुड़ी और चंड़ीगढ़ हैं।
समूह बी- इस वर्ग के लिए कोई भर्ती नहीं होती है, समूह सी के आंतरिक कर्मचारी एल.डी.सी.ई. द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करके समूह बी में पदोन्नत होते हैं।
समूह ए- सिविल (Civil), मैकेनिकल (Mechanical), इलेक्ट्रिकल (Electrical) और इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) और दूरसंचार शाखा में डिग्री (Degree) धारकों के लिए हर साल संघ लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षा आयोजित की जाती है।
भारत में एक विशेष रेलमंत्रालय है, जो संपूर्ण भारत के रेल तंत्र को नियंत्रित करता है। जिसके वर्तमान रेल मंत्री पीयूष गोयल हैं। भारतीय रेल के संगठनात्मक ढांचे में शीर्ष स्थान पर रेल मंत्री, फिर रेल राज्य मंत्री और फिर रेलवे बोर्ड आता है। इसके बाद अन्य छोटे-छोटे विभाग आते हैं जिन्हें आप नीचे दिए गए चित्र में देख सकते हैं:
औपचारिक रूप से भारत की पहली रेल 16 अप्रैल, 1853 को चली। 14 सवारी डिब्बों वाली यह रेलगाड़ी 400 अतिथियों के साथ 21 तोपों की सलामी लेते हुए बोरीबंदर से रवाना हुई। प्रथम यात्री गाड़ी 15 अगस्त, 1854 को हावड़ा से हुगली स्टेशनों के बीच चलाई गई। इसके साथ ही ईस्ट इंडियन रेलवे (East Indian Railway) का पहला भाग यात्री यातायात के लिए चालू हुआ, जिससे भारत के पूर्वी हिस्से में रेल यातायात की शुरुआत की गयी। दक्षिण में पहली रेल लाइन 1 जुलाई, 1856 को मद्रास रेलवे कंपनी (Madras Railway Company) ने चालू की। उत्तर में 3 मार्च, 1859 को इलाहाबाद से कानपुर के बीच 119 मील की दूरी तक पहली रेल लाइन बिछाई गई। 19 नवंबर, 1875 को हाथरस रोड और मथुरा छावनी के बीच पहला भाग यातायात के लिए खोला गया।
आज भारतीय रेलवे प्रतिदिन लगभग 13 करोड़ यात्रियों को यात्रा करा रहा है। जिनको सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी रेल सुरक्षा बल (RPF) और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) को सौंपी गयी है। महिला यात्रियों की सुरक्षा और सहायता के लिए महिला पुलिस बल तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही भारतीय रेलवे यात्री सुविधा को बढ़ाने हेतु नित नए परिवर्तन कर रहा है। भारतीय रेलवे अपनी प्रणाली में आधुनिक सुविधाओं को लाने के लिए विश्व की रेलों से सम्पर्क बढ़ा रहा है। इस दिशा में, विएना में आयोजित इंडो-आस्ट्रिया ज्वाइंट इकोनॉमिक कमीशन (Indo-Austria Joint Economic Commission) के आठवें सत्र के दौरान एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे भारतीय और आस्ट्रियन रेलवे के बीच आधारभूत सुविधाओं के लेन-देन संबंधी आपसी लाभ के संबंध और गहरे होंगे।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2X1Hclm
2.http://www.indianrailways.gov.in/railwayboard/view_section_new.jsp?lang=0&id=0,1,304,305
3.https://www.quora.com/I-have-an-interest-in-railways-How-can-I-get-a-job-in-railways
4.http://www.rrbcdg.gov.in/about-us.php
5.http://www.indianrailways.gov.in/railwayboard/view_section_new.jsp?lang=0&id=0,4,1244
6.http://www.indianrailways.gov.in/railwayboard/view_section_new.jsp?lang=0&id=0,1,261
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