रडयार्ड किपलिंग 19वीं और 20वीं शताब्दी की शुरुआत के ब्रिटिश लेखक और कवि थे। उन्होनें अपने जीवन का अधिकांश भाग भारत में ही बिताया। इस दौरान उन्होनें भारत आधारित कई लघु कथाएं और कविताएं लिखीं जो आज भी लोगों में काफी लोकप्रिय हैं। उनके सबसे ज़्यादा पसंद किये जाने वाले उपन्यासों में ‘किम’ भी एक है। यह उपन्यास एक तेरह वर्षीय बालक किम पर आधारित है जो लाहौर में रहता था तथा जिसका अपहरण एक अफीम मांद के रक्षक द्वारा किया गया था।
किम आयरिश मूल का था तथा उसमें विभिन्न संस्कृतियों में घुल मिल जाने की क्षमता थी। भाषा के लिए उसकी आत्मीयता के कारण उसे ‘फ्रेंड ऑफ ऑल द वर्ल्ड’ (Friend of All the World) के रूप में जाना जाता था। उसकी मुलाकात तिब्बत से आये एक बौद्ध लामा से हुई। बौद्ध लामा ज्ञानोदय हेतु एक पवित्र नदी की तलाश में आए थे। किम ने फैसला किया कि वह भी उस नदी को खोजने में बौद्ध लामा की मदद करेगा। इस नदी का स्थान सभी के लिए एक रहस्य था। किम ने इसकी सूचना अपने दोस्त महबूब अली जो कि ब्रिटिश जासूस था, को दी। इस पर अली ने अम्बाला में एक अंग्रेज को देने के लिए कुछ कागज़ात किम को दिये। जिस दिन वे अपनी यात्रा के लिये निकले, उस रात किम ने दो अजनबियों को अली की चीज़ों को कुरेदते हुए देखा और तब उसे खतरे का आभास हुआ। ट्रेन पर सवार किम और लामा अम्बाला जाते हुए सभी क्षेत्रों के लोगों से मिले जिनके रीति-रिवाज़ और भाषाएं भिन्न-भिन्न थी। अम्बाला पहुंचने पर किम ने उस अंग्रेज़ को खोज लिया जिसके लिये अली ने वे कागज़ात भिजवाये थे। इस दौरान किम को यह आभास हुआ कि वहां कोई युद्ध चल रहा है और उन कागज़ातों का सम्बंध उस युद्ध से ही है।
अम्बाला के निकट एक इलाके में किम और लामा की मुलाकात एक पुराने भारतीय सैनिक से होती है जिसने कई सालों पहले अंग्रेजों के लिये लड़ाई लड़ी थी। वह सैनिक भी किम और लामा की इस यात्रा में शामिल हो जाता है और तीनों ग्रैंड ट्रंक रोड (Grand Trunk Road) की ओर निकल पड़ते हैं। इस दौरान किम को एक अंग्रेजी रेजिमेंट (Regiment) द्वारा बंदी बना लिया जाता है। यह पता चलने पर कि यह लड़का वही आयरिश है जिसके पिता किम्बल ओ'हारा (Kimball O’Hara) ने उनके साथ लड़ाई लड़ी थी, तो रेजिमेंट ने उसे लामा के साथ यात्रा करने से मना कर दिया जिस कारण लामा ने अपनी पवित्र नदी की खोज को अधूरा ही छोड़ दिया।
रेजिमेंट के साथ यात्रा करने वाले फादर विक्टर (Victor) एक पत्र को दर्शाते हैं जिसमें लिखा था कि लामा सेंट ज़ेवियर्स (St. Xavier) जो कि श्वेत लोगों के लिए एक कैथोलिक स्कूल (Catholic School) है, में किम की शिक्षा के लिए भुगतान करेंगे। किम को यह मंज़ूर नहीं था किंतु अली ने किम को समझाया कि सेंट ज़ेवियर्स में शिक्षा ग्रहण करना उसके लिये सबसे अच्छा विकल्प है। रेजीमेंट के कर्नल क्रेयटन किम को एक जासूस के रूप में नियुक्त करना चाहते थे। सेंट ज़ेवियर्स में किम लगभग एक साल व्यतीत करता है और गर्मियों में अली के साथ कार्य करने के लिए खुद को एक हिंदू भिखारी के रूप में प्रदर्शित करता है। किम जानता था कि अली ब्रिटिश सेना का एक जासूस है और वह उसे भी इसी चीज़ के लिये प्रशिक्षित करेगा। किम उन दो अजनबियों के बारे में अली को चेतावनी देता है और उसकी जान बचाता है। इसके बाद क्रेयटन, किम को एक अन्य जासूस लुर्गन साहिब के पास भेजता है ताकि किम के वापस सेंट ज़ेवियर्स जाने से पहले लुर्गन साहिब और चंदरमुखर्जी दोनों किम के जासूसी प्रशिक्षण की देखरेख कर सकें।
सोलह वर्ष का होने पर किम को स्कूल से छुट्टी दे दी गयी और उसे एक बौद्ध पुजारी का भेष दिया गया ताकि वह एक जासूस के रूप में काम करना शुरू कर सके। उसकी मुलाकात पुनः लामा से होती है। किम द्वारा जासूसी नेटवर्क (Network) में किसी शख्स की मदद करने पर लामा को लगता है कि उसके पास कोई जादुई शक्ति है तथा उसे अपने कार्य के लिये ऐसी शक्तियों का इस्तेमाल न करने की चेतावनी देते हैं।
इस उपन्यास में रामपुर का ज़िक्र भी आया है। जब मुखर्जी किम से मिलता है और उसे बताता है कि उत्तरी सीमा से परे स्वतंत्र क्षेत्रों पर शासन करने वाले पांच राजा रूसियों के साथ गठबंधन कर रहे हैं। मुखर्जी ने किम से मदद करने के लिए कहा और इसलिए किम ने लामा को उत्तर की यात्रा करने हेतु आश्वस्त किया। जब मुखर्जी को जासूसों के साथ पकड़ लिया गया, तो उसे पता चला कि वास्तव में उनमें से एक फ्रांसीसी है और उसने यह विश्वास दिलाया कि वे दूत हैं जिन्हें रामपुर के राजा द्वारा उनका स्वागत करने के लिए भेजा गया है। इसी बीच लामा बीमार पड़ जाता है और निर्णय लेता है कि उसे दक्षिण वापस लौटना चाहिए।
किपलिंग ने उपन्यास में लखनऊ के ला मार्टिनियर स्कूल (La Martiniere School) का उल्लेख किया था परन्तु इसका नाम सेंट ज़ेवियर्स दिया गया। निम्न अवतरण से इस बात की पुष्टि की जा सकती है।
व्यापारी ने महबूब से कहा कि, “मैं आप से फिर मिलूंगा यदि आप के पास इस प्रकार का कुछ और बेचने के लिये होगा”। वह किम से कहता है कि, “तुम्हारी किस्मत बन गयी है। कुछ समय में तुम लखनऊ के लिए निकलोगे। मई तुमसे फिर मिलूँगा, शायद एक से ज़्यादा बार”। कर्नल किम को समझाते हैं कि, “तीन दिन में तुम मेरे साथ लखनऊ चलोगे तथा रास्ते में हर समय कई नई चीजें देखने और सुनने मिलेंगी। इसलिए तीन दिन तक तुम्हें तसल्ली से बैठे रहना चाहिए। तुम लखनऊ के स्कूल में जाओगे”। इस पर किम प्रश्न पूछता है कि, “क्या मैं लखनऊ में उस पवित्र व्यक्ति (लामा) से मिलूंगा?”
कर्नल किम को समझाता है कि, “अम्बाला की अपेक्षा लखनऊ बनारस से ज़्यादा निकट है और यह बात अच्छी है”।
किम में लखनऊ का वर्णन कुछ इस प्रकार दिया गया है:
When they came to the crowded Lucknow station there was no sign of the lama. Kim swallowed his disappointment, while the Colonel bundled him into a ticca-gharri with his small belongings and despatched him alone to St. Xavier's.
'I do not say farewell, because we shall meet again,' he cried. 'Again, and many times, if thou art one of good spirit. But thou art not yet tried.'
'Not when I brought thee'—Kim actually dared to use the tum of equals—'the white stallion's pedigree that night?'
'Much is gained by forgetting, little brother,' said the Colonel, with a look that pierced through Kim's shoulder-blades as he scuttled into the carriage.
It took him nearly five minutes to recover. Then he sniffed the new air appreciatively. 'A rich city,' he said. 'Richer than Lahore. How good the bazars must be. Coachman, drive me a little through the bazars here.'
'My order is to take thee to the school.' The driver used the 'thou,' which is rudeness when applied to a white man. In the clearest and most fluent vernacular Kim pointed out his error, climbed on to the box-seat, and, a perfect understanding being established, drove for a couple of hours up and down, estimating, comparing, and enjoying. There is no city—except Bombay, the queen of all—more beautiful in her garish style than Lucknow, whether you see her from the bridge over the river, or the top of the Imambara looking down on the gilt umbrellas of the Chutter Munzil, and the trees in which the town is bedded. Kings have adorned her with fantastic buildings, endowed her with charities, crammed her with pensioners, and drenched her with blood. She is the centre of all idleness, intrigue, and luxury, and shares with Delhi the claim to talk the only pure Urdu.
उपरोक्त पंक्तियों का हिंदी अर्थ निम्नांकित है:-
जब वे दोनों भीड़-भाड़ वाले लखनऊ स्टेशन पर आए तो किम को लामा का कोई पता नहीं था। किम ने अपनी इस निराशा को निगल लिया और कर्नल ने उसे सेंट ज़ेवियर्स में अकेला छोड़ दिया। किम के अनुसार लखनऊ लाहौर से भी ज्यादा अमीर शहर है। कोई भी शहर (बॉम्बे को छोड़कर) ऐसा नहीं है जो लखनऊ की तुलना में अपनी भव्य शैली में अधिक सुंदर हो, चाहे उसे किसी भी रूप में देखा जाये। राजाओं ने इस शहर को शानदार इमारतों से सजाया है, दान से संपन्न किया है, और खून से सराबोर किया है। यह आलस्य, रोचकता और विलासिता का केंद्र भी है जो दिल्ली के साथ एकमात्र शुद्ध उर्दू पर बात करने का दावा करता है।
संदर्भ:
1. http://www.supersummary.com/kim/summary/
2. https://en.wikisource.org/wiki/Page:Kim_-_Rudyard_Kipling_(1912).djvu/166
3. https://en.wikisource.org/wiki/Page:Kim_-_Rudyard_Kipling_(1912).djvu/173
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