टी-शर्ट का इतिहास

लखनऊ

 19-06-2019 11:15 AM
स्पर्शः रचना व कपड़े

मानव मौसम, सौन्‍दर्य, स्वास्थ्य एवं उपयोगिता के अनुसार भिन्‍न-भिन्‍न वस्‍त्रों का निर्माण करता आ रहा है। इसी कारण भारत में भी विभिन्न परंपरागत पोशाक तो हैं हीं, लेकिन इसके साथ ही ब्रिटिश भारत के समय भारतियों द्वारा कई ब्रिटिश पोशाकों का अनुसरण भी किया गया था। जिनमें से एक है महिलाओं की फ्रॉक (Frock) और मैक्सी (Maxi) पोशाक, जिसे भारत में ब्रिटिशों द्वारा लाया गया था। तो आइए जानते हैं फ्रॉक और मैक्सी पोशाक के इतिहास के बारे में।

मूल रूप से, एक फ्रॉक एक ढीली, लंबी और चौड़ी आस्तीन वाली लंबी पोशाक हुआ करती थी, जैसे एक साधु या पुजारी को कई बार पहने हुए देखा जाता है। फ्रॉक में समय के साथ-साथ कई परिवर्तन किए गए। 16 वीं शताब्दी से 20 वीं शताब्दी के शुरुआती दिनों में, फ्रॉक को एक महिला की पोशाक या गाउन (Gown) के रूप में प्रयोग में लाया गया। 16 वीं शताब्दी में महिलाओं द्वारा कसी हुई लंबी और चौड़ी फ्रॉक पहनी जाती थी और बाद में 17वीं शताब्दी तक महिलाओं द्वारा अंदर से तीन वस्‍त्रों की परत वाली लंबी फ्रॉक पहनना आरंभ किया गया।

1960 के दशक के फैशन डिज़ाइनर (Fashion Designer), ऑस्कर डे ला रेंटा द्वारा पूरे विश्व के फैशन परस्त लोगों के लिए एक आरामदायक वस्त्र को डिज़ाइन किया गया था, जिसे मैक्सी के नाम से जाना गया। उन्होंने महिलाओं के लिए आरामदायक मैक्सी को डिज़ाइन किया और 1968 के न्यूयॉर्क टाइम्स (New York Times) में उनके डिज़ाइन को और लाखों लोगों द्वारा इसे पहने जाने पर इसकी प्रशंसा की गयी। 20वीं शताब्दी में पॉल पौयरेट द्वारा हॉबल स्कर्ट (Hobble skirt) को पेश किया गया। यह स्कर्ट लंबी और सुसज्जित थी और इसे पहनने वाला केवल छोटे कदम ही उठा कर चल सकता था। 20वीं शताब्दी तक स्कर्ट की लंबाई आरामदायक बनाने के लिए थोड़ी छोटी कर दी गई।

वैसे क्या आप जानते हैं कि फ्रॉक को पहले महिलाओं से ज़्यादा पुरूषों द्वारा पहना जाता था। 17वीं शताब्दी तक फ्रॉक को ग्रेट ब्रिटेन में चरवाहा, कामगार और खेत मजदूरों द्वारा पहना जाता था। वहीं 18वीं शताब्दी तक इसमें एक नया संस्करण सामने आया, जिसमें कुछ विशेष परिवर्तन किए गए थे, जिसे फ्रॉक कोट (Frock Coat) के नाम से जाना गया। फ्रॉक कोट नेपोलियन युद्धों के दौरान उभरा था, जिसमें उन्हें ऑस्ट्रियाई और विभिन्न जर्मन सेनाओं के अधिकारियों ने अभियान के दौरान पहना था। यह फ्रॉक कोट उन्हें पर्याप्त गर्मी प्रदान करता था।
1880 के आसपास और एडवर्डियन युग में फ्रॉक कोट की मांग घटने लगी और न्यूमार्केट कोट (Newmarket Coat) नामक राइडिंग कोट (Riding Coat) को लोगों द्वारा अपना लिया गया और इसके बाद फ्रॉक कोट अंततः केवल अदालत और राजनयिक पोशाक के रूप में पहनी जाने लगी।

संदर्भ :-
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Frock
2.https://www.psfrocks.com.au/blog/the-history-of-the-maxi-dress/
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Frock_coat
4.https://www.independent.co.uk/life-style/the-history-of-the-maxi-skirt-down-to-the-ground-1179023.html



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