कब, कैसे और कहाँ हुई टाई की उत्पत्ति?

लखनऊ

 19-06-2019 11:06 AM
स्पर्शः रचना व कपड़े

दुनिया भर में पुरुषों की पोशाक में नेकटाई (Necktie) का एक विशेष स्थान है। विभिन्न स्थानों में इसका उपयोग आज अनिवार्य रूप से किया जाने लगा है। वर्तमान में इसका उपयोग केवल किसी व्यावहारिक उद्देश्य के लिये ही नहीं किया जा रहा बल्कि सजावटी उद्देश्य के लिये भी किया जा रहा है। हज़ारों वर्षों से टाई विभिन्न रूपों में अस्तित्व में रही है। प्राचीन मिस्र में टाई का उपयोग चार हज़ार साल पूर्व से किया जा रहा है। पुरातत्वविदों के अनुसार मिस्र में ममियों (Mummies) के गले में भी टाई को ताबीज़ के रूप में पहनाया जाता था। ओशियनिया (Oceania) में अमेज़न के आदिवासी बहुत कम कपड़े पहनते थे लेकिन उनके जीवन में भी गले के वस्त्रों का बहुत विशेष स्थान था। कहा जाता है कि नेकटाई की शुरूआत यूरोप में तीस साल के युद्ध की उथल-पुथल के दौरान हुई। उस समय इसका उपयोग स्कार्फ (Scarves) के रूप में किया गया। इन स्कार्फ का उपयोग सम्मान के प्रतीक के रूप में केवल सैनिक ही किया करते थे। उस समय आम जनता को इसे पहनने की अनुमति नहीं थी। इन स्कार्फ का उपयोग सबसे पहले टेराकोटा वारियर्स (Terracotta Warriors) ने किया था। बौद्धकाल में भी टाई का प्रचलन काफी अधिक प्रचलित था। टाई का आविष्कारकर्ता क्रोट्स (Croats) को माना जाता है। क्रोट (Croat) शब्द ह्र्रवात (hrvat) से उपजा है, जो अंततः क्रैवेट (Cravat) में विकसित हुआ।

राजा लुईस XIII ने क्रोएशियाई व्यापारियों को नियुक्त किया, जिन्होंने अपनी वर्दी के हिस्से के रूप में अपनी गर्दन के चारों ओर कपड़े का एक टुकड़ा पहना। राजा लुईस को यह काफी पसंद आया और उन्होंने सभी शाही सभाओं के लिए इसे अनिवार्य बना दिया। क्रोएशियाई सैनिकों को सम्मानित करने के लिए उन्होंने इस कपड़े के टुकड़े को "ला क्रैवेट" (La Cravate) का नाम दिया जिसे फ्रेंच में नेकटाई कहा गया। यह शैली पूरे यूरोप में 200 वर्षों तक लोकप्रिय रही।

ब्रूमेल (Brummell’s) के सार्टोरियल (Sartorial) शासन के तहत बारीक गांठ वाला क्रैवेट उस समय हर फैशनेबल (Fashionable) व्यक्ति की पहचान बन गया। इसके बाद रंग-बिरंगे और मुलायम सिल्क (Silk) नेकवियर को काउंट डोरसे (Count d’Orsay) द्वारा पेश किया गया। काउंट डोरसे ने नेकवियर बनाने हेतु टाई की नरम आकृतियों को प्राथमिकता दी। काले कोट और सफेद शर्ट के साथ पहने जाने वाले काले रंग के नेकवियर को उन्होनें ही लोकप्रिय बनाया। नेकटाई के प्रमाण रोमन काल से भी प्राप्त हुए हैं। जब रोमन सम्राट ट्रोजन ने डाकियन्स (Dacians) को हराया, तो अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए एक संगमरमर का स्तंभ बनवाया जिसमें हज़ारों सैनिकों को साहसी चरित्र के प्रतीक के रूप दर्शाने के लिये नेकटाई पहनायी गयी थी।

1920 तक नेकटाई के डिज़ाइनों में बहुत से परिवर्तन किये गये। यह दशक पुरुषों की टाई के लिये महत्वपूर्ण दशक था। इस समय तक पुरुषों के लिए नेकटाई प्रमुख विकल्प बन गई थी क्योंकि औपचारिक रूप से इनका उपयोग बहुत अधिक किया जाने लगा था। 1924 में, अमेरिकी दर्जी जेसी लैंग्सडॉर्फ ने एक टाई बनाने की प्रक्रिया का पेटेंट (Patent) कराया। उनके दर्जी अनुभव ने कर्लिंग (Curling) टाई के चलन को समाप्त कर इसे नया रूप दिया। 1930 के दशक के आर्ट डेको आंदोलन (Art Deco movement) के दौरान नेकटाई और भी अधिक व्यापक हो गई। इसके बाद 1950 के दशक में स्किनी (Skinny) टाई का उद्भव हुआ। यह शैली विशेष रूप से अधिक फिटिंग के कपड़ों के लिये बनवायी गयी थी। 1970 के दशक में अत्यंत विस्तृत ‘किपर टाई’ (Kipper Tie) को अपनाया गया। 1990 के दशक में नेकटाई की चौड़ाई कम करके 3.75-4 इंच कर दी गयी जिसके पुष्प-सम्बन्धी और पैस्ले (Paisley) पैटर्न बहुत लोकप्रिय हुए। सन 2000 से 2010 के बीच यूरोपीय डिज़ाइनरों ने इसे आकर्षक रूप देने के लिये इसकी चौड़ाई को और भी कम कर दिया। आज के युग में इसका चलन भारत सहित कई अन्य देशों में बढ़ रहा है। कई नये पैटर्नों के विकास के साथ इसकी लोकप्रियता और भी अधिक बढ़ती जा रही है।

अगर देखा जाए तो केवल पोशाक को सुंदर रूप देने के लिये ही इसका विकास नहीं किया गया था बल्कि वर्षों पहले यूरोप के बर्फ वाले इलाकों में गर्दन को ठंड से बचाने के लिये भी इनका प्रचलन शुरू किया गया था। आज व्यापारिक दुनिया के भीतर संबंधों की अभिव्यक्ति के लिये इनका उपयोग विशेष रूप से किया जा रहा है। टाई पोशाकों को औपचारिक रूप प्रदान करती है तथा संबद्धता सूचक भी है।

वर्तमान में टाई का चलन केवल पुरूषों में ही नहीं बल्कि महिलाओं में भी व्यापक हो गया है। महिलाओं द्वारा विभिन्न कार्यक्षेत्रों में पहनी जाने वाली वर्दी का यह अब अभिन्न अंग बन चुकी है।

संदर्भ:-
1.https://www.gentlemansgazette.com/evolution-neckwear-tie-cravat-scarf/
2.https://www.tie-a-tie.net/the-evolution-of-the-necktie/
3.https://www.quora.com/Why-do-people-wear-ties-What-is-the-origin-of-this-useless-article-of-clothing
4.https://theuijunkie.com/neck-tie-origin/
5.https://www.pastemagazine.com/articles/2017/06/the-necktie-a-brief-history.html



RECENT POST

  • विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र व प्रादेशिक जल, देशों के विकास में होते हैं महत्वपूर्ण
    समुद्र

     23-11-2024 09:29 AM


  • क्या शादियों की रौनक बढ़ाने के लिए, हाथियों या घोड़ों का उपयोग सही है ?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:25 AM


  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id