वर्तमान में समाज के विकास और कल्याण के लिये विभिन्न पुरस्कार दिये जाते हैं। इन पुरस्कारों का स्तर भिन्न भिन्न होता है, जैसे राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर और अंतराष्ट्रीय स्तर। अंतराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिये जाने वाले पुरस्कार विश्व के सर्वोच्च पुरस्कार हैं, जिनमें नोबेल(Nobel) और रेमन मैग्सेसे (Ramon Magsaysay) पुरस्कार भी शामिल हैं।
नोबेल पुरस्कार:
यह नोबेल फाउंडेशन (Nobel Foundation) द्वारा स्वीडन (Sweden) के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) की याद में वर्ष 1901 में शुरू किया गया। इस पुरस्कार की 6 श्रेणियां रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, साहित्य, शांति, फिजियोलॉजी या मेडिसिन, और अर्थशास्त्र हैं। इन क्षेत्रों में अद्वितीय और यादगार कार्य करने के लिये यह पुरस्कार दिया जाता है तथा प्रशस्ति-पत्र के साथ लगभग 7 करोड़ की राशि भी प्रदान की जाती है।अल्फ्रेड नोबेल ने 1895 में पांच नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की और यह पुरस्कार पहली बार 1901 में दिए गये।1901 और 2018 के बीच लगभग 935 लोगों और संगठनों को 590 बार नोबेल पुरस्कार दिया गया। नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीयों की सूची निम्नलिखित है:
रेमन मैगसेसे पुरस्कार:
यह पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों एवं संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है। इसे प्राय: एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है।यह पुरस्कार न्यूयॉर्क स्थित "रॉकफेलर ब्रदर्स फण्ड" (Rockerfeller Brothers Fund) के ट्रस्टियों द्वारा सन् 1957 में स्थापित किया गया था जो फ़िलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रेमन मैगसेसे की याद में रेमन मैगसेसे पुरस्कार फाउन्डेशन द्वारा दिया जाता है।पुरस्कार की श्रेणियाँ सरकारी सेवा, सार्वजनिक सेवा, सामुदायिक नेतृत्व, पत्रकारिता, साहित्य एवं सृजनात्मक संचार कलाएँ, शान्ति एवं अंतराष्ट्रीय सद्भावना, अप्रत्याशित नेतृत्व हैं।रेमन मैग्सेसे पुरस्कार जीतने वाले कुछ भारतीयों की सूची निम्नलिखित है:
मोहनदास करमचंद्र गांधी जी 20 वीं सदी में अहिंसा का सबसे मजबूत प्रतीक बने।उनके अथक प्रयासों और अहिंसा के मार्ग ने भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसके लिए उन्हें कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित भी किया गया लेकिन फिर भी उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया। जिसके निम्नलिखित कारण हैं:
• नोबेल समिति के सलाहकार जैकब वॉर्- Jacob Worm-Müller मूलर ने गांधीजी के बारे में नकारात्मक लेख लिखा था, जिसके अनुसार गांधी जी अंहिसा की नीति पर हमेशा कायम नहीं रहे और इस कारण 1937 का नोबेल पुरस्कार उन्हें नहीं दिया गया।
• 1938 और 1939 के समय अंतराष्ट्रीय शांति आंदोलन में गांधी जी के कई आलोचक थे, जिस कारण वह दूसरी बार खिताब से चूके।
• 1947 के समय पाकिस्तान के साथ हालात बिगड़ने के बाद गांधीजी ने कहा कि “मैं हर तरह के युद्ध का विरोधी हूं, लेकिन पाकिस्तान चूंकि कोई बात नहीं मान रहा है, इसलिए पाकिस्तान को अन्याय करने से रोकने के लिए भारत को उसके ख़िलाफ़ युद्ध के लिए तैयार हो जाना चाहिये। इस बयान के कारण गांधी जी को शांति-विरोधी माना गया और फिर से उन्हें पुरस्कार से वंचित कर दिया गया।
• जनवरी 1948 में गांधी जी की हत्या हो चुकी थी और उस समय तक मरणोपरांत किसी को भी नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाता था।ऐसे में समस्या ये थी कि गांधी जी को देने वाली पुरस्कार की राशि किसे दी जाए? क्योंकि गांधी जी न ही किसी संगठन से जुड़े थे और न ही कोई वसीयत छोड़कर गए थे। इस प्रकार 1948 में किसी को भी शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया था।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Nobel_Prize
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Ramon_Magsaysay_Award
3. https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_Indian_Nobel_laureates
4. http://www.quickgs.com/list-of-indian-winners-of-ramon-magsaysay-award/
5. https://www.nobelprize.org/prizes/themes/mahatma-gandhi-the-missing-laureate/
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