एशियन पाम सिवेट कैट (Asian palm civet cat) दक्षिण पूर्व एशिया की एक छोटी स्तनधारी बिल्ली है जो विवेरिड (viverrid) प्रजाति या परिवार से सम्बंधित है। इसका रंग धूमिल होता है और शरीर की लंबाई 53 सेमी (पूंछ सहित) होती है। शरीर पर मोटे घने बाल होते हैं तथा पूंछ की लम्बाई सामान्य बिल्लियों से अधिक होती है। इसका वज़न 2 से 5 किलोग्राम के बीच होता है। भारत, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, सिंगापुर, प्रायद्वीपीय मलेशिया, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, चीन, फिलीपींस और इंडोनेशियाई द्वीपों आदि में मूल रूप से पायी जाने वाली यह बिल्ली आमतौर पर वनों में निवास करती है। सर्वाहारी होने के साथ-साथ एशियाई खजूर के छिलके, जामुन, खट्टे फल इस बिल्ली के प्रमुख खाद्य स्रोत हैं। इसके अतिरिक्त ये कॉफी (Coffee) और कीड़ों को भी खाती है। लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह ज़ूलॉजिकल गार्डन में पाम सिवेट कैट (Palm civet cat) आसानी से देखी जा सकती है।
अभी हाल ही में दुधवा वन अधिकारियों ने बरेली में पाम सीवेट कैट की नर और मादा के एक जोड़े को बचाया। दरअसल ये बिल्लियां गलती से गाँव के किसी कुंए में गिर गयी थीं जिन्हें इन वन अधिकारियों ने वहाँ से निकाला। उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (Special Task Force) ने वर्ष 2008 में मेरठ में दो तस्करों को दुर्लभ अल्बाय्नो पाम सिवेट कैट (Albino palm civet cat) के साथ पकड़ा जो इन्हें बेचने की योजना बना रहे थे। पकड़े जाने के बाद बिल्लियों को लखनऊ के चिड़ियाघर को सौंप दिया गया। इनकी आबादी वनों की कटाई और शिकार से प्रभावित हो रही है जिससे यह स्पष्ट होता है कि भले ही इस प्रजाति को लुप्तप्राय प्रजाति नहीं माना जाता लेकिन इन्हें बचाने के लिये और अधिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।
क्या आप जानते हैं कि इंडोनेशिया में दुनिया के सबसे महंगी कॉफी के बीज बनाने के लिए इन सिवेट बिल्लियों का उपयोग किया जाता है और भारत भी उन पांच देशों में से एक है जहां पर सबसे दुर्लभ कोपी लूवाक कॉफी (Kopi Luwak coffee) बनायी जाती है जिसका मूल्य लगभग 5,629 रुपये प्रति कप है। कर्नाटक के कूर्ग जिले में कुछ किसानों ने इन बिल्लियों को मार दिया क्योंकि इन बिल्लियों ने कॉफी के बीजों को खा लिया था। किंतु वास्तव में वे लोग इन बिल्लियों से होने वाले फायदे से अनजान थे। पाम सिवेट बिल्ली कॉफी के बीजों को खाती है। इसके पाचन तंत्र के कारण कॉफी के बीजों के छिलके निकल जाते हैं तथा बीज किण्वन प्रक्रिया से गुज़रते हैं। तत्पश्चात यह इन बीजों को उत्सर्जित कर देती है। उत्सर्जित बीजों में कॉफी के संरचनात्मक गुण संशोधित हो जाते हैं तथा कैफीन (Caffeine) की मात्रा कम हो जाती है जिससे कॉफी का स्वाद कुछ अलग हो जाता है।
अरेबिका और रोबस्टा लुवाक कॉफी (Arabica and Robusta Luwak coffee) दोनों में ही कैफीन की मात्रा अकिण्वित कॉफी की तुलना में बहुत कम होती है जो इसके महंगे होने का कारण है। असली कोपी लूवाक ऑनलाइन (Online) खरीदने के लिए भी उप्लब्ध है। लखनऊ और यूपी में भी इस महंगी कॉफी का उत्पादन इन बिल्लियों की सहायता से किया जा सकता है।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Asian_palm_civet
2. http://www.lucknowzoo.com/indian_and_exotic_animals#
3. https://bit.ly/2LUuEfu
4. https://bit.ly/2Ht0uM9
5. https://bit.ly/2Jtxbez
6. http://www.most-expensive.coffee/palm-civet-cats-luwaks/
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