विश्व भर से कई मिथकीय जीवों के बारे में हममें से अधिकांश लोगों ने सुना ही होगा, उसमें से एक है ड्रेगन। ऐसा माना जाता है कि ड्रेगन एक बहुत ही बड़ा सांप के जैसा चार पैरों वाला काल्पनिक जीव है, जिसका जिक्र हमें विश्व भर की संस्कृतिक साहित्यों में भी देखने को मिलता है। चीनी लंग (lung) के लिए भी "ड्रेगन" शब्द प्रयोग किया जाता है, जिसे सौभाग्य और बारिश के साथ संबंधित किया गया है। ड्रेगन और बारिश के संबंध के चलते चीन में ड्रेगन नृत्य और ड्रेगन बोट रेसिंग जैसे रिवाज भी देखने को मिलते हैं।
ऊपर दिए गये चित्र में चीनी ड्रैगन (Chinese Dragon) और यूरोपियन ड्रैगन (European Dragon) को दिखाया गया हैं।
ड्रेगन के बारे में अलग-अलग शोधकर्ता और अध्ययनकर्ता के विभिन्न विचार हैं, लेकिन इनमें से कोई भी किसी एक ठोस परिणाम तक नहीं पहुंचा है। एन इंस्टिंक्ट फॉर ड्रैगन्स (An Instinct for Dragons) (2000) में, मानवविज्ञानी डेविड ई. जोन्स(David E. Jones) कहते हैं कि जैसे मनुष्यों में बंदर की भांति स्वाभाविक प्रतिक्रिया देखने को मिलती है, ऐसे ही सांप, बड़ी बिल्लियों और शिकारी पक्षियों में भी कुछ समान स्वाभाविक प्रतिक्रिया देखी जा सकती है। साथ ही वे एक अध्ययन के बारे में बताते हैं, जिसमें पाया गया था कि 100 में से लगभग 39 लोग सांपों से डरते थे और सांपों का डर विशेष रूप से बच्चों और उनमें भी मौजूद था जहाँ सांप बहुत दुर्लभ पाए जाते हैं। इससे जोन्स ने यह निष्कर्ष निकाला कि सभी संस्कृतियों में ड्रेगन की मौजुदगी सांपों तथा अन्य जानवरों के प्रति डर से उत्पन्न हुई है। ड्रेगन को आमतौर पर नम गुफाओं, गहरे भंवरों, वन्य पहाड़ों, समुद्री तलों आदि में निवास करने वालों से जोड़ा है, ये सभी स्थान प्रारंभिक मानव पूर्वज के लिए खतरों से भरे थे।
ऊपर दिया गया चित्र गुस्ताव डोरे (Gustave Dore) की लेविथान का विनाश (The Destruction Of Leviathan) नामक कलाकृति है जो सन 1865 में चित्रित की गयी थी।
ऊपर दिया गया चित्र जॉन टेनील (John Tenniel) के द्वारा लुईस कैरोल (Lewis Carroll) के थ्रू द लुकिंग-ग्लास (Through the Looking-Glass) के लिए चित्रित किया द जेबरवॉकी (the Jabberwocky) है।
द फर्स्ट फॉसिल हंटर्स: डायनासोर, मैमथ्स एंड मिथ इन ग्रीक और रोमन टाइम्स (The First Fossil Hunters: Dinosaurs, Mammoths, and Myth in Greek and Roman Times) (2000) में एड्रिएन मेयर(Adrienne Mayor) जो की प्राचीन विज्ञान की इतिहासकार थी, तर्क करती हैं कि ड्रेगन की कुछ कहानियां डायनासोर और अन्य प्रागैतिहासिक जानवरों से संबंधित जीवाश्मों की प्राचीन खोजों से प्रेरित हो सकती हैं। साथ ही हिमालय के नीचे शिवालिक पहाड़ियों से मिले जीवाश्मों को भी लोग ड्रेगन समझते हैं। वहीं चीन में भी कई प्रागैतिहासिक जानवरों के जीवाश्म मिलना आम है, इन अवशेषों को अक्सर ड्रैगन की हड्डियों के रूप में पहचाना जाता है।
ऊपर दिया गया चित्र चीन के कुइंग राजवंश (Qing Dynasty of China) (1889 से 1912) के झंडे का है जिसमे चीनी ड्रैगन को चित्रित किया गया है।
सभी मिथकीय पशु-अधारित कहानियों में सबसे विवादस्पद कहानी यात्री मार्को पोलो की “ड्रेगन: मोर देन ए मिथ? (Dragons: More Than A Myth?)” रही है, जिन्होंने दक्षिणी चीन में युनान के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कारजान प्रांत में कथित रूप से अज्ञात जीवों के बारे में बताया था। पोलो द्वारा बताए गए जीव की आकृति के वर्णन के अनुसार यह लगता है कि उन्होंने संभवतः मगरमच्छ को देखा होगा।
वे जानवर जिनसे ड्रेगन का मिथक उत्पन्न हुआ, वे निम्न हैं:
डायनासोर :- प्राचीन समय के लोगों को जरूर डायनासोर के जीवाश्म मिलें होंगे, जिसे उन्होंने ड्रेगन के अवशेषों के रूप में समझ लिया होगा।
नील नदी के मगरमच्छ :- प्राचीन काल में उप-सहारा अफ्रीका के मूल निवासी, नील मगरमच्छों की संख्या काफी अधिक थी। वे सभी मगरमच्छ प्रजातियों में से सबसे बड़े हैं, परिपक्व मगरमच्छ की लंबाई 18 फीट तक पहुंचती है और इस मगरमच्छ को कोई भी आसानी से ड्रेगन मान सकता है।
गोन्ना :- ऑस्ट्रेलिया छिपकली की कई प्रजातियों का घर है, जिन्हें गोनास भी कहा जाता है। ये एक विशाल, नुकीले दांत और पंजे वाला जीव है, और साथ ही इनका पारंपरिक आदिवासी लोककथाओं में भी जिक्र मिलता है। ऐसा कहा जा सकता है कि ये जीव भी ड्रैगन मिथक के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
व्हेल :- कई का मानना है कि व्हेल जैसी विशालकाय मछली को संभवतः ड्रेगन समझ लिया गया होगा। प्राचीन समय में तकनीकी सुविधाएं ना होने के कारण उस समय के मनुष्य संभवतः व्हेल की हड्डियों को देखकर यह नहीं पहचान पाए होंगे कि वह जानवर समुद्र-अधारित थे।
संदर्भ :-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Dragon
2. https://mysteriousuniverse.org/2017/05/marco-polo-cryptozoology/
3. https://bit.ly/2ZrWSAU/
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