लखनऊ में सफाई और सफाईकर्मियों की स्थिति

लखनऊ

 23-04-2019 07:00 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये सदियों से जाना जाता रहा है। वर्तमान में भी आधुनिक सुविधाओं का उपयोग करके अपनी विशेषताओं को और अधिक उजागर कर रहा है। जहाँ इसने मेट्रो जैसी नई परिवहन तकनीकों को अपनाया है वहीं देश की स्मार्ट सिटी के रूप में भी सामने आ रहा है। विकास की इस अवस्था पर पहुंचने के बाद भी यहाँ आधुनिक स्वच्छता प्रौद्योगिकियों का विकास बहुत ही मंद गति से हो रहा है या यूँ कहे कि स्वछता की दृष्टि से यह अभी भी पिछड़ा हुआ है।

2001 के बाद से 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस के रूप में मनाया जाता है। दुनिया के सबसे निम्न तबके के लिए सुरक्षित और सस्ती शौचालय उपलब्ध कराने के वैश्विक प्रयासों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। बिल गेट्स( Bill Gates) और मैट डेमन(Matt Damon) जैसी हस्तियों ने भी इस विषय को खुलकर सामने लाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, आज दो अरब से अधिक लोगों को बुनियादी स्वच्छता सुविधाओं की कमी है, उनमें से लगभग 760 मिलियन लोग भारत में रहते हैं। जहाँ देश ने इतनी तरक्की की है, वहीँ लखनऊ के टॉयलेट क्लीनर आज भी अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं।

भारत में अभी भी सफाई का कार्य व्यक्तिगत रूप से किया जा रहा है। यह भारत का प्राचीन पेशा है जिसे 1993 में गैरकानूनी बना दिया गया था। किन्तु तब भी एक मिलियन से अधिक ऐसे सफाई कर्मी हैं जो कम आय में शहरी घरों, रेलवे पटरियों और सैनिकों के घरों में कार्य करते हैं। वे हिंदू जाति व्यवस्था के सबसे निचले तबके से आते हैं, जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक है। इस जाति-आधारित पेशे को तोड़ना बहुत मुश्किल है। वास्तविक अर्थ में, भारतीय स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी यह समुदाय अपनी स्वतंत्रता की प्रतीक्षा कर रहा है। यदि विश्व शौचालय दिवस स्वच्छ शौचालयों तक पहुंच का विस्तार करने के बारे में है, तो यह उन लोगों के बारे में भी होना चाहिए जिन्हें शौचालय साफ करना है।

लखनऊ की गलियों में भीड़-भाड़ के साथ-साथ दोनों ओर गटरों की भी अधिकता है। इनमें बहने वाले गंदे पानी, रसोई के कचरे, मानव मल को सफाई कर्मियों द्वारा बाहर निकाला जाता है। साथ ही यहां सफाई कर्मचारी घरेलू शौचालय की भी सफाई करते नजर आते हैं। टॉयलेट की इन गन्दगी को साफ़ करने के लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ती है। यह समुदाय अपने बच्चों को शिक्षित करने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। भारत के 12 राज्यों में लगभग 53000 सफाईकर्मी है हालांकि इनकी संख्या में पहले से अधिक सुधार हुआ है, क्यूंकि अधिकांश राज्यों ने इनकी स्थिति को सुधारने का प्रयास किया है, किन्तु अभी भी सुधार के आंकड़े कम हैं।

एक अंतर-मंत्रालय कार्य बल ने भारत में 53236 लोगों को मैनुअल स्कैवेंजिंग (Manual scavenging) अर्थात मैला ढोना में शामिल किया है। मात्र यूपी में ही हाथ से मल ढ़ोने वाले सफाईकर्मियों की संख्या 28796 है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के एक सर्वेक्षण में बताया गया है कि पिछले साल (2018) 10,000 से अधिक दलित मैनुअल स्कैवेंजिंग में कार्यरत थे और जिनमें से ज्यादातर यूपी के थे। जहां पूरा देश विकास की ओर अग्रसर है वहीं ये वर्ग आज भी अपनी स्वतंत्रता के लिए प्रयासरत है।

सन्दर्भ :-
1.
https://bit.ly/2GoJZ1Q
2. https://bit.ly/2XAlwxl
3. https://bit.ly/2IOeCAD
4. https://bit.ly/2Zqi22w



RECENT POST

  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM


  • आइए, आज देखें, अब तक के कुछ बेहतरीन बॉलीवुड गीतों के चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     05-01-2025 09:27 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id