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विश्व भर में मस्जिद का इस्लामिक धर्म में एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। उनके धर्म में मस्जिद का अर्थ वास्तव में ‘प्रणाम करने की जगह’ होती है। इस्लामिक धर्म में मस्जिद दो प्रकार के होते है, “मस्जिद और जामी”। हालांकि इस्लाम में निर्धारित पाँच दैनिक प्रार्थनाओं में से अधिकांश कहीं भी कर सकते हैं, लेकिन शुक्रवार की दोपहर की प्रार्थना (जुम्मा) के लिए मस्जिद में पुरुषों का एक साथ इकट्ठा होना आवश्यक होता है।
पैगंबर मुहम्मद के घर को सबसे पहली मस्जिद माना जाता है, जो वर्तमान में सऊदी अरब के मदीना में स्थित है। मस्जिदों का उपयोग सप्ताह भर प्रार्थना, अध्ययन या आराम और ध्यान के लिए एक स्थान के रूप में किया जा सकता है। लेकिन जामी मस्जिद में प्रत्येक शुक्रवार की नमाज व ईद की नमाज अदा की जाती है ये मस्जिदें आम मस्जिदों से बड़ी होती है जिसका सीधा तात्पर्य यह है कि बड़ी संख्या में लोग यहाँ पर इकट्ठा हो सके। वास्तव में एक जामी मस्जिद की वास्तुकला बनाई ही इस प्रकार जाती है कि उसमें शहर के सारे पुरुष एक साथ नमाज़ अदा करने के लिए इकट्ठा हो सके।

रामपुर में भी जामा मस्जिद स्थित है, यह ऊपर दिए गए दोनों तस्वीर रामपुर की जामा मस्जिद की अंदर की तस्वीर है जो की यहाँ की सबसे खूबसूरत मस्जिदों में से एक है। यह मस्जिद दिखने में दिल्ली के जामा मस्जिद से कुछ हद तक मिलती है। इस मस्जिद में भी लोग जुम्मे की नमाज़ के लिए इकट्ठा होते है और नमाज़ अदा करते है। रामपुर में स्थित जामा मस्जिद और इमामबाड़ा को आप सबसे ऊपर दी गयी तस्वीर में देख सकते है। इस तस्वीर को एक अज्ञात फोटोग्राफर (Photographer) द्वारा व्यूज ऑफ़ रामपुर (Views of Rampur) के एल्बम से लिया गया था जिसे नवंबर 1911 में फेस्टिवल ऑफ़ एम्पायर (Festival of Empire) द्वारा इंडिया ऑफिस (India Office) में प्रस्तुत किया गया था।
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सन्दर्भ:
1. https://www.quora.com/What-is-the-difference-between-a-mosque-masjid-and-Jama-Masjid