अतियथार्थवाद (Surrealism) 1920 के दशक की शुरुआत में यूरोप से प्रारंभ होने वाला एक सांस्कृतिक आंदोलन है और इसे अपनी दृश्य कलाकृतियों और लेखन के लिए जाना जाता है। दृश्य कला के क्षेत्र में स्वप्न का चित्रण करने वाले एक समूह को अतियथार्थवादी कहा गया है, इन कलाकारों ने इस क्षेत्र में वास्तविक यथार्थवाद का अनुभव किया। इन कलाकारों ने फोटोग्राफिक परिशुद्धता (Photographic Precision) के साथ अनावश्यक, अतार्किक दृश्यों को चित्रित किया। कला की इस शैली में एक ओर तर्क के शीतल और शुष्क हथियार तथा इसके विपरीत दूसरी ओर अर्धचेतन और स्वप्न के संसार के विचारों का जादू है। इन दोनों विरोधी बातों को स्वप्न और वास्तविकता से मिलाकर एक रूप देने का उद्देश्य अति यथार्थवादी चित्रकारों का था। यही भावना इन चित्रकारों की कलाकृतियों का आधार है। इस समूह के कलाकारों में हांस आर्प (Hans Arp) जर्मन (German) , अरनेस्ट (Max Ernst) फ्रेंच (French) के अतिरिक्त स्पेन के सालवेडर डाली (Salvador dali), रूस के मार्क चैगल (mark Chagall) आदि थे। इस शैली में विषय का विशेष महत्व था। इस शैली के चित्रकारों ने रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली वस्तुओं से अजीब जीव और आकृतियाँ बनायीं। इन चित्रकारों के चित्रों में वस्तुओं की अपेक्षा वस्तुओं की आकृतियाँ अधिक महत्वपूर्ण थी।
ऊपर दिए गये चित्र क्रमशः सालवेडोर डाली के द्वारा चित्रित दी एलीफैंट जिराफ (The Elephant Giraffe), दी बर्निंग जिराफ़ (The बर्निंग Giraffe) हैं। ऊपर दिए गये विडियो (Video) में सालवेडोर डाली (Salvador dali) की कलाकृतियों का आभासी वास्तविकता (Virtual Reality) के जरिये प्रदर्शित किया गया है तो आइये देखते है सालवेडोर डाली के सपनों की दुनिया पर आधारित ये चलचित्र (Video) जिसका नाम है ड्रीम्स ऑफ़ डाली (Dreams Of Dali) और जिसे बनाया है द डाली म्यूजियम (The Dali Museum) ने
विडियो का सन्दर्भ:
निर्माता: डाली म्यूजियम (Dali Museum)
ध्वनि: ऐलिस कूपर (Alice Cooper)
चित्र सन्दर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Salvador_Dal%C3%AD
2. https://www.Amazon.com/
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