100 बरस से भी अधिक वर्षो से पहले से शुरू हुए थे ओलंपिक खेल और पूरी दुनिया इस खेल में एक परिवार सा बन गई। साल 1896 में पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों की शुरुआत हुई थी। परंतु वास्तव में ये ओलंपिक खेल 776 ईसा पूर्व में शुरू हुए प्राचीन ओलंपिक का आधुनिक रूप है, अर्थात ये ओलंपिक खेल 776 ईसा पूर्व से खेले जा रहे हैं। तो चलिये जानते हैं, किस वजह से ओलंपिक खेलों की शुरुआत की गई और इसका इतिहास क्या है।
हालांकि प्राचीन ओलंपिक का पहला आधिकारिक आयोजन ग्रीष्मकालीन संक्रांति (जुलाई के मध्य के आसपास) के बाद पहली पूर्णिमा पर 776 ईसा पूर्व में ग्रीक भगवान ज़ीउस के सम्मान में आयोजित हुआ था, जबकि आखिरी बार इसका आयोजन 394 ईस्वी में हुआ, ये खेल ओलंपिया (पेलोपोनीज़) शहर में आयोजित किए जाते थे इसलिए इनका नाम ओलंपिक खेल पड़ा। कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार क्रोनोस के मौके पर अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए इन खेलों की शुरुआत का श्रेय ज़ीउस को दिया जाता है। जबकि अन्य कथाओं के अनुसार हीरो पेलोप्स ने ओइनोमाओस के सम्मान में उन्हें शुरू किया। यह खेल ग्रीक शिक्षण में शरीरिक स्वास्थ्य और प्रतिस्पर्धी भावना का एक बड़ा हिस्सा था।
सर्वप्रथम और एकमात्र प्रतियोगिता स्टैडियन फुट-रेस के विजेता कोरोइबोस रहे थे और तब से प्रत्येक विजेता को लेख्यांकित किया और प्रत्येक ओलंपियाड का नाम विजेता के नाम पर रखा जाने लगा था। इस प्रकार हमें प्राचीन ग्रीक समाज का पहला सटीक घटनाक्रम मिलता है।
तीन महीने के पैनहेलेनिक युद्धविराम के दौरान, ओलंपिया में होने वाले खेलों में भाग लेने के लिए पूरे ग्रीस से कई खिलाड़ी और 45,000 से अधिक दर्शक आए थे। बाद में, अन्य खेलों का आयोजन अन्य पवित्र स्थलों जैसे डेल्फी, इस्तमिया और नेमेया में किया गया लेकिन ओलंपियन खेल सबसे प्रतिष्ठित रहे थे। इन खेलों की शुरुआत एक जुलूस के साथ हुई, जिसका नेतृत्व हेलेनोदिकाई (न्यायाधीशों) द्वारा किया गया था और यह जुलूस मेजबान शहर एलिस से ओलंपिया तक गया था। वहीं ओलंपिया में पहुंचने पर सभी एथलीटों और अधिकारियों ने प्रतियोगिताओं के स्थापित नियमों का पालन करने और सम्मान के साथ प्रतिस्पर्धा करने की शपथ ली। इस प्रतियोगिता का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान 100 बैलों का बलिदान था, जिसे ज़ीउस की वेदी पर हेकाटोम के रूप में जाना जाता था।
पूरे ग्रीस में खेलों के आगमन की सूचना देने के लिए संदेशवाहक भेजे गए थे। खेल देखने के लिए दर्शक ना केवल ग्रीक से आए, बल्कि आईओनिया और मैग्ना ग्रेशिया उपद्वीप से भी आए थे। दर्शकों और एथलीटों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए और खेलों के धार्मिक महत्व के संबंध में पूरे ग्रीस में पवित्र युद्धविराम का आह्वान घोषित किया गया था। प्रारंभ में युद्धविराम एक महीने का होता था लेकिन बाद की शताब्दियों में इसे तीन महीने तक बढ़ा दिया गया था। एलिस में कोई भी युद्ध करने की अनुमति नहीं थी, ना ही एलिस के क्षेत्र में कोई हथियार ले जा सकता था और किसी भी दर्शक या एथलीट के समक्ष कोई बाधा नहीं दी जानी चाहिए।
वैसे तो यह अज्ञात है कि प्रत्येक खेल को देखने के लिए कितने दर्शक शामिल हुए थे, लेकिन यह अनुमान लगाया जा सकता है, कि स्टेडियम के तटबंधों में बैठकर प्रतियोगिता देखने वाले लगभग 45,000 दर्शक (जिसमें, पुरुषों, दासों और विदेशियों को शामिल किया गया था) मौजूद थे। वहीं साथ ही प्रत्येक प्रतियोगिता के बाद दर्शकों द्वारा विजेताओं पर फूल और लॉरेल के पत्ते डाले जा रहे थे। प्रतियोगिता में महिलाओं को भाग लेने या देखने की अनुमति नहीं थी, वहीं अनुमति का उल्लंघन करने पर मौत की सजा निर्धारित की हुई थी। हालांकि युवा लड़कियों को भीड़ में जाने की अनुमति थी।
पहले के 12 ओलंपिक में एकमात्र खेल स्टैडियन फुट-रेस का आयोजन किया गया था और यह खेलों के इतिहास में सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता रही थी। बाद में विभिन्न खेलों का आयोजन किया जाने लगा था। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों द्वारा प्रतियोगिता के नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाता था और इस जुर्माने को दोनों अभयारण्य और कथित एथलीट को अदा करना होता था।
संदर्भ :-
1. https://www.olympic.org/ancient-olympic-games/history© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.