आपने लखनऊ के नवाबों के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन क्या आपने कभी “बेगम मधुमक्खी” के बारे में सुना है? मधुमक्खियों की कई प्रजातियां होती हैं लेकिन वे ना ही एक जैसा रहती है और ना ही एक जैसा व्यवहार करती हैं। मधुमक्खियां अपनी प्रजातियों के आधार पर या तो सामाजिक या एकान्त में रहने वाली होती हैं। रानी मधुमक्खी मधुमक्खियों की समाजिक प्रजातियों में आती है।
सामाजिक कॉलोनी वाली मधुमक्खी की प्रजाति एक जाति व्यवस्था में संरचित होती हैं। कॉलोनी के सदस्यों के बीच श्रमिक मधुमक्खियों का विभाजन किया जाता है, ताकि कॉलोनी की सभी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा किया जा सकें। कॉलोनी में केवल रानी मधुमक्खी द्वारा ही अंडे दिए जाते हैं। कॉलोनी का व्यवहार, कार्य प्रणाली और आबादी के संतुलन के लिए रानी द्वारा ही निर्देश दिए जाते हैं। वह विभिन्न फेरोमोन के साथ अपने निर्देशों का संचार करती हैं, ये एक प्रकार के रसायन होते हैं जो विशिष्ट मधुमक्खियों के व्यवहार को निर्धारित करते हैं।
इनमें सभी श्रमिक मधुमक्खियाँ मादा होती हैं, लेकिन वे यौन रूप से परिपक्व नहीं होती हैं। ये केवल भोजन का संग्रह और उत्पादन करती हैं या अंडों की देख रेख करती हैं। वहीं कुछ श्रमिक रानी मधुमक्खी की सेवा उसे रोयल जैली (royal jelly) प्रदान करके करती हैं।
इनमें पुरुषों को ड्रोन कहा जाता है, और उनका एकमात्र कार्य अंडों के निषेचन के लिए शुक्राणु प्रदान करना होता है। यह सुनकर ऐसा प्रतीत होता है कि वे कॉलोनी के सबसे आलसी सदस्यों में से एक हैं फिर भी कॉलोनी उनके बिना नहीं रह सकती है। लेकिन एक ड्रोन का जीवन इतना भी आसान नहीं होता है। रानी के साथ समागम करने के तुरंत बाद ड्रोन की मृत्यु हो जाती है, और जो ड्रोन समागम नहीं करते हैं उनकी कॉलोनी को जरूरत नहीं होती है, इसलिए उन्हें श्रमिकों द्वारा छ्त्ते से बाहर कर दिया जाता है, जहां जल्द ही भूख से उनकी मृत्यु हो जाती है।
लेकिन अब सवाल यह है कि क्या रानी द्वारा कॉलोनी में नियंत्रण रखा जाता है। उपर्युक्त सभी जानकारी से तो यही लग रहा है कि रानी ही कॉलोनी में नियंत्रण रखती है। लेकिन वास्तव में श्रमिकों द्वारा कॉलोनी में नियंत्रण रखा जाता है। रानी अपनी अंडे देने की क्षमताओं के कारण ही छ्त्ते की मुख्य होती है। परंतु यदि श्रमिक मधुमक्खियाँ चाहें तो वे मौजूदा रानी को हटा भी सकते हैं और नई रानी का चुनाव भी कर सकते हैं।
रानी द्वारा रानी कप में अंडे दिए जाते हैं, ये मोम के गुंबद आकार के होते हैं, जिनमें आशयित भविष्य की रानी का एक अंडा होता है। रानी कप में मौजूद अंडे को रानी मधुमक्खी के रूप में विकसित करने के लिए श्रमिक मधुमक्खियों द्वारा 25 मिलीमीटर तक की लंबाई का छ्त्ता बनाया जाता है। वहीं उसको 9 दिनों में मोम की एक परत के साथ कवर किया जाता है और रानी को अंडे से निकलने में लगभग 16 दिन लगते हैं। श्रमिकों द्वारा रानी के लार्वा को 3 दिनों में लाया जाता है और ड्रोन लार्वा से प्राप्त किया गया रोयल जैली खिलाया जाता है। कॉलोनी में केवल एकमात्र रानी को उसके लार्वा के चरण में ये स्रावित पदार्थ खिलाया जाता है।
कॉलोनी में रानी सबसे बड़ी मधुमक्खी होती है। उसके पंख उसके पेट के केवल आधे में आते हैं, जबकि अन्य मधुमक्खियों के पंख पूरी तरह से उनके पेट को ढक्कते हैं। एक रानी मधुमक्खी का आकार लगभग 20 मिमी होता है। रानी मधुमक्खी द्वारा समागम के समय स्परमेथिसिआ (spermatheca) में बहुत अधिक शुक्राणु संग्रहित कर लिए जाते हैं। जिनका वे अपने संपूर्ण जीवन काल में अंडे देने के लिए उपयोग करती है।
श्रमिक मधुमक्खियों की तुलना में रानी मधुमक्खी का डंक काफी कोमल होता है जबकि श्रमिक मधुमक्खियों का कांटेदार होता है। श्रमिकों के विपरीत, वह कई बार डंक मारने के बाद भी जीवित रह सकती हैं। वह अंडे व्यवस्थित करने और अन्य रानियों से लड़ने की प्रक्रिया के दौरान अपने डंक का उपयोग करती हैं। हालांकि, रानी विनम्र स्वभाव की होती हैं और शायद ही कभी मधुमक्खी पालकों को डंक मारती हैं।
जब छ्त्ते में मधुमक्खियों की आबादी बढ़ जाती है, तो कुछ मधुमक्खियाँ छ्त्ता छोड़ के नया छत्ता बना सकती हैं। जिसकी प्रक्रिय निम्न होती है:
1) रानी हमेशा की तरह अंडे देना जारी रखती है, लेकिन श्रमिकों द्वारा नई रानियों के उत्पादन के लिए तैयारी करना शुरू कर देते हैं।
2) फिर श्रमिक रानी को खाना खिलाना बंद कर देते हैं, ताकि वह अपनी आने वाली लड़ाई के लिए कमजोर हो जाएं।
3) कॉलोनी के लगभग आधे हिस्से को लेकर दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर लिया जाता है और रानी द्वारा हमेशा के लिए मूल छत्ता छोड़ दिया जाता है।
संदर्भ :-
1. https://www.terminix.com/pest-control/bees/queen-bees/
2. https://www.perfectbee.com/learn-about-bees/the-life-of-bees/role-queen-bee
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