सफलता और शांति का प्रतीक नरगिस

लखनऊ

 01-03-2019 11:37 AM
बागवानी के पौधे (बागान)

डैफोडिल, जिसे आमतौर पर भारत में 'नरगिस के फूल' के रूप में जाना जाता है, इसके नाम का एक बहुत ही विशेष अर्थ है जिसे अधिकांश लोग नहीं जानते हैं। यह एक बारहमासी फूल है और इसका हल्का पीला फूल वसंत के आने का पहला संकेत है। ये फूल मार्च के महीने में खिलता है और पुनः उद्भव और नई शुरुआत का प्रतीक है। ये फूल यह इंगित करता है कि शरद चली गई है और वसंत के आगमन का समय आ गया है। डैफोडिल नॉरशिसस वंश का पुष्प है और इसके कई रंगों की भिन्न भिन्न प्रजातियाँ होती हैं। डैफोडिल वंसत का सबसे लोकप्रिय, रंगीन और मंद-मधुर सुगंध वाले फूलों में से एक माना जाता है। यह एक आकर्षक फूल है जिसकी 6 पंखुड़ियां और एक प्याले के समान केन्द्रीय प्रभामंडल होता है तथा पांच फूल एक साथ एक टहनी पर चक्राकार रूप से खिलते हैं। वसंत के दिनों में पीला नरगिस सबसे ज्यादा खिलता है।

इन फूलों को कई नामों से पुकारा जाता है जैसे डैफोडिल, डैफडॉन्डिलि (daffadowndilly), नार्सिसस, नरगिस आदि। एक यूनानी किवदंती के अनुसार नार्सिसस नाम का एक सुन्‍दर यूनानी युवक था जिसके अप्रतिम सौंदर्य को देखकर कोई भी उस पर मोहित हो जाता था किंतु वे किसी के प्रेम को भी स्वीकार नहीं करते था। उन्‍हें स्‍वयं अपने सौंदर्य का आभास नहीं था। एक बार एक इको नाम की अप्‍सरा को उनसे प्रेम हो गया। किंतु इन्‍होंने इसके प्रेम को अस्‍वीकार कर दिया, जिस कारण वह अप्सरा अत्‍यंत व्‍याकुल हो गयी। अप्सरा की यह अवस्‍था देख देवी नेमसिस ने नार्सिसस को एक झील में जाने के लिए प्रेरित किया, नार्सिसस जब झील में गये तो वे अपने प्रतिबिंब को देखकर स्‍वयं ही मोहित हो गये तथा उस झील में ही विलीन हो गये। उस स्‍थान पर एक सुन्‍दर पुष्‍प उगा जिसे नरगिस के नाम से जाता जाता है।

डैफोडिल दक्षिणी यूरोप और उत्तरी अफ्रीका में घास के मैदान तथा जंगल के मूल निवासी है। इसकी खेती पहले के समय से होती आ रही है। दसवीं शताब्दी से पहले इसका आगमन पूर्व के देशों में भी हुआ। और इसकी सुंदरता तथा महत्व के कारण इसकी जल्द ही बिक्री शुरू होने लगी तथा 16वीं शताब्दी में यह फूल यूरोप और नीदरलैंड में एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसल बन गए। अपने लंबे इतिहास के बावजूद भी कुछ नरगिस की प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं, तथा अन्य शहरीकरण और पर्यटन बढ़ने से विलुप्तता की कगार पर हैं। यह वेल्स का राष्ट्रीय फूल है, और कई देशों में ये फूल कैंसर दान संस्था का प्रतीक भी है। यह फूल पश्चिमी और पूर्वी दोनों संस्कृतियों के इतिहास से जुड़ा है।

आप इन्हें छोटे छोटे गमलों में आसानी से लगा सकते हैं। डैफोडिल लगाने के लिए एक उचित गमले का चुनाव करना होगा, जिसमें उचित जल निकासी छेद हो और पर्याप्त गहरा हो। डैफोडिल के कंद और गमले के किनारे में 1 इंच का अंतर होना चाहिए तथा कंद लगाने से पहले गमले में कम से कम 2 इंच की मिट्टी होनी चाहिए। अपने गमले को उस स्थान पर रखें जहाँ पर्याप्त मात्रा में डैफोडिल को प्रकाश प्राप्त हो सकें। अधिक गर्मी से डैफोडिल जल्दी विकसित होते हैं, जिससे उनकी टहनियाँ काफी बेडौल विकसित होती हैं। डैफोडिल के लिए पर्याप्त छाया और प्रकाश का सही संतुलन होना चाहिए।

डैफोडिल को ऐसे स्थान में रखना सही रहेगा, जहाँ इसे प्रतिदिन कम से कम 3 घंटे प्रत्यक्ष सूर्य मिल सकें। वहीं आपको यह ध्यान रखना होगा कि पौधा सीधा खड़ा रहें, जिसके लिए डैफोडिल के शीर्ष भाग को किसी लकड़ी या रस्सी का सहारा प्रदान करना चाहिए। अधिकांश लोग फूलों के सूख जाने के बाद डैफोडिल के पत्ते को बाँध देते हैं, ताकि वे साफ लगें। लेकिन ऐसा करना बिल्कुल गलत है, इससे पौधे की प्राकृतिक प्रक्रिया बाधित होती है। और वह अगले वर्ष के फूलों के लिए ऊर्जा संग्रहीत नहीं कर पाता है, जो डैफोडिल ब्लाइंडनेस (daffodil blindness) का कारण बनता है। ‘डैफोडिल ब्लाइंडनेस' पौधे में तब होता है जब पौधे बढ़े तो हो जाते हैं, लेकिन उनमें फूल नहीं खिलते हैं। जब पौधे में फूल सूख जाते हैं तो उसकी मिट्टी में अगले वर्ष के फूलों के लिए बोनमिल (bonemeal) डालें।

इसका सांस्कृतिक महत्व-
डैफोडिल फूल बहुत लोकप्रिय है। कई किंवदंतियां है कि डैफोडिल न केवल शरद ऋतु के जाने का प्रतीक है बल्कि समृद्धि, धन और अच्छे भाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। वेल्स में, यह कहा जाता है कि यदि आपको डैफोडिल फूल इसके खिलने के मौसम से पहले दिखाई दे जाता है तो आपके अगले 12 महीनों में धन की कमी नहीं होगी। चीनी किंवदंती के अनुसार नव वर्ष पर यदि डैफोडिल फूल खिलता है तो यह साल भर में अतिरिक्त धन और अच्छी किस्मत लाने वाला कहलाता है। कुछ देशों में पीले रंग का डैफोडिल ईस्टर के साथ जुड़ा हुआ है। यह फूल सौभाग्य लाता है और दुर्भाग्य को दूर करता है।

संदर्भ:
1. https://www.teleflora.com/meaning-of-flowers/daffodil
2. https://bouqs.com/blog/march-birthday-daffodils/
3. http://www.flowersofindia.net/catalog/slides/Nargis.html
4. https://bit.ly/2GNkZUN
5. https://www.almanac.com/plant/daffodils
6. https://bit.ly/2UeMjy8



RECENT POST

  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM


  • आइए, आज देखें, अब तक के कुछ बेहतरीन बॉलीवुड गीतों के चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     05-01-2025 09:27 AM


  • आइए चलते हैं, दृष्टिहीनता को चुनौती दे रहे ब्रेल संगीत की प्रेरणादायक यात्रा पर
    संचार एवं संचार यन्त्र

     04-01-2025 09:32 AM


  • आइए जानें, कैसे ज़ाग्रोस क्षेत्र के लोग, कृषि को भारत लेकर आए
    जन- 40000 ईसापूर्व से 10000 ईसापूर्व तक

     03-01-2025 09:26 AM


  • परंपराओं का जीता जागता उदाहरण है, लखनऊ का आंतरिक डिज़ाइन
    घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ

     02-01-2025 09:39 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id