लखनऊ के अधिकांश लोग यहां के प्रसिद्ध चिड़ियाघर में तो जरूर गए होंगे और कई सुंदर जानवरों को भी देखा होगा। यहां का मुख्य केंद्र लम्बी गर्दनवाले जिराफ है, और एक समय पहले यहां ज़ेबरा भी हुआ करते थे। परंतु आज हम जिस अद्भुत जानवर का परिचय आपसे कराने जा रहे हैं, वो जिराफ के साथ-साथ ज़ेबरा के समान भी दिखता है। इसे देखकर ऐसा लगता है मानो ये एक फ़ैंटसी फिल्म से सीधे बाहर आ गया हो। हम बात कर रहे हैं 'ओकापी' की, जो कि जिराफ के सबसे करीबी रिश्तेदार है। हालाँकि, ब्रिटिश अमेरिकी खोजकर्ता सर हेनरी मॉर्टन स्टैनली ने 1890 की शुरुआत में इस जानवर की पहली रिपोर्ट बनाई थी। परंतु फिर भी ओकापी 1901 तक विज्ञान जगत के लिए अज्ञात प्राणी था, इसका विज्ञान जगत से परिचय तब हुआ जब ब्रिटिश खोजकर्ता सर हैरी हैमिल्टन जॉनसन ने ब्रिटिश संग्रहालय में इससे संबंधित जानकारी भेजी।
आवास
ओकापी (ओकापिया जॉन्स्टोनी) जिराफ़िडे (Giraffidae) कुल से संबंधित अफ्रीकी आर्टियोडैक्टाइल (Artiodactyl) स्तनपायी है। ये सुंदर जीव मध्य अफ्री़का के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के इटुरी वर्षावन में पाया जाता है। इन्हे वन जिराफ या ज़ेबरा जिराफ़ के रूप में भी जाना जाता है। ये जानवर अपने पृष्ठ भाग में गहरे कत्थई रंग के होते है और पैरों में अद्भुत सफे़द-काली धारियाँ होती हैं, जिससे दूर से देखने में यह ज़ेबरा जैसा दिखता है। ओकापी 500-1,500 मीटर की ऊँचाई पर रहना पसन्द करते है तथा ये कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के उष्णकटिबंधीय जंगलों के मध्य, उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में फैले हुए हैं।
आकारिकी
इसमें जिराफ के समान त्वचा से ढके हुए सींग भी होते है जिन्हे ओसिकोन (osicone) कहते है, ये लंबाई में 15 सेमी (5.9 इंच) से छोटे होते हैं और मादा में अनुपस्थित होते हैं। इसकी शरीर की बनावट जिराफ़ जैसी ही होती है सिवाय लंबी गर्दन के। इनकी गर्दन अपेक्षाकृत जिराफ से थोड़ी छोटी होती है। इनकी जिराफ के समान लंबी जीभ (करीब 18-इंच) होती है, यह इतनी लम्बी होती है कि ये आसानी से अपनी आँख तथा कान भी साफ़ कर लेते हैं। इनकी जीभ नीले रंग की होती है और इसकी मदद से ये चुनिंदा पेड़ों से कोमल पत्तियाँ और कोपलें खाने में सफल हो जाते हैं। ये पूरी तरह से वनस्पति पर निर्भर होते है और पेड़ की छाँव में भोजन करना पसंद करते हैं। ओकापी की लंबाई लगभग 2.5 मीटर (8.2 फीट) और कन्धों तक ऊँचाई लगभग 1.5 मीटर (4.9 फीट) होती है। इनका वज़न 200 से 350 किलो ग्राम होता है।
व्यवहार
ये मुख्य रूप से दिन में चरने वाले प्राणी होते हैं परंतु इन्हे रात के समय में भी सक्रिय देखा गया हैं। ये समागम के समय के अलावा, एकाकी जीवन व्यतीत करना ज्यादा पसंद करते है और सिर्फ़ माँ और शावक ही साथ रहते हैं। ये शर्मीले और सतर्क प्राणी होते है, इनके कान बेहद संवेदनशील होते है ये थोड़ी सी आहट को भी सुन लेते है। ये ज्यादा सामाजिक प्राणी नहीं है और बड़े तथा एकांत इलाके में रहना पसन्द करता है। इसी आदत के कारण इनकी संख्या घट रही है क्योंकि इनके इलाके में मनुष्य भूमि अतिक्रमण कर रहा है। इसके आलावा ओकापी की खाल तेलयुक्त और मखमली होती है, इसकी खाल और मांस के लिये भी इसका शिकार बढ़ गया था। एक अनुमान है कि पहले जंगलों में इनकी संख्या 4,500 थी और शिकार के कारण 1995 से 2007 के बीच इनकी आबादी 40 प्रतिशत से अधिक घट गई।
संरक्षण
प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN), लुप्तप्राय के रूप में ओकापी को वर्गीकृत करता है। इसको संरक्षण प्रदान करने के लिये ओकापी संरक्षण परियोजना की स्थापना 1987 में की गई थी। नवंबर 2011 में व्हाइट ओक संरक्षण केंद्र तथा जैक्सनविल चिड़ियाघर एंड गार्डन ने ओकापी स्पीशीज़ (spicies) सरवाइवल प्लान और जैक्सनविल में ओकापी यूरोपीय लुप्तप्राय प्रजाति कार्यक्रम की एक अंतरराष्ट्रीय बैठक की मेजबानी की थी, जिसमें अमेरिका, यूरोप और जापान के चिड़ियाघरों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस बैठक का उद्देश्य बंदी ओकापी के प्रबंधन पर चर्चा करना और ओकापी संरक्षण के लिए समर्थन की व्यवस्था करना था। वर्तमान में यह पूरी तरह से कांगोलिस कानून के तहत संरक्षित है। ओकापी वाइल्डलाइफ रिजर्व और माईको नेशनल पार्क, ओकापी की आबादी को बढाने का प्रयास करते हैं।
आयु तथा प्रजनन
ओकापी 20-30 साल तक जीवित रह सकते हैं। लगभग डेढ़ साल की उम्र में मादा ओकापी यौन रूप से परिपक्व हो जाती है, जबकि पुरुष दो साल बाद परिपक्व होते हैं। इनमें समागम के समय के बर्ताव में सूंघना, चक्कर काटना और चाटना शामिल है। मादा में गर्भकालीन अवधि 440 से 450 दिनों के आसपास होती है, जिसके बाद आमतौर पर एक 14-30 किलो वजन वाले शिशु को जन्म देती है। मादा छह महीने तक शिशु को दूध पिलाती है। छह महीने के बाद शिशु ठोस आहार ग्रहण करना शुरू कर देता है।
संदर्भ:
1. https://animals.sandiegozoo.org/animals/okapi
2. https://www.britannica.com/animal/okapi
3. https://www.livescience.com/56233-okapi-facts.html
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