हमारे शरीर की पाँच इंद्रियों के बारे में कौन नहीं जानता, हमारी पाँच इंद्रियाँ जिनमें सुनना, सूंघना, देखना, स्वाद, स्पर्श करना शामिल हैं। हमारी पाँचवीं इन्द्री(स्पर्श), अन्य इंद्रियों से विपरीत, जो सारे शरीर में वितरित होती है।
स्पर्श संवेदना चार प्रकार की होती हैं :- सर्द, गर्म, संपर्क, और दर्द। हम इन चारों भावों को स्पर्श करके महसूस कर सकते हैं। उँगलियाँ और यौन अंग, तंत्रिका तंत्र का सबसे अधिक संवेदनशील अंग होते हैं।
स्पर्श की संवेदना हमारे शरीर में दर्द, तापमान, दबाव, कंपन और शारीरिक क्रिया के बारे में सूचित करती है। स्पर्श संवेदना हमारे आंतरिक अंगों की जानकारी मस्तिष्क को प्रदान करती है, हालांकि हमको इस जानकारी का पता नहीं होता। उदाहरण के लिए; पथरी का दर्द।
उम्र के साथ स्पर्श संवेदना और संवेदनशीलता में होने वाले परिवर्तन उम्र बढ़ने के साथ,हमारे शरीर में बहुत से परिवर्तन आते हैं जो कि हमारी स्पर्श संवेदना को भी प्रभावित करते हैं। ये परिवर्तन तंत्रिका तंत्र या मस्तिष्क के लिए अल्प रक्त प्रवाह की वजह से हो सकते हैं। तंत्रिका रीढ़ की हड्डी को संकेत पंहुचाती है और मस्तिष्क इन संकेतों की व्याख्या करता है। जब हम बूढ़े होते हैं, हमारी त्वचा पतली और कम लोचदार हो जाती है। जिसके कारण शरीर में दर्द, तापमान, और कंपन सहने की संवेदनशीलता कम हो जाती है।
कई बार कुछ स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे, पोषक तत्वों की कमी , हमारे दिमाग की सर्जरी(surgery), दिमागी समस्याएँ या कोई चोट आदि भी इन परिवर्तनों का कारण हो सकतीं हैं
हालांकि,हमारी बढ़ती उम्र के साथ हमारी कठोर और मुलायम चीजों को स्पर्श कर अलग करने की क्षमता कम नही होती और ना ही किसी चीज़ को सिर्फ छु कर पहचानने की क्षमता कम होती है। स्पर्श संवेदना हर एक व्यक्ति में अलग प्रकार से विकसित होती है, कुछ लोगों में,जो कि देख नहीं सकते स्पर्श संवेदना उम्र के साथ साथ अधिक विकसित होती जाती है।
50 की आयु के बाद हमारे शरीर की दर्द, कंपन और तापमान को सहने की क्षमता कम हो जाती है , इसलिए बढ़ती उम्र के साथ अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है ।
• जितना हो सके हमें घावों से बचना चाहिए ,जैसे चोट लगना, जलना आदि।
• अगर पानी गर्म कर रहे हैं तो उसका तापमान 49°c से ज्यादा नहीं होना चाहिए ताकि हाथ आदि जलने से बचाए जा सके।
• सर्दी तथा गर्मी का ध्यान रख कर पहनने वाले कपड़ों का चुनाव करें ।
• अपनी त्वचा का लगातार परीक्षण करते रहें , यदि कोई चोट दिखे तो उसका तुरंत इलाज़ करें , यदि दर्द नहीं हो रहा तब भी उसे हल्के में ना लें।
स्पर्श संवेदना की क्षमता को कैसे बढ़ाएं
1. कई अनुसंधानो से पता चलता है की स्पर्श दृष्टि से संबंधित हैं, जिस वस्तु को हम देखते हैं उसे छुने से उसको महसूस करने की क्षमता में वृद्धि होती है। इसलिए जरूरी है कि जब हम किसी दिलचस्प चीज़ को छू रहे हैं तो उस पर ध्यान दें।
2. हमारी स्पर्श संवेदना को हम कभी जानने की कोशिश नही करते । अगर हम अपनी स्पर्श संवेदना को समझे तो हम अपनी स्पर्श संवेदना को उत्तेजित कर अपनी महसूस करने की शक्ति को बढ़ा सकते हैं और हमारी त्वचा को क्या स्पर्श कर रहा है उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जब आप कपड़े के लिए खरीदारी करते हैं तो विभिन्न कपड़ों को स्पर्श करते हैं। कपास और पॉलिएस्टर, रेशम और साटन के बीच अंतर की छुकर पहचान की जा सकती है
ऐसी चीजों का ध्यान रखें जो आपकी त्वचा को अलग स्पर्श का एहसास कराएं, जैसे ठंडी हवा या सूरज की गर्मी ।
3. मुलायम त्वचा अन्य त्वचाओं से ज्यादा नाज़ुक होती है । यदि आप अपने हाथ और पैरों पर बेरुख त्वचा महसूस करते है, तो एक छर्रे पत्थर या किसी अन्य उपकरण का प्रयोग बेरुखी त्वचा को हटाने के लिए करें, फिर कोई लोशन(lotion) या तेल लगाएँ जिससे आपकी त्वचा मुलायम और संवेदनशील बनी रहे।
4. अपने शरीर के बारे में अधिक जागरूक बनें । नृत्य, योग, मालिश, और एक्यूपंक्चर(anupuncture) उपचार आदि हमारे शरीर और स्पर्श संवेदना को संवेदनशील बनाने में मदद करते हैं।
संदर्भ :-
1. https://www.agewatch.net/ageing-why-and-how/touch/
2. https://medlineplus.gov/ency/article/004013.htm
3. https://www.wikihow.com/Fine-Tune-All-of-Your-Five-Senses
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