आइये समझें कुत्‍तों की भावनापूर्ण मूक भाषा को

लखनऊ

 08-02-2019 07:24 PM
व्यवहारिक

भावनाओं की अभिव्‍यक्ति के लिए हमेशा शब्‍दों की आवश्‍यकता नहीं होती है, शायद यही कारण है कि लोग अपने पशुओं से इतना प्रेम करते हैं साथ में वे भी अपनी मूक भाषा (Sign- Language) में अपने प्रेम की अभिव्‍यक्ति करते हैं। सबसे लोकप्रिय पशुओं की बात हो तो शीर्ष पर कुत्‍ते का नाम आता है। कुत्‍ते अपने भावनात्‍मक लगाव, अभिव्‍यक्ति और अपनी वफादारी के कारण मानव के सबसे ज्‍यादा करीब होते हैं, संभवतः इसलिए मानव द्वारा इसे पहले पालतू जीव के रूप में स्‍वीकारा गया। कुत्‍ते राजा से लेकर रंक सभी की पसंद रहे हैं, अवध के नवाब अपने कुत्‍तों के प्रति प्रेम के लिए जाने जाते हैं। चलिए अपने इस प्रिय जीव को करीब से जानने के लिए सिखते हैं इनकी कुछ भावाभिव्‍यक्ति के दौरान होने वाले शारीरिक हाव-भाव के विषय में:

तनाव मुक्त अवस्‍था:
जब कुत्‍तों को अपने आसपास होने वाली गतिविधियों से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है या वे आराम की स्थिति में होते हैं तो उस दौरान उनकी शारीरिक स्थिति कुछ इस प्रकार होती है:

1. कान खड़े होते हैं।
2. सिर ऊंचा रखते हैं।
3. मुंह हल्‍का खुला तथा जीभ बाहर होती है।
4. शरीर ढीला तथा वजन पैरों पर होता है।
5. पूंछ नीचे तथा शिथिल होती है।

प्रसन्न अवस्‍था में:
जब कुत्‍ते प्रसन्न अवस्था में होते हैं या किसी का ध्‍यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं तो वे कुछ इस प्रकार प्रतिक्रिया करते हैं:

1. उछलना-कूदना।
2. अपने शरीर को झूका देना या मोड़ देना।
3. पलकें झपकाना।
4. अपने दातों को छिपाकर और दिखाकर एक मुस्‍कान के रूप में अपनी खुशी अभिव्‍यक्‍त करते हैं।
5. कुत्‍ते हमारे या अपने साथी की थूथन (Muzzle) और कानों को चाटकर भी अपनी खुशी जताते हैं।
6. अपने सिर और कानों को भी नीचे झूका देते हैं।
7. अपनी पूंछ को तीव्रता से हिलाना इत्‍यादि गतिविधियां करते हैं।

उपरोक्‍त गतिविधियां कुत्‍ते के द्वारा अधिकांशतः तब की जाती हैं जब वह प्रसन्‍न और अपने आस पास के परिवेश से संतुष्‍ट होता है किंतु कुत्‍तों द्वारा की गयी कुछ गतिविधि जैसे शरीर को मोड़ना या शरीर को अकड़ना किसी खतरे से उत्‍पन्‍न भय को अभिव्‍यक्‍त करती हैं। कुत्‍तों द्वारा दर्शाए गये समान संकेत भिन्‍न-भिन्‍न अभिव्‍यक्ति करते हैं जो समय और परिस्थिति पर निर्भर करते हैं जैसे होंठ चाटने का अर्थ हमेशा यह नहीं होता कि कुत्‍ता भूखा है, वे तनाव या डर की स्थिति में भी यह करते हैं।

तनाव / बेचैनी / घबराहट की अवस्था में:
जब कुत्तों को तनाव और घबराहट होती है, तो वे कई अलग-अलग प्रकार के व्यवहार करते हैं, जिससे उनका तनाव कम हो जाए या खतरे से उनका ध्‍यान हट जाए।

1. जम्हाई आना वास्‍तव में कुत्‍ते की थकान को दर्शाता है किंतु यह उनके तनाव का संकेत भी हो सकता है।
2. कुत्‍ते अक्‍सर घबराहट में होंठ चाटते हैं।
3. जब तक खतरा दूर ना हो जाए या कुत्‍ता उससे मुकाबला करने का निर्णय ना ले तब तक के लिए उसका शरीर अकड़ जाता है।
4. कुत्‍ता सिर घुमा देता है किंतु आंखों से खतरे को देखता रहता है, जिसे व्‍हेल आई कहा जाता है।
5. तनाव की स्थिति में कुत्‍ते कुछ विनम्र स्‍वभाव दिखाते हुए कानों को आंशिक रूप से पीछे करके गर्दन को तान देते हैं।
6. उसकी पूंछ नीची हो जाती है या सिकुड़ जाती है।
7. कुत्‍ते अपनी तनाव की स्थिति से उभरने के लिए भयभीत और आक्रामक हो सकते हैं। इस स्थिति में उसे शांत करने या भड़काने का प्रयास ना करें।

कुत्‍ते खतरे का आकलन करते समय आंखे बड़ी, नाक और माथे को चौरस, मुंह बंद, आगे के पैरों की ओर हल्‍का झूकाव, आवाज को सूनने के लिए कान को घुमाना, पूंछ क्षैतिज तथा थोड़ी तिरछी रखते हैं।

प्रबल आक्रमकता की अवस्था में:
कुत्‍ते अक्‍सर अपना प्रभुत्‍व जमाने के उद्देश्‍य से आक्रामक रूप धारण कर लेते हैं जिसमें इनके श‍रीर की आकृति कुछ इस प्रकार हो जाती है:

1. माथे पर लंबवत झुर्रियों का बनना।
2. नाक के ऊपर झुर्रियों का बनना।
3. होठों का मुड जाना।
4. दांत दिखने लगते हैं।
5. मुंह खुला होता है तथा इसके दोनों किनारों पर अंग्रेजी के ‘C’ वर्ण की आकृति बनी होती है।
6. पैर कठोर करके शरीर को आगे की ओर झूका देते हैं।
7. कान आगे की ओर झूके होते हैं जिन पर अंग्रेजी के ‘V’ वर्ण की आकृति बनी होती है।
8. पीठ और गर्दन के बाल खड़े हो जाते हैं।
9. पूंछ तथा पूंछ के बाल खड़े हो जाते हैं।

यदि कोई कुत्‍ता आपको उपरोक्‍त स्थिति में दिखता है तो आप उसकी आंखों पर ना देखें तथा उससे थोड़ा सतर्क हो जाएं। यदि आपका पालतू कुत्ता लोगों के प्रति इस प्रकार का व्यवहार करता है तो आपको उसके व्‍यवहार में परिवर्तन कराने की आवश्‍यकता होगी।

अत्यधिक भय की अवस्था में:
इस अवस्‍था में कुत्‍ता पूर्णतः समर्पण की अवस्‍था धारण कर लेता है। जिसमें वह किसी भी टकराव या आक्रामकता की स्थिति में नहीं होता है तथा समर्पण के भाव से अपना बचाव करता है। यह अवस्‍था कुछ इस भांति होती है:

1. कुत्‍ते जमीन पर पुर्णतः उल्‍टे लेट जाते हैं तथा अपनी पीठ नीचे और पेट ऊपर की ओर कर देते हैं।
2. आंखें आंशिक रूप से बंद कर देते हैं।
3. आंखे मिलाने से बचने के लिए वे अपनी गर्दन तिरछी कर देते हैं।
4. अपनी पूंछ को पुरी तरह से सिकोड देते हैं।
5. कान सपाट और पीछे की ओर झुका देते हैं।

जिज्ञासु / प्रत्याशात्मक अवस्था:
कुत्ते स्वाभाविक रूप से जिज्ञासु जानवर हैं और वे जितने अधिक साहसी होंगे, उतना ही वे नवीनता और परिवर्तन से निपट सकते हैं। सभी कुत्ते निम्न भाषा का उपयोग करके किसी भी स्थिति को सुरक्षात्‍मक बना सकते हैं।

1. सिर एक या दूसरी ओर झुका लेना।
2. आगे का पंजा उठाना - इस स्थिति में वे आगे होने वाली घटना का आंकलन कर लेते हैं तथा अपनी प्रतिक्रिया के विषय में भी सोच लेते हैं।
3. मुंह बंद - वे आगे की प्रतिक्रिया की तैयारी करते हैं।

चंचल अवस्था में:
एक चंचल कुत्ता खुश और उत्साहित होता है। इस दौरान वे पूर्णतः खेलने की स्थिति में होते हैं तथा किसी को हानि पहुंचाने का इनका कोई उद्देश्‍य नहीं होता है।

1. अपने कान ऊपर की ओर कर देते हैं।
2. आँखें चमकीली हो जाती हैं।
3. पूंछ तेजी से घूमाने लगते हैं।
4. वे अत्‍यधिक प्रसन्‍नता के कारण उछल-कूद करने लगते हैं।
5. आगे के दो पैरों पर आगे का शरीर झूकाते हैं तथा पीछे के पैरों पर पीछे के शरीर को उठा देते हैं। यह स्थिति वे भागने से पूर्व लेते हैं।
6. मुंह खुला तथा जीभ बाहर निकाल लेते हैं।

हम आये दिन अपने आस पास कुत्‍तों को इस प्रकार की गतिविधि करते हुए देखते हैं। पर हम कभी गहनता से उनके भाव को जानने का प्रयास नहीं करते हैं यदि हम थोड़ा सा प्रयास करें तो कुछ ही समय में हम इसे भलि भांति समझ सकते हैं तथा उनसे बातें कर सकते हैं।

संदर्भ:
1.https://positively.com/dog-training/understanding-dogs/canine-body-language/
2.https://www.thesprucepets.com/reading-your-dogs-body-language-1118279
3.https://moderndogmagazine.com/articles/how-read-your-dogs-body-language/415



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