 
                                            समय - सीमा 266
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                                            माप प्रणालियों की भांति ही अलग-अलग समय पर और अलग-अलग स्थानों पर कागज़ आकार के विभिन्न मानक रहे हैं। वर्तमान में कागज़ के आकारों के लिए एक व्यापक मापीय अंतर्राष्ट्रीय आई.एस.ओ. (ISO) मानक है। आई.एस.ओ. A4 जैसे सामान्य पेपर आकार पूरी दुनिया में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। आईएसओ मानक आकार कागज़ का उपयोग स्टेशनरी (Stationery), कार्ड (Cards) और कुछ मुद्रित दस्तावेज़ लिखने के लिए किया जाता है। उत्तरी अमेरिका में, अभी भी एक स्थायी मानक का उपयोग किया जाता है जो एक प्राचीन शाही माप पर आधारित है।
चीन में जब से कागज़ का अविष्कार हुआ है तब से ही कागज़ ने विभिन्न प्रकार के आकार ले लिए हैं। परन्तु ये विभिन्न प्रकार अधिकांश अप्रचलित हैं क्योंकि 1922 में जर्मनी में वाल्टर पोर्स्टमन द्वारा कुछ नए मापीय आकार प्रस्तुत किये गए जो अब संयुक्त राज्य और कनाडा को छोड़कर लगभग सभी देशों में मानक हैं। कागज़ का आकार तीन श्रृंखलाओं में विभाजित है- A, B और C, जिनमें से A को सर्वश्रेष्ठ रूप से जाना जाता है क्योंकि तकनीकी चित्रकारी और पोस्टर (Poster) में A0 और A1, चित्र, आरेख, बड़े तालिकाओं और कुछ फोटोकॉपी मशीन (Photocopy Machine) में A2 और A3, पत्र, पत्रिका, फॉर्म (Form), कैटलॉग (Catalog) और सभी फोटोकॉपी मशीन में A4, नोट पैड (Notepad) में A5, पोस्टकार्ड (Postcard) में A6 और यहां तक कि ताश के पत्ते में A8 जैसे विभिन्न आकारों का उपयोग किया जाता है।
इस तरह के आकारों का लाभ भी स्पष्ट है, जैसे यदि आप एक A3 कागज़ को मोड़ते हैं तो आपको उसमें से दो A4 कागज़ मिलेंगे और यदि आप A4 कागज़ को मोड़ेंगे तो आपको दो A5 कागज़ प्राप्त होंगे। ये मोड़ने की प्रक्रिया इसलिए काम करती है क्योंकि A0 कागज़ एक वर्ग मीटर का होता है, जिसके दोनों सिरे √2 : 1 अनुपात में होते हैं और ऐसा ही प्रत्येक A आकार के कागजों में होता है। यह लिकटनबर्ग अनुपात (Lichtenberg Ratio) है, जिसका नाम उस गणितज्ञ के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 1768 में कागज़ के आकार के लिए इसकी उपयुक्तता का उल्लेख किया था। कई बार इस अनुपात को गोल्डन रेश्यो (Golden Ratio) समझ लिया जाता है परन्तु गोल्डन रेश्यो इससे काफी भिन्न है तथा इससे काफी पहले खोजा भी गया था।
वहीं पुस्तकों के आकार और कागज़ के आकार में बहुत भिन्न्ता है, हालांकि सबसे आम आकार ऐतिहासिक रूप से हस्तनिर्मित कागज़ की एक शीट (Sheet) से निकाला गया था, जिसका माप 19 × 25 इंच था। एक मुद्रित शीट को आधा मोड़कर एक फोलियो बुक (Folio Book, 2 पत्ते और 4 पेज) बनायी गयी और मुद्रित शीट को दो बार मोड़ने से क्वार्टो बुक (Quarto Book, 4 पत्ते और 8 पेज) बनायी गयी और मुद्रित शीट को तीन बार मोड़ने से ओक्टावो बुक (Octavo Book, 8 पत्ते और 16 पेज) बनायी गयी। ये आकार लेबल अभी भी उपयोग किए जाते हैं, लेकिन जब तक मूल शीट आकार नहीं दिया जाता है, तब तक वे किसी पुस्तक के वास्तविक आयाम को निर्दिष्ट नहीं करते हैं। पुस्तक का आकार और उत्पादन पुस्तक के कागज़ के मूल शीट के आकार पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, यदि एक क्वार्टो को प्रिंट करने के लिए 19 X 25 इंच की शीट का उपयोग किया जाता है, तो ट्रिमिंग से पहले परिणामस्वरूप किताब लगभग 12.5 इंच लंबी और 9.5 इंच चौड़ी होती है। क्योंकि उपयोग किए जाने वाले कागज़ का आकार वर्षों और स्थानों में भिन्न होता है, इसलिए समान पुस्तकों के आकार भी भिन्न होते हैं।
मानक कागजों और लिफाफों के आकार

संदर्भ:
1.https://www.designingbuildings.co.uk/wiki/Paper_Sizes
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Book_size
3.http://gomerprinting.co.uk/paper-and-book-sizes/
4.अंग्रेज़ी पुस्तक: Robinson, Andrew (2007). The Story of Measurement. Thames & Hudson
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        