जीवन यापन के लिए तीन मूलभूत आवश्यकताऐं होती हैं-रोटी, कपड़ा, मकान। आज के समय में लोग अच्छे भविष्य की तलाश में बड़े शहरों की और पलायन कर रहें हैं, जिस कारण वहां जनसंख्या वृद्धि होना तथा भूमि की कमी होना भी स्वभाविक है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति का बड़े शहरों में अपना स्वतंत्र घर होना संभव नहीं है, इसलिए लोग आज स्वतंत्र घर की अपेक्षा अपार्टमेंट खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। हालांकि अपने स्वतंत्र घर में आपको किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं करना पड़ता है, जबकि अपार्टमेंट में प्रत्येक चीज आपकी इच्छानुसार हो यह संभव नहीं है। दोनों के अपने कुछ लाभ भी हैं, तो कुछ हानियां भी। चलिए जानते हैं दोनों के मध्य भेद:
स्वतंत्र घर
1. स्वतंत्र घर के लिए भूमि खरीदना प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति के लिए खरीदना थोड़ा कठिन हो सकता है, किंतु खरीदी गयी भूमि पर निर्माण के लिए कितना उपयोग किया जाना है और बागवानी या भविष्य के निर्माण के लिए कितना खाली छोड़ना है यह आपका निर्णय होता है।
2. स्वतंत्र घर में उपयोग की जाने वाली निर्माण सामाग्री तथा उसकी गुणवत्ता पर पूर्णतः आपका नियंत्रण हो सकता है। साथ ही घर के डिजाइन और वास्तुकला आपकी इच्छानुसार होगी।
3. यदि आप ऋण लेकर घर बनाने के लिए भूमि खरीदना चाहते हैं तो भारतीय बैंक आपको भूमि के कुल मूल्य का 60-70 प्रतिशत ही लोन देंगे। बाकी पैसों की व्यवस्था आपको स्वयं करनी होगी, जिसमें स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क भी शामिल हैं।
4. स्वतंत्र घर में आप अपनी इच्छानुसार पार्किंग के लिए स्थान छोड़ सकते हैं। कई स्थानों पर भूमि की कमी के कारण पार्किंग संभव नहीं हो पाती है।
5. घर की सुरक्षा, पार्किंग, पावर बैकअप (Power backup), विद्युत तथा जलीय व्यवस्था और अग्नि सुरक्षा इत्यादि जैसी आवश्यक सुविधाओं के लिए स्वतंत्र घरों में अतिरिक्त खर्चा करना पड़ता है।
6. यदि आपके पास कोई भूमि है तथा आप बाद में उसमें अपना घर बनाना चाहते हैं, तो उस पर अपना स्वामित्व बनाए रखने के लिए विशेष रखरखाव की आवश्यकता होती है जैसे बाड़ लगाना, स्वामित्व के बारे में नोटिस लगाना, चौकीदार को नियुक्त करने की भी आवश्यकता पड़ सकती है। साथ ही इसमें अतिक्रमण का भी खतरा बना रहता है।
7. यदि आप किसी भूमि पर स्वतंत्र घर बना रहें हैं। आपके आसपास के क्षेत्र का विकास वहां की भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करता है, यह आवश्यक नहीं कि कुछ घरों की संख्या से ही उस क्षेत्र का विकास हो जाए।
8. अपनी भूमि पर आप बाद में घर का विस्तार कर सकते हैं।
9. एक स्वतंत्र घर में पुनःनिर्माण करने के लिए किसी विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है आप स्वेच्छा से उस पर कभी भी कैसे भी कार्य करवा सकते हैं।
10. स्वतंत्र घरों में रहने वाले अधिकांश लोग स्वकेंद्रित होते हैं जहां उन्हें अपने पड़ोसियों के विषय में तक कुछ पता नहीं होता है। ऐसी स्थिति में एकल परिवारों में कार्य करने वाले महिला पुरूष अपने बच्चों की देखरेख को लेकर चिंतित रहते हैं तथा आकस्मिक स्थिति में वे उन्हें किसी के भरोसे छोड़ भी नहीं सकते हैं।
अपार्टमेंट
1. अपार्टमेंट मुख्यतः शहरों में या शहरों के निकट होते हैं तथा जिन्हें आपके बजट के अनुसार इनमें मूल्य और स्थान की भी भिन्नता उपलब्ध होती है। यह स्वतंत्र घर की तुलना में सस्ते होते हैं।
2. आप अपार्टमेंट में स्वेच्छा से कोई कार्य नहीं करा सकते हैं, अपार्टमेंट के रखरखाव के लिए आपको नियमित शुल्क देना पड़ता है, तब चाहे आप उन सुविधाओं का उपयोग कर रहे हो या नहीं।
3. अपार्टमेंट के लिए लोन लेना ज्यादा आसान होता है। बैंक अकसर मंजूर किए गए प्रोजेक्ट्स की सूची तैयार कर लेते हैं, जहां से खरीदार का लोन आसानी से अनुमोदित हो जाता है।
4. अपार्टमेंट परिसर में कई सारे घर होते हैं जो बड़ी संख्या में व्यवसायों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं तथा कुछ समयांतराल में उस क्षेत्र का स्वतः ही तीव्रता से विकास हो जाता है। इसके साथ ही आपकी संपत्ति का मूल्य भी तीव्रता से बढ़ जाता है।
5. घर की सुरक्षा, पार्किंग, पावर बैकअप (Power backup), विद्युत तथा जलीय व्यवस्था और अग्नि सुरक्षा इत्यादि जैसी आवश्यक सुविधाएं अपार्टमेंट खरीदने के साथ ही मिल जाती हैं।
6. अपार्टमेंट परिसर बनाते समय भूमि संबंधित आने वाली समस्याओं पर निर्माणकर्ता द्वारा विशेष ध्यान दिया जाता है। अतः आपको अपने अपार्टमेंट की भूमि के रखरखाव के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।
7. अपार्टमेंट परिसर में कई सारे घर होते हैं जो बड़ी संख्या में व्यवसायों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं तथा कुछ समयांतराल में उस क्षेत्र का स्वतः ही तीव्रता से विकास हो जाता है। इसके साथ ही आपकी संपत्ति का मूल्य भी तीव्रता से बढ़ जाता है।
8. एक अपार्टमेंट आप घर बनाते समय आने वाली समस्याओं का सामना निर्माणकर्ता को ही करना पड़ेगा, इसके लिए आप उनसे स्पष्ट समझौता कर सकते हैं, जिससे बाद में कोई भी लागत वृद्धि नहीं होती है।
9. अपार्टमेंट में घर के विस्तार संबंधित कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।
10. अपार्टमेंट की भूमि पर संयुक्त स्वामित्व होता है अतः इस पर पुनर्निर्माण कराने हेतु सभी मालिकों की सहमति लेना अनिवार्य होता है। आप स्वेच्छा से इसमें कोई निर्माण कार्य नहीं करवा सकते हो। अतः इसके दीर्घायु की तुलना स्वतंत्र घरों से नहीं की जा सकती है।
संदर्भ:
1.https://emicalculator.net/apartment-vs-independent-house-make-the-right-choice/
2.https://www.makaan.com/iq/buy-sell-move-property/apartment-vs-independent-house-which-one-is-better
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