आए दिन बाजार में फैशन के नए-नए डिजाइन और अलग-अलग रंगों के रंग संयोजन देखने को मिल रहे है। इनके चलते फैशन डिजाइनिंग(Fashion Designing) की रुचि दिन भर दिन बढ़ती जा रही है। अगर आप में कलात्मकता है, नए रंग, डिजाइन और स्टाइल(Design & Style) आपको लुभाते हैं तो फैशन डिजाइनिंग आपके लिए एक बेहतरीन क्षेत्र है। हालांकि भारत के साथ-साथ विदेशों में भी फैशन डिज़ाइन का व्यापक दायरा है। फैशन डिज़ाइन में अपना व्यावसायिक अध्ययन पूरा करने के बाद छात्रों के सामने असंख्य विकल्प होते हैं।
फैशन डिज़ाइनर्स (Fashion Designers) के पास डिज़ाइनिंग, रिसर्च (Research), क्लॉथ प्रोडक्शन (Cloth Production), टेक्सटाइल डिज़ाइनिंग (Textile Designing) आदि कई विकल्प होते हैं। नीचे फैशन डिज़ाइनर्स के लिए कुछ आकर्षक नौकरियों के साथ डिजाइनरों की भूमिका के बारे में कुछ जानकारी दी गई है:
1) फैशन डिजाइनर (fashion designer): फैशन उद्योग में डिजाइनर बाजार में प्रचलित नवीनतम रुझानों के संबंध में नए उत्पाद का सृजन करते हुए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
2) फैशन इलस्ट्रेटर (fashion illustrator): फैशन इलस्ट्रेटर को फैशन डिजाइनर की इच्छाओं और व्याख्याओं के बारे में प्राथमिक रेखाचित्र तैयार करना होता है। एक इलस्ट्रेटर को मानसिक रचनाओं और डिजाइनर के विचारों का पता होना चाहिए।
3) फैशन स्टाइलिस्ट (Fashion stylist): एक स्टाइलिस्ट को शो में बेहतरीन दृश्य प्रदान करने के लिए मेकअप(Makeup), हेयरस्टाइल(Hairstyle), ड्रेस कोड आदि का ध्यान रखना होता है।
4) फैशन समन्वयक: समन्वयक को विपणन नीतियों और उसकी व्यवस्था का ध्यान रखना होता है। समन्वयक का डिजाइनिंग कार्यों से कोई संबंध नहीं होता है। बल्कि विज्ञापन उत्पादों, फैशन शो के आयोजन आदि जिम्मेदारियां समन्वयक को निभानी होती है।
5) फैशन सलाहकार: एक सलाहकार को रुझान और परिवर्तन के बारे में हमेशा पता होना चाहिए। उन्हें नियमित रूप से किसी उत्पाद के विकास के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत करते हैं। साथ ही सलाहकार को सक्रिय पर्यवेक्षक होने की आवश्यकता होती है, जो बदलते फैशन का जल्द अनुभव कर सकें।
6) फैशन मर्चेंडाइजर (Fashion merchandiser): मर्चेंडाइजर के पास मार्केटिंग की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है। पिछले और नवीनतम रुझानों और सेल्स डेटा(Sales Data) का विश्लेषण प्रमुख वितरणों में से एक है। मर्चेंडाइजर खरीदारों से विवरण एकत्र करके डिजाइनरों/उत्पादन टीम की मदद करता है। बाजार की मांग और उत्पादन प्रक्रियाओं की समझ के साथ-साथ फैशन व्यापारी, कपड़ो की बनावट आदि के बारे में फैशन मर्चेंडाइजर को पता होना चाहिए।
यह तो हुई फैशन डिजाइनरों की भूमिका की बात अब हम आपको बताते हैं फैशन डिजाइनिंग से संबंधित कुछ तथ्य, जो निम्न हैं:
• इसमें केवल फैशन डिजाइनरों की आवश्यकता नहीं होती, कई अन्य भूमिकाओं से फैशन उद्योग पूरा होता है। किसी अन्य देश की तरह ही भारत में फैशन उद्योग में फैशन फोटोग्राफी, पैटर्न मेकिंग, परिधान निर्माण, सहायक डिजाइनिंग, मेक-अप कलाकार, मॉडलिंग, वस्त्र बुनाई, वस्त्र अनुसंधान और विकास, फैशन पत्रकारिता। संपादकीय और निर्माण आदि संबंध में विभिन्न भूमिकाएं होती है। इसका मतलब यह है कि इस क्षेत्र में आपके विकल्प फैशन डिजाइनर तक सीमित नहीं हैं।
• भारतीय फैशन उद्योग का वर्तमान विस्तार 1000 करोड़ है, जबकि बाजार का विस्तार 20,000 करोड़ माना जाता है। हालांकि, विश्व बाजार में भारतीय फैशन की हिस्सेदारी मात्र 0.2% है।
• समय के साथ साथ फैशन डिजाइनिंग के कॉलेज में प्रवेश लेना काफी कठिन होता जा रहा है। वहीं यदि आप स्कूल में ज्यामिति(Geometry) में कोई रुचि नहीं थी, तो फैशन डिजाइनिंग करना ओर भी कठिन हो सकता है।
• फैशन डिजाइन में, किसी भी व्यक्ति के नवाचार को आम तौर पर शीर्ष पर केंद्रीकृत किया जाता है यानी डिजाइनर के साथ, क्षेत्र में काम करने वाले बाकी लोग केवल डिजाइनर के निर्देश का अनुसरण करते हैं।
आप 12वीं के बाद फैशन डिजाइन का कोर्स कर सकते हैं, और इसके लिए कुछ प्रमुख कॉलेजों और संस्थाओं की सूची निम्न हैं:
भारत में शीर्ष फैशन डिजाइन संस्थानों की सूची
विश्व में शीर्ष फैशन डिजाइन संस्थानों की सूची
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2M3sp62
2. https://bit.ly/2lqRHw6
3. https://bit.ly/2RGkX65
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