प्राचीन काल से ही घोड़े राजा-महाराजाओं की सेना का प्रमुख अंग रहे है। यदि अवध बात की जाये तो यहां का भी घोड़ों के साथ एक पुराना रिश्ता है, जो आज भी बरकरार है। पिछले कुछ सालों से लखनऊ में अवध पोलो सप्ताह का भी आयोजन किया जाता आ रहा है। इसलिए यह स्वाभाविक है कि अवध के प्रत्येक व्यक्ति को उसके घोड़े के बारे में पता होना चाहिये की वो हॉट, वार्म और कोल्ड ब्लडेड से किसके अंतर्गत आता है।
परंतु क्या आपने कभी गर्म खून वाले घोड़ो तथा ठंड़े खून वाले घोड़ो के वर्गीकरण के बारे में सुना है? बेशक अब आप ये सोच रहे होंगे की घोड़े तो स्तनपायी जानवर होते है और ये गर्म खून वाले प्राणियों के अंतर्गत आते है, तो ये ठंड़े खून वाले प्राणी कैसे हो सकते है? हम आपको बता दे कि लगभग सभी घोड़ों के शरीर का तापमान 30 डिग्री सेंटीग्रेड या 100 डिग्री फ़ारेनहाइट तक होता ही है, किंतु यहां पर हम उनके रक्त या शरीर के तापमान की बात नही कर रहे है। यह वर्गीकरण घोड़े के स्वभाव और उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों पर आधारित है। इस प्रकार घोड़ो को स्वभाव और उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है, प्रत्येक घोड़े की नस्ल इन तीन प्रकारों में से एक के अंतर्गत आती है: हॉट ब्लडेड (Hot blooded), वार्म ब्लडेड (Warm blooded) तथा कोल्ड ब्लडेड (Cold-blooded)।
हॉट ब्लडेड (Hot blooded) घोड़े:
इस प्रकार के घोड़ों में मध्य पूर्व से उत्पन्न प्राचीन घोड़े की नस्लें शामिल होती हैं। ये मुख्य रूप से गति और फुर्ती के लिए जाने जाते है। इनका वजन हल्का होता है तथा पैर पतले और लंबे होते है। आज इन घोड़ों का इस्तेमाल ज्यादातर रेसिंग में किया जाता है। लेकिन आप इन्हें शो रिंग (show ring) और ट्रेल्स (trails) में भी देख सकते हैं। लोगों के साथ करीबी नाता होने के कारण ये नस्ले काफी बुद्धिमान हो गयी है। वे उच्च उत्साही, ऊर्जावान, गर्म स्वभाव, बोल्ड और जल्दी सीखने वाले, सतर्क, अपरिचित परिस्थितियों में जल्दी से प्रतिक्रिया करने वाले होते हैं। इनको संभालना आसान नही होता है, इसके लिये एक अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता होती है। उदाहरण: थरोब्रेड, अरबी, बार्ब तथा अखल टेके घोड़े आदि।
कोल्ड ब्लडेड (Warm blooded) घोड़े:
कोल्ड ब्लडेड घोड़ों में लंबे तथा भारी वजन वाले घोड़े की नस्लों का समावेश होता है। इनका उपयोग गाड़ियों और हल को खींचने के लिए ज्यादातर किया जाता है। यह शांत, सौम्य, धैर्यवान तथा मजबूत मांसपेशियों वाले होते है। इसलिए कोल्ड ब्लडेड घोड़ों को "गेंटल जाइअंट" (gentle giants) भी कहा जाता है। ये धीरे-धीरे काफी लंबी दूरी तक चल सकते हैं। मध्यकालीन सैनिकों ने भी कोल्ड ब्लडेड घोड़ों को प्राथमिकता दी थी, क्योंकि ये मजबूत थे और भारी कवच के साथ-साथ सैनिक को भी अपने ऊपर लाद कर लंबी दूरी तय करते थे। सवारी के लिए सबसे लोकप्रिय है तथा इनके दोस्ताना स्वभाव के कारण इनको संभालना भी आसान होता है। उदाहरण: पर्चेरॉन, आर्देनेस, आइसलैंडिक, शाइर और बेल्जियम घोड़े आदि।
वार्म ब्लडेड (Cold-blooded) घोड़े:
वार्म ब्लडेड घोड़े, यूरोप में उत्पन्न मध्य-भार घोड़े की नस्लों का एक समूह है। यह नस्ल, थरोब्रेड तथा अरबी घोड़े के साथ गाड़ी खीचने वाले या युद्ध के घोड़ों के साथ संकरण कराने से प्राप्त हुई है। अर्थात इसमें कोल्ड ब्लडेड और हॉट ब्लडेड दोनों की विशेषता पाई जाती है। ये हॉट ब्लडेड की तुलना में बड़े और कोल्ड ब्लडेड की तुलना में अधिक परिष्कृत होते है। इनका स्वभाव हॉट और कोल्ड ब्लडेड दोनों के बीच का होता है। ये बेकाबू प्रवृत्ति के नही होते है, ज्यादातर शांत और सौम्य स्वभाव के होते है। इनकी एथलेटिक क्षमता के कारण आप इन्हे दुनिया भर के शो रिंग में भी देख सकते है। उदाहरण: आयरिश ड्राफ्ट, हाफलिंगर, होल्स्टीनर, अमेरिकन सैडलब्रेड, डच वार्मब्लड, हनोवरियन आदि।
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