आइये बेहतर करें अपना समय प्रबंधन

लखनऊ

 30-12-2018 10:00 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

वर्ष 2018 ख़त्म होने की कगार पर है और इस बार भी हर वर्ष की तरह आपने कई लोगों को यह कहते सुना होगा कि, “पता ही नहीं चला समय कहाँ बीत गया!”। आखिर क्यों ऐसा होता है कि समय बीत जाने के बाद ही हमें महसूस होता है कि उसका बेहतर उपयोग संभव था, क्यों कुछ लोगों को ये बात बहुत परेशान करती है जबकि कुछ लोग इससे बिलकुल बेपरवाह रहते हैं?

हम भली भाँती जानते हैं कि ज़िन्दगी को ठीक ढंग से चलने के लिए अपने समय को अच्छे से उपयोग करना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि समय किसी के आगे नहीं रुकता, चाहे मर्द, औरत, बूढ़ा, जवान, अमीर, गरीब, कोई भी क्यों न हो। यदि आप भी उन्हीं कुछ लोगों में से एक हैं जिनको समय प्रबंधन मुश्किल लगता है, तो यही समय है इसे ठीक करने का और नए साल में कदम रखते हुए अपने जीवन को बेहतर बनाने का। तो आइये जानते हैं समय प्रबंधन की कुछ आसान तकनीकें:

टालमटोल और फुर्ती से काम करना:
आसान शब्दों में टालमटोल का अर्थ होता है किसी काम को ज़रूरत से अधिक टालना जो कि एक अच्छी आदत नहीं है। उसी तरह, इसके विपरीत फुर्ती से काम करना और हमेशा समय से बहुत पहले काम ख़त्म कर देना भी कोई अच्छी आदत नहीं है। आप इन दोनों गुटों से सम्बन्ध रखने वाले कई लोगों को जानते होंगे, परन्तु इन दोनों व्यवहारों की ही अति ख़राब है। एक अच्छा समय प्रबंधक पहले निर्धारित करता है कि कौन सा काम आराम से करा जाना है (कलात्मक कार्य) और कौन सा काम टाला नहीं जा सकता (बार-बार एक ही तरीके से करने वाला कार्य)।

समय बैंक- संपत्ति और उधार:
समय संपत्ति में वे निर्णय तथा उनसे जुड़े कार्य आते हैं जिन्हें आपने आज किया है और भविष्य में वे आपका समय बचाएँगे। इसी तरह समय उधार में वे निर्णय और उनसे जुड़े कार्य आते हैं जिन्हें आपने आज तो किया ही है लेकिन भविष्य में भी आपको इनके ऊपर कार्य करना होगा। अधिकतर हम इस तरह नहीं सोचते। हम बस कोई कार्य करना शुरू कर देते हैं और उसे कम से कम समय में ख़त्म करने की कोशिश करने लगते हैं। इस कारण हमें कई बार भविष्य में अपना समय गंवाना पड़ता है क्योंकि पहली बार में हम कार्य पूर्ण नहीं कर पाए थे। इसीलिए हर बार कोई भी काम शुरू करने से पहले निर्धारित कर लें कि उसमें आप अपनी कितनी क्षमता और कितना समय निवेश करेंगे।

परेतो सिद्धांत- सभी कार्यों में से महत्वपूर्ण कार्य छांटना:
यदि हम ऊपर दी गयी दो तकनीकों का पालन न करके अपना समय ठीक से नहीं उपयोग करते हैं, तो कुछ समय बाद हमारे पास काफ़ी काम इकठ्ठा हो जाता है और समय कम बचता है। ऐसे में हर काम ज़रूरी हो जाता है। ऐसे में काम आता है परेतो सिद्धांत। हम जानते हैं कि समय से परिणाम प्राप्त करने के लिए कार्य प्राथमिकताकरण एक महत्वपूर्ण कारक है और हम इस सिद्धांत का उपयोग बाकी कामों से महत्वपूर्ण और तत्काल कार्य को छांटने के लिए कर सकते हैं।

परेतो सिद्धांत कहता है कि 20% श्रम निवेश पर ही 80% परिणाम निर्भर करता है। इसका मतलब यदि हम 20% प्राथमिक कार्य को छांट सकें, तो हम अपने 80% परिणाम को सुधार सकते हैं।

विकर्षणों को प्रबंधित करें- डिजिटल संचारों को अनुशासित करें:
आज के ज़माने में एक बहुत बड़ा विकर्षण है सोशल मीडिया (Social Media)। जहाँ इन्टरनेट (Internet) सस्ता हो गया है, वहीं इसकी वजह से हम अपना कितना सारा कीमती वक़्त खर्चे जा रहे हैं, इसका अंदाज़ा हमें नहीं लगता। इससे निपटने का एक अच्छा तरीका है कार्य करते समय अपने फ़ोन का इन्टरनेट बंद रखना। इस तरह हर दूसरे मिनट आपका ध्यान नहीं भटकेगा। यदि किसी को आपसे तुरंत बात करनी हो तो वो आपको चैट मेसेज (Chat Message) की जगह फोन भी कर सकते हैं।

समय प्रबंधन के लिए ऊपर दी गयी तकनीकों का इस्तेमाल करें और अपने हर दिन के लिए एक योजना बनायें। ध्यान रखें कि आप क्या चाहते हैं, और उसे कब चाहते हैं। ‘आपके लक्ष्य’ आपके लिए महत्वपूर्ण होने चाहिए और इन्हें पाने के लिए आपको ‘अपने समय’ का बेहतरीन उपयोग करना होगा।

सन्दर्भ:
1.https://www.peoplematters.in/article/life-at-work/it-is-time-to-revisit-your-time-management-strategies-17589



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