लखनऊ वासियों के लिये तुर्की भ्रमण

लखनऊ

 22-12-2018 10:00 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

वैश्वीकरण के इस दौर में वसुधैव कुटुम्‍बकम की धारणा सार्थक होती नजर आ रही है। आज का मानव विश्‍व के किसी भी भाग की प्राकृतिक खूबसूरती से दूर नहीं है, कोई भी कभी भी किसी भी देश में भ्रमण के लिए निकल जाता है। यहां तक की कई देशों की अर्थव्‍यवस्‍था का एक बड़ा हिस्‍सा पर्यटन से ही आता है। अपनी भौगोलिक सुंदरता के कारण तुर्की भी पर्यटन की दृष्टि से काफी समृद्ध राष्‍ट्र है। जिसकी आर्थिक राजधानी इस्‍तांबुल के पूर्वी भाग की तुलना हमारे लखनऊ से की जाती है।

यूरेशिया में स्थित यह धर्मनिरपेक्ष इस्‍लामिक राष्‍ट्र प्रतिवर्ष लाखों सैलानियों के आकर्षण का केन्‍द्र बना रहता है। यदि बात की जाऐ भारतीय सैलानियों की तो वर्ष 2018 के प्रथम चार महिनों में 38,471 सैलानी यहां भ्रमण के लिए गये, जो पिछले वर्ष की तुलना में 95 फीसदी अधिक थे। इस वर्ष तुर्की सरकार लगभग 4 करोड़ सैलानियों की मेजबानी के लिए तैयार थी। तुर्की सरकार के आकड़ों के अनुसार वर्ष 2015 में सर्वाधिक भारतीय सैलानी यहां भ्रमण के लिए गये थे।

किसी भी भारतीय सैलानी को अन्‍य देशों की भांति तुर्की भ्रमण के लिए वीजा की आवश्‍यकता होती है। तुर्की उन भारतीयों को ई-वीजा की सुविधा प्रदान करा रहा है, जिन्‍होंने शेंगेन, अमेरिका, ब्रिटेन या आयरलैंड का वीजा प्राप्‍त किया है। यह मात्र 15 मीनट में प्रदान कर दिया जाऐगा। यदि आपके पास इनका विजा नहीं है, तो भी आप मात्र एक दिन में तुर्की दूतावास से अपना वीजा प्राप्‍त कर सकते हैं इसके लिए आपको यहां अपने फ्लाइट (flight) और होटल की बुकिंग तथा बैंक में यात्रा हेतु पर्याप्‍त धन और कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे आपका पासपोर्ट साइज़ फोटो, व्यक्तिगत विवरण, विदेशी यात्रा बीमा, अगर आप किसी कंपनी में काम अक्र्ते है तो पिछले 3 महीने की वेतन की पर्ची और आदि कई ऐसे ज़रूरी दस्तावेजों को प्रस्तुत करना आवश्यक होता है।

वैसे आपको प्रमुख शहर के बीच अच्‍छे अच्‍छे होटल आसानी से मिल जाऐंगें किंतु यदि आप सीमित बजट में अपनी यात्रा कर रहें हो तो आप मंहगे होटल के स्‍थान पर यहां के अपार्टमेंट (apartment) भी बुक करा सकते हैं, जो शहर से तो थोड़ा दूर होंगे लेकिन यहां से आप इस शहर के जन-जीवन को करीब से देख सकते हैं। यहां यूरो की तुलना में तुर्की लीरा का उपयोग थोड़ा सस्‍ता पड़ सकता है साथ ही मुख्‍य शहरों के लोगों से थोड़ा सावधान रहना आपके लिए लाभदायक होगा। इस्‍तांबुल के भीतर सार्वनजिक परिवहन पर यात्रा करना काफी सुविधाजनक है, इसमें आप मात्र 2 तुर्की लीरा में कितनी भी दूरी की यात्रा कर सकते हैं तथा तुर्की के लगभग सभी शहर और कस्‍बों तक बस सुविधा हैं।

तुर्की की लिपि लैटिन-रोमन है किंतु यहां अंग्रेजी भाषी ढूंढना थोड़ा कठिन कार्य होगा। तुर्की प्रमुखतः इस्लामिक देश है किंतु यहां पाश्‍चात्‍य सभ्‍यता भी देखने को मिलती है, जिसमें यहां स्थित दुनिया के सबसे बड़े चर्च भी शामिल हैं। यदि वेशभूषा की बात की जाये तो ये लोग दिमाग से यूरोपीय तथा दिल से एशियाई हैं अतः आपको यहां दोनों क्षेत्र की वेशभूषा देखने को मिल जाऐगी। यदि भोजन की बात की जाऐ तो यहां के लोग मांसाहार ज्‍यादा पसंद करते हैं फिर भी यहां शाकाहारी भोजन मिल जाता है।

चलों जानें तुर्की के कुछ प्रमुख पर्यटन स्‍थल के विषय में:

इस्‍तांबुल:
इस्‍तांबुल तुर्की का एक मात्र शहर है जो एशिया और यूरोप दोनों महाद्वीप में स्थित है। यह शहर इतना व्‍यापक है, जिसका भ्रमण आप चार दिन में भी नहीं कर सकते हैं। रोमनस्क्यू अया सोफिया, तोपकापी का तुर्क महल (विस्‍तृत हरम क्षेत्र के साथ), पुर्नजागरण शैली का डोलमाबहसे महल (चार झूमर), लगभग 4000 दुकानों का विशाल बाजार, नीली मस्जिद तथा समूद्र तट से तुर्की के गुंबद का विहंगम दृश्‍य जैसे अन्‍य खूबसूरत आधुनिक और ऐतिहासिक स्‍थल इस क्षेत्र की शोभा बढ़ा रहे हैं।

कैपाडोसिया:
इस्तांबुल से करीब 750 किमी की दूरी पर बसा कैपाडोसिया अपने नेचुरल एंड आर्टिस्टिक व्यू (aritstic view) के लिए जाना जाता है। यहाँ जाते ही आपको ऐसा महसूस होगा कि आप विश्व से कहीं दुर आ गए हैं। यहाँ कई छोटी-छोटी गुफाएं भी मौजूद है। आप शहर का भ्रमण हॉट एयर बैलून (hot air baloon) में सवार होकर भी कर सकते हैं।

पमुक्कले:
तुर्की में इसका अर्थ "कपास महल" है, यह परिदृश्य एक चॉकलेट केक पर की हुई अत्यधिक सुंदर आइसिंग की तरह लगता है। वहाँ देखे जाने वाले जमे हुए झरनों की पृष्ठभूमि पर प्राकृतिक अनन्तता पूल की एक श्रृंखला है, जो लगभग 33 डिग्री सेल्सियस पर लगातार खनिज युक्त नीले पानी को बहाता है।

तुर्की रिवेरा:
ईजियन और भूमध्य समुद्र तट के साथ अंटाल्या, अलान्या, कास, फेथिये और ओलुडेनज़ के समुद्र तट कस्बें विशाल टॉरोस पर्वत और फ़िरोज़ा नीले पानी के बीच में स्थित काफी सुंदर दृश्य प्रदान करते हैं। वहाँ के पर्वत की चोटी पर आप हाइकिंग भी कर सकते हैं।

इफीसस:
इफीसस में कुछ बेहतरीन संरक्षित ग्रीको-रोमन खंडहर हैं और यह हर साल, कुसादासी के नजदीकी बंदरगाह शहर से क्रूज जहाजों के माध्यम से लाखों पर्यटक यहाँ आते हैं। साथ ही खंडहरों में से अपने शानदार मुख के साथ एपोथेके या लाइब्रेरी बिल्डिंग (library building) शहर की शोभा है।

संदर्भ:
1.https://bit.ly/2CsEUF5
2.https://bit.ly/2V6LxnV
3.https://the-shooting-star.com/2012/08/30/travel-tips-turkey/



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id