रामपुर में नज़र आई कॉमन रोज़ तितली

लखनऊ

 15-12-2018 02:09 PM
तितलियाँ व कीड़े

रंग-बिरंगे पंख तुम्हारे, सबके मन को भाते हैं।
कलियाँ देख तुम्हें खुश होतीं फूल देख मुस्‍काते हैं।

उपरोक्‍त पंक्तियों से आपको ज्ञात हो ही गया होगा हम प्रकृति के किस खूबसूरत जीव की बात कर रहे हैं। उद्यानों विशेषकर फूलों के उद्यानों की अप्रतिम शोभा पर चार चांद लगाने वाली तितलियों की, जो किसी का भी मन मोह लेती हैं। यदि बात की जाए बच्‍चों की तो उनकी तो यह सखी होती है, बच्‍चे सहज ही इनकी ओर आकर्षित हो जाते हैं। प्रकृति में इन रंग बिरंगी तितलियों की विभिन्‍न प्रजातियां पायी जाती हैं। आज हम इनमें से ही एक रामपुर में विशेष रूप से देखी जाने वाली कॉमन रोज़ (Common Rose) तितली या पाचलीओप्टा अरिस्टोलोकिया (Pachliopta aristolochiae) के विषय में बात करेंगें। सामान्‍यतः ये तितलियां भारत, श्रीलंका, पाकिस्‍तान, नेपाल, भूटान, बांग्‍लादेश, म्‍यामांर आदि में पायी जाती हैं। वर्षाऋतु के दौरान ये तितलियां व्‍यापक रूप से पायी जाती हैं।

कॉमन रोज़ के अण्‍डे (लगभग 1.3-1.4 मिमी व्यास के) पीले रंग के द्रव्‍य से लेपित होते हैं तथा पौधों की सतह पर अकेले रखे होते हैं। यह मुख्‍य रूप से अरिस्टोलोकिया एक्युमिनाटा (Aristolochia acuminata) और अरिस्टोलोकिया एलिगेंस (Aristolochia elegans) की बेलों में ज्यादातर पाये जाते हैं। अरिस्टोलोकिया एक्युमिनाटा नम भूमि के घने जंगलों में भी पाये जाते हैं तथा कॉमन रोज़ के कीड़े इनकी पत्तियों और टहनियों से भोजन ग्रहण करते हैं। एक मादा कॉमन रोज़ तितली अरिस्टोलोकिया एक्युमिनाटा की पत्तियों के पूर्ण निरीक्षण के बाद ही उन पर अण्‍डे देती है। जिन्‍हें परिपक्‍व होने में लगभग तीन दिन का समय लगता है, अण्‍डे से बाहर निकला कीड़ा (लगभग 2.5 मिमी लम्‍बा) अण्‍डे के अवशेष को समाप्‍त कर विकास की अन्‍य प्रक्रिया की ओर अग्रसर होता है। इनके लाल या भूरे रंग के शरीर के पार्श्‍व में स्थित प्रत्‍येक जोड़े से गहरे रंग के छोटे-छोटे बाल निकलने लगते हैं, यह प्रक्रिया पृष्‍ठपार्श्‍व और पार्श्‍व (शरीर के प्रत्‍येक भाग में एक जोड़ी) की प्रक्रिया के साथ होती है। इनका सिर काला या भूरा होता है। विकास की पहली अवस्‍था (2.5-3 दिन तक) में यह 5 मीमी तक बढ़ता है तथा द्वितीय अवस्‍था (2 दिन तक) के विकास में उदर मांसपेशियों के तृतीय भाग में पृष्‍ठपार्श्‍व का जोड़ा विकसित होता है, यह पहली अवस्‍था से ज्‍यादा विकसित (लगभग 9 मीमी तक) होता है। इसी क्रमिक विकास में पांच अवस्थाएं (केटरपिलर (Caterpillar), पूर्वकोशित केटरपिलर, कोषस्थ कीट, वयस्‍क, कॉमन रोज़ वयस्‍क) होती हैं, जिसमें 11-11.5 दिन में एक पूर्ण तितली विकसित हो जाती है।

कॉमन रोज़ तितली के नर और मादा लगभग समान होते हैं, मादा तितली को इसके हल्‍के लाल रंग और गोल आकार के पंख से पहचाना जाता है, जो नर की तुलना में थोड़ी बड़ी होती है। नर और मादा को फूलों में एकत्रित होते हैं, ज्‍यादातर नर गिली मिट्टी में पाये जाते हैं। ये तितलियां पृथ्‍वी से 3-4 मीटर की ऊंचाई तक ही उड़ती हैं तथा अपने प्रवासन के लिए जानी जाती हैं। भारत में सामान्‍यतः कॉमन रोज़ उत्तर-पूर्व हिमालय (1,500 मी), उत्तर-पश्चिम हिमालय (910 मी.) पश्चिमी घाट तथा दक्षिण की भारतीय पहाडि़यों (2400 मी.) में पायी जाती हैं। अरिस्टोलोकिएसी वंश के जीव स्‍वयं को पक्षियों और सरिसृपों से बचाने के लिए अपने शरीर से अरिस्टोलोकिक एसिड (aristolochic acid) निष्‍कासित करते हैं, जो इनके शिकारियों के लिए विष का कार्य करता है।

संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Pachliopta_aristolochiae
2.http://butterflycircle.blogspot.com/2014/04/life-history-of-common-rose.html



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