लंदन के बिगबेन टावर का एक प्रतिरूप हुसैनाबाद घंटा घर

लखनऊ

 04-12-2018 11:20 AM
वास्तुकला 1 वाह्य भवन

हर शहर का इतिहास अपने अन्दर बहुत कुछ समेटे होता है, जो वहां रह रहे लोगों, उनकी बनाई वस्‍तुओं, उनकी विचारधाराओं, पहनावे तथा अन्‍य अनेक घटकों से झलकता है। ये सभी बातें उस शहर के इतिहास को ज़िंदा रखती हैं और उस शहर के ऐतिहासिक महत्व को बनाए रखती हैं। ऐसा ही गौरवमय इतिहास रहा है लखनऊ शहर का जिसे यहां के लोगों तथा यहां की ऐतिहासिक इमारतों ने जीवित रखा है। जिनमें से एक प्रसिद्ध इमारत है लंदन के बिगबेन घड़ी टावर (Big Ben Clock Tower) का प्रतिरूप अर्थात हुसैनाबाद घंटा घर।

लगभग 137 वर्ष पुराना यह घण्‍टा घर भारत का सबसे ऊंचा घण्‍टा घर है, जिसकी नींव (1881 में) नवाब नासीर-उद-दीन हैदर द्वारा रखी गयी। अवध के प्रथम लेफ्टिनेंट गवर्नर सर जॉर्ज कूपर के आगमन पर 1.75 लाख रुपये की लागत में यह घड़ी टावर तैयार कराया गया। सर जॉर्ज कूपर ने अपने शासन काल के दौरान इस क्षेत्र के प्रशासन में सुधार तथा विकास पर विशेष ध्‍यान दिया। रूमी दरवाज़े से सटे 221 फीट (67 मीटर) ऊंचे इस घड़ी टावर का ब्लूप्रिंट (Blueprint) रोस्केल पेन ने दिया था, जिन्‍होंने इसमें गोथिक (Gothic) और विक्‍टोरियन (Victorian) वास्‍तुकला का बड़ी ही खूबसूरती से प्रयोग किया।


यह वर्गाकार टावर लाल ईंटों से तैयार किया गया है, जिसमें चारों ओर चार घड़ी के डायल (Dial) हैं। इसमें प्रयोग किये गए विभिन्‍न पुर्जों को लडगेट हिल, लंदन से आयात किया गया था। घड़ी के विशाल पेंडुलम (Pendulum) की ऊंचाई 14 फीट है तथा इसके डायल में बनी फूल की 12 पंखुड़ियाँ (एक पंखुड़ी एक घण्टे को इंगित करती है), उसके चारों ओर घंटियों के रूप में है। यह डालय लंदन के बिग बेन की तुलना में बड़ा माना जाता है। टावर के शीर्ष में, एक छोटे-चमकदार गुंबद पर सवार पक्षी की संरचना वाला एक वायुगति फलक है। यह इमारत ब्रिटिश वास्तुशिल्प का एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है। 19वीं सदी के अंत तथा 20वीं सदी के प्रारंभ तक यहां के स्‍थानीय लोगों में से गिने-चुने लोगों के पास कलाई घड़ियाँ होती थीं, जिस कारण अधिकांश लोग समय जानने के लिए इस घण्‍टा घर पर निर्भर थे, जो इन्‍हें क्षण प्रतिक्षण समय के महत्‍व से अवगत कराता रहता था। इस घण्‍टाघर का मनोरम प्रतिबिंब पास के तालाब में देखा जा सकता है। आज यह घण्‍टा घर मात्र एक पर्यटन स्थल बन गया है।


अफसोस की बात है, इतने लम्‍बे समय के इतिहास को स्‍वयं में समेटे हुए यह घण्‍टाघर आज भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षण सूची में शामिल नहीं किया गया है तथा इसके प्रति उदासीनता दिखाई जा रही है। हुसैनाबाद और सहयोगी ट्रस्ट (HAT) के अधिकारी कहते हैं कि टावर की घड़ी 1984 तक पूर्णतः चलना बंद हो गयी थी, जिसे स्‍थानीय लोगों द्वारा पुनः प्रारंभ कराया गया। किंतु अब फिर से यह सुचारू रूप से नहीं चल रही है, 1999 में जिला प्रशासन ने घड़ी की मरम्मत कराने का प्रयास शुरू किया, लेकिन असफल रहे। 2004 में, घड़ी को ठीक करने का एक और प्रयास किया गया था, लेकिन यह प्रयास भी व्यर्थ रहा, क्योंकि इसके महत्वपूर्ण हिस्सों को चुरा लिया गया था। 2009 में एच.ए.टी. (HAT) ने घंटाघर को सही करने का एक और प्रयास किया और इस उद्देश्य के लिए एक एंग्लो स्विस कंपनी (Anglo Swiss Company) से संपर्क किया, किंतु घड़ी के महत्वपूर्ण हिस्से गायब होने के कारण कंपनी के अधिकारियों ने भी इसकी मरम्‍मत से इनकार कर दिया।


वर्तमान समय में हुसैनाबाद घंटाघर, अपने चारों ओर गंदगी जैसे कि खाली बियर की बोतलें, प्लास्टिक की बोतलें, सिगरेट, कूड़ा जैसे प्रदूषण से घिरा हुआ है। समय बताती इन घड़ी टावरों का विशेष महत्‍व शायद अब न रहा हो। किंतु वे अभी भी अपने समृद्ध इतिहास के कारण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Husainabad_Clock_Tower
2.http://www.lucknowpulse.com/2014/06/25/hussainabad-clock-tower/
3.https://www.hindustantimes.com/lucknow/lucknow-s-historic-hussainabad-clock-tower-others-waiting-to-catch-up-with-time/story-zLMidN3oiAuAhgAPLtObwN.html
4.https://lucknow.me/save-our-heritage-ghanta-ghar-hussainabad/



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id