लोग अपने जीवन में अपनी पसंद की चीजों या प्राचीन और दुर्लभ चीजों का संग्रह बड़े शौक से करते हैं। परंतु, यदि यह शौक जीवन संवारने का कारण बने, तो क्या कहना। आपने ऐसे भी लोगों को अपने इर्द-गिर्द देखा होगा जिन्हें पुरानी चीजों को संग्रह करना अच्छा लगता है। पुरानी किताबें, फर्नीचर (Furniture) या सिक्के इत्यादि। इनके इस प्रकार के संग्रहों की कीमत लाखों में होती है, जी, हां लाखों में, परन्तु यदि ये सुन कर आप भी कुछ दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह कर अच्छे दामों में बेचने का सोच रहे हैं तो हम आपको बता दें कि हर पुरानी वस्तु मूल्यवान नहीं होती है। संग्रह करते समय ध्यान रखें कि इस वस्तु को आप मूल्यवान समझ कर संभालकर रख रहे हैं वो कहीं कबाड़ा ना निकले। आपको अपने संग्रह को मूल्यवान बनाने के लिये निम्न बातों पर ध्यान देना होगा:
1. संग्रह से पहले विचार कर लें कि किस वस्तु का संग्रह आपके लिये उचित होगा:
कला, प्राचीन वस्तुएं और विंटेज कार से विस्की और शराब तक एक अच्छा विकल्प है इनका संग्रह करके अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है। प्राचीन वस्तुओं में निवेश करना एक अचल संपत्ति में निवेश के समान होता है। परंतु ध्यान रखें कि इनकी कीमतों में उतार चढ़ाव बना रहता है। कला और विंटेज कार में निवेश भी एक फायदे का सौदा हो सकता है। पुराने सिक्कों की बात करें तो ये भी काफी मूल्यवान हो सकते हैं, इनकी कीमत भी लाखों में होती है। इनके आलावा आप कॉमिक्स (Comics), डाक टिकट, पोस्टकार्ड, बोतलों के ढक्कन तथा फिल्में आदि का भी संग्रह कर सकते हैं। आप चाहें जिसका भी संग्रह करें इस बात पर जरूर ध्यान दें कि उसका बाजार मूल्य अर्थात मार्केट वैल्यू (Market Value) कितना है और क्या समय का उसकी कीमत पर प्रभाव पड़ता है।
2. जाने असली और नकली में पहचान:
प्राचीन वस्तुओं की नकल बनाना बहुत आसान होता है। यदि आप क्लासिक या विंटेज वस्तु खरीद रहे हैं तो हमेशा पेशेवर डीलर से खरीदें या उनकी सलाह लें। प्राचीन संग्रह का एक बड़ा बाजार नागपुर में भी है, वहां के एक डीलर मोहम्मद जावेद अपनी किशोर अवस्था से इस व्यवसाय में शामिल हैं और इस प्रकार का काफी क़ीमती सामान वर्षों से बेच रहे हैं। मोहम्मद इब्राहीम जो की प्राचीन वस्तुओं के लोकप्रिय डीलर हैं और वाराणसी की न्यूमिज़्मेटिक सोसाइटी के एक सक्रिय सदस्य हैं, उन्होंने राजाओं के जमाने के 300 साल पुराने सिक्कों को भी बेचा है। डुप्लिकेट वस्तुओं से बचने के लिये आप ऐतिहासिक काल के विशिष्ट कैटलॉग और विभिन्न पैटर्न का अध्ययन भी कर सकते हैं।
3. अपने शौक को अपनी लत ना बनने दें:
शौक और लत के बीच एक बारीक रेखा होती है। कीमती वस्तुओं का संग्रह करने का शौक कब एक लत बन जाये कहा नहीं जा सकता। कीमती सामान इकट्ठा करने का शौक एक मनोवैज्ञानिक स्थिति बन भी सकती है, कई व्याक्तियों में अपने संग्रह को बढ़ाने का जूनून इतना बढ़ जाता है कि वे अधिक से अधिक पैसा खर्च कर देते हैं और बाद में समय के साथ उनके संग्रह की बाजारी मूल्य इतनी कम हो जाती है कि वे अपना लगाया हुआ धन भी उस संग्रह को बेच कर भी नहीं निकाल पाते।
कई लोग कॉमिकों को इक्कठा करना पसंद करते हैं। उनके आपको द्वितीय विश्व युद्ध के काल की सुपरमैन कॉमिक्स, सिल्वर युग और 1980 से पहले मुद्रित कॉमिक्स के कई प्रकाशन आदि देखने को मिल जाएंगे। कुछ लोगों का तो ये जुनून है कि वे कॉमिको पर सालाना हजारों डॉलर खर्च कर देते हैं। इनमें से कई लोगों को अपने संग्रह से इतना भी नहीं मिल पाता कि वे खुद के लागये हुए पैसे भी निकाल लें। ये बुद्धिमता नहीं होती है। संग्रह इस प्रकार करना चाहिये कि जो आय आप लगा रहे हो उससे अधिक या कम से कम उतना मूल्य ही आपको वापिस मिल जाए।
4. हर वस्तु की समय के साथ कीमत नहीं बढ़ती:
हर व्यक्ति यही सोचता है कि समय के साथ उसके संग्रह की कीमत बढ़ जाएगी, परंतु ऐसा नहीं है। ऐसी कई बहुमूल्य वस्तु हैं जिनके मूल्य पर समय का प्रभाव पड़ा है। एक दौर था जब रोज़विल पोट्टेरी (Roseville Pottery) का संग्रह मानो कई लोगों के लिए एक जुनून सा बन गया था। इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि इसकी कीमतें आसमान छूने लगी, इंटरनेट पर भी ये मानो छा गये थे। परंतु समय बदला और लोगों ने इसका संग्रह करना कम कर दिया और इसकी कीमतें भी घट गई। आज ये उतने कीमती नहीं है जितने की 20वीं शताब्दी में हुआ करते थे। 80 और 90 के दशक में, "पेंटर ऑफ लाइट" (Painter of Light) के नाम से जाने जाने वाले थॉमस किन्काडे की पेंटिग भी बहुत मसहुर थी। लोग इनका संग्रह करने के लिये कोई भी कीमत देने को तैयार थें। परंतु 2000 के दशक के आते आते इनका जुनून भी खत्म हो गया। हमल फिगरिन (Hummel Figurines), कॉमिक बुक, स्मारक प्लेटें, बेसबॉल कार्ड्स, लंच बॉक्स आदि भी कुछ ऐसे ही उदाहरण है जिनका जुनून लोगों में कुछ समय तक ही रहा।
संदर्भ:
1.https://www.thestreet.com/slideshow/13567213/1/10-collections-that-have-lost-their-value-and-why.html
2.https://timesofindia.indiatimes.com/city/nagpur/In-the-business-of-rarity/articleshow/55640886.cms
3.https://www.thesimpledollar.com/hobbies-that-retain-or-create-value/
4.https://www.cnbc.com/2013/12/03/profit-making-passions-hobbies-as-alternative-investments.html#slide=1
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